Last Updated:July 04, 2025, 22:48 IST
Herald Case: सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से नेशनल हेराल्ड केस में आज एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें दी. सिंघवी का कहना है कि इस मामले में राजनीति आगे आ चुकी है और कानून कहीं दूर पीछे ...और पढ़ें

आज सोनिया और राहुल का पक्ष कोर्ट में रखा गया. (File Photo)
हाइलाइट्स
राहुल गांधी और सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड केस में आरोपी हैंअभिषेक मनु सिंघवी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में सोनिया-राहुल का पक्ष रखाइससे पहले ईडी की तरफ से एएसजे राजू ने दलीलें दी थी.नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की तरफ से दो दिन तक दलीलें पेश किए जाने के बाद आज वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पक्ष रखा. सिंघवी ने राउज एवेन्य कोर्ट में कहा कि अगर AJL को टाटा या बिड़ला ने लिया होता तो क्या तब भी मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता? यही होता है जब राजनीति सबसे ऊपर हो जाती है और कानून सबसे आखिरी में चला जाता है. सिंघवी ने कहा कि किसी भी कानून चाहे वो संवैधानिक हो या सामान्य हो, उसमें कहीं भी यह नहीं लिखा कि कोई व्यक्ति अपना दिया हुआ कर्ज वसूल नहीं सकता. ऐसा रोकने वाला कोई कानून ही नहीं है.
कोई ऐसी बेवकूफी क्यों करेगा?
सिंघवी ने कहा कि कानून खुद यह चाहता है कि NPA (Non-Performing Assets) खत्म हो. यहां जो कुछ हुआ वो कई सालों में हुआ है. ये सारे कर्ज वो हैं जो कांग्रेस ने उस समय दिए जब AJL (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) गंभीर आर्थिक संकट में थी. किसी भी कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए शेयर ट्रांसफर करना और उस कंपनी को फिर से खड़ा करना पूरी तरह से कानूनी है. क्या कोई इतनी बड़ी बेवकूफी करेगा? सिंघवी ने सवाल उठाया, “बताइए, कोई व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग क्यों करेगा जब सामने वाली कंपनी Not-for-Profit है? क्या कोई इतना बड़ा मूर्ख हो सकता है?
अगर टाटा-बिड़ला देते कर्ज तो…
अभिषेक मनु सिंघवी ने उदाहरण देते हुए कहा, “मान लीजिए AJL का यही कर्ज अगर टाटा या बिड़ला समूह ले लेते, तो क्या तब भी आप मनी लॉन्ड्रिंग कहते? क्या तब भी आप यही कहते कि उन्होंने यह कर्ज एक Not-for-Profit कंपनी में डाला, तो वो मनी लॉन्ड्रिंग है? मनी लॉन्ड्रिंग तो तब होती जब AJL की कोई प्रॉपर्टी कहीं और ट्रांसफर होती. यहां तो AJL की एक भी संपत्ति कहीं नहीं गई. फिर मनी लॉन्ड्रिंग कैसे? सिंघवी का कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां कानून पीछे चला गया, राजनीति आगे आ गई. यह वही स्थिति है जहां राजनीति सबसे ऊपर आ जाती है और कानून पीछे छूट जाता है. मामले में सिंघवी कोर्ट में शनिवार को भी अपना पक्ष रखेंगे.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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