तीन दिन बर्बाद, चौथे दिन संसद में होगा कोई काम? स्‍पीकर ओम बिरला की खरी-खरी

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Last Updated:July 24, 2025, 09:06 IST

Parliament Monsoon Session LIVE: संसद का मानसून सत्र काफी चर्चित और सनसनीखेज रहा है. पहलगाम अटैक, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में वोटर लिस्‍ट रिवीजन को लेकर विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं. उपराष्‍ट्रपति और राज्‍...और पढ़ें

तीन दिन बर्बाद, चौथे दिन संसद में होगा कोई काम? स्‍पीकर ओम बिरला की खरी-खरी

संसद के मानसून सत्र का गुरुवार 24 जुलाई 2025 को चौथा दिन है.

Parliament Monsoon Session LIVE: संसद का मानसून सत्र सोमवार 21 जुलाई 2025 को शुरू हुआ. आज यानी गुरुवार 24 जुलाई को सत्र का चौथा दिन है. सत्र का पहला तीन दिन यूं ही बर्बाद हो चुका है. विपक्षी दलों की ओर से विभिन्‍न मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोकसभा के स्‍पीकर ओम ब‍िरला को यहां तक कहना पड़ गया किया गली छाप व्‍यवहार को संसद के अंदर तक लाया जा रहा है. बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष संशोधन अभियान को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. नारेबाजी और प्लेकार्ड लहराते हुए विपक्षी सांसद दोनों सदनों के वेल में पहुंचे, जिससे दोपहर बाद की कार्यवाही पूरी तरह ठप हो गई.

लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, कुछ ही मिनटों में जनतादल (यूनाइटेड) के सांसद गिरीधारी यादव ने बिहार में रेल नेटवर्क के विकास पर सरकार को घेरने की कोशिश की. इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने SIR के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया, जिससे सदन को पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. दोपहर 12 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, जहां बीजेपी सांसद संध्या राय ने संसदीय दस्तावेजों को सदन में पेश किया और दो विधेयकों को संसद में रखा गया, लेकिन विपक्ष का विरोध जारी रहा, जिससे कार्यवाही दोबारा दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई. दोपहर बाद जब सदन फिर से बैठा, तो हंगामा थमने की बजाय और तेज हो गया. आखिरकार दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी.

स्पीकर का तीखा तंज

लगातार हंगामे से खिन्न लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कुछ सदस्य संसद को गली छाप जैसा व्यवहार दिखाने का मंच बना रहे हैं. उन्होंने सांसदों से आत्ममंथन करने की अपील करते हुए कहा कि लोकतंत्र में बहस की संस्कृति होनी चाहिए, न कि बाधा डालने की. राज्यसभा में भी विपक्ष के विरोध के चलते तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने के बाद थोड़ी ही देर में पहली बार स्थगन हुआ, फिर दोपहर 12 बजे दोबारा. तीसरी बार 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो कुछ ही मिनटों में उसे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया. इससे पहले, सदन में ‘कैरेज ऑफ गुड्स बाय सी बिल, 2025’ पर बहस शुरू हुई थी. शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि यह विधेयक 100 साल पुराने कानून की जगह लेगा और समुद्री माल परिवहन से जुड़े दायित्व, अधिकार और सुरक्षा को परिभाषित करेगा.

मानसून सत्र की शुरुआत से ही गतिरोध

मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई थी और अब तक तीनों दिन संसद में कोई ठोस कामकाज नहीं हो सका है. राज्यसभा केवल ‘बिल्स ऑफ लैडिंग बिल’ पारित कर पाई है, बाकी महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा या पारित नहीं हो सका है. अब देखना यह होगा कि गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कोई समझ बनती है या सत्र का अगला दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ता है.

Sansad Monsoon Session LIVE: जस्टिस यशवंत वर्मा मामले पर दिनभर बैठकों का दौर

संसद का मानसून सत्र लाइव: जस्टिस यशवंत वर्मा पर लाए जाने वाले रिमूवल प्रस्ताव को लेकर बुधवार को दिनभर संसद में सरकार की ओर से बैठक होती रही. सरकार की ओर से गृहमंत्री अमित शाह और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने दोनों सदनों के महासचिवों के साथ बैठक की. लोकसभा में रिमूवल प्रस्ताव के लिए दिए गए पत्र के बाद भी राज्यसभा में दिए जाने वाले प्रस्ताव को स्वीकार करने की लीगल समीक्षा की जा रही है. फिलहाल अंतिम निर्णय होना बाकी है. राज्यसभा के उपसभापति भी इस मसले पर अधिकारियों के साथ सलाह मशविरा कर रहे हैं.

Sansad Monsoon Session LIVE: विपक्ष पर हमलावर गोवा के मुख्‍यमंत्री

संसद का मानसून सत्र लाइव: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने विपक्ष पर संसद में हंगामा करके और गोवा विधानसभा में आदिवासियों के लिए निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित करने संबंधी बहुप्रतीक्षित विधेयक को पेश करने में बाधा डालकर अनुसूचित जनजाति समुदायों का अपमान करने का आरोप लगाया. गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक-2024, विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित करने का प्रस्ताव करता है, जहां वर्तमान में एसटी के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है. सावंत ने कहा, ‘यह विधेयक गोवा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसका प्रस्तुतीकरण यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था कि हमारे आदिवासी समुदायों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनका उचित हिस्सा और आवाज़ मिले.’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने लोकसभा में हंगामा करके और ऐतिहासिक एवं बहुप्रतीक्षित विधेयक को पेश करने में बाधा डालकर एक बार फिर अपना असली चरित्र उजागर कर दिया.

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