Last Updated:April 13, 2025, 21:45 IST
Tahawwur Rana Extradition: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से दिल्ली लाने में 4 करोड़ रुपये खर्च हुए. एनआईए ने गल्फस्ट्रीम G550 जेट का उपयोग किया. जिसे उसने वियना स्थित एक प्राइवेट कंपनी से कि...और पढ़ें

तहव्वुर हुसैन राणा को लाने के लिए इस विमान का उपयोग ऑपरेशन की संवेदनशीलता को बताता है.
हाइलाइट्स
तहव्वुर राणा को भारत लाने में 4 करोड़ रुपये खर्च हुएएनआईए ने गल्फस्ट्रीम G550 जेट विमान किराये पर लियाइसे वियना की एक प्राइवेट कंपनी से किराए पर लिया गया थाTahawwur Rana Extradition: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Hussain Rana) दिल्ली पहुंच चुका है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम गुरुवार को पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को अमेरिका के मियामी से एक विशेष चार्टर्ड विमान से नई दिल्ली लेकर आई. एनआईए ने तहव्वुर राणा को लाने के लिए गल्फस्ट्रीम G550 जेट विमान का इस्तेमाल किया. जिसे वियना स्थित एक प्राइवेट कंपनी से किराए पर लिया गया था. यह एक सुपर मिड-साइज, अल्ट्रा-लॉन्ग-रेंज बिजनेस जेट है, जो अपनी शानदार इंटीरियर और उच्च-स्तरीय सुविधाओं के लिए जाना जाता है.
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही तहव्वुर राणा की आखिरी अपील खारिज हुई, मुंबई के 26/11 हमले के मास्टरमाइंड के भारत प्रत्यर्पण की तैयारियां शुरू हो गईं. बुधवार की सुबह अमेरिकी मार्शल तहव्वुर राणा को भारी सुरक्षा में मियामी एयरपोर्ट लेकर पहुंचे. अमेरिकी मार्शल अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अधीन एक फोर्स है, जिसे विशेष कैदियों की सुरक्षा में लगाया जाता है.मियामी एयरपोर्ट पर पहले से ही एनआईए और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के ब्लैक कैट कमांडो मौजूद थे और उनके साथ गल्फस्ट्रीम-जी 550 चार्टर प्लेन भी था. 64 वर्षीय तहव्वुर राणा को गुरुवार शाम को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.
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खर्च हुए 4 करोड़ रुपये
इसके बाद तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है. अब जांच एजेंसी तहव्वुर राणा से 2008 हमलों की पूरी साजिश के बारे में पूछताछ करेगी. तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने का ऑपरेशन जितना संवेदनशील था, उतना ही खर्चीला भी. तहव्वुर राणा को अमेरिका के मियामी से भारत लाने के लिए जिस लग्जरी चार्टर्ड प्लेन का इस्तेमाल किया गया उसका किराया करीब चार करोड़ रुपये था. मियामी से दिल्ली तक के सफर में 40 घंटे लगे. यानी इस विमान पर एक घंटे में 10 लाख रुपये खर्च हुए.
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10 गुना ज्यादा हुआ खर्चा
आम तौर पर मियामी से दिल्ली तक का बिजनेस क्लास का टिकट करीब चार लाख रुपये का है. तहव्वुर राणा को लाने के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के तीन बड़े अधिकारी अमेरिका गए थे. उनके साथ एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो भी थे. एनएसजी कमांडो की सही संख्या ज्ञात नहीं है. लेकिन अगर अनुमान लगाया जाए तो तहव्वुर राणा सहित टीम में दस लोग रहे होंगे. यानी दस लोगों के टिकट का किराया 40 लाख रुपये लगता. इस हिसाब से भारत ने लगभग दस गुना ज्यादा खर्च किया.
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चार्टर्ड प्लेन एक सुरक्षित विकल्प
सवाल उठता है कि तहव्वुर राणा को लाने के लिए इतनी बड़ी रकम क्यों खर्च की गई? तो इसका जवाब है- सुरक्षा. दरअसल, तहव्वुर राणा एक हाई-प्रोफाइल आतंकी है और उसके प्रत्यर्पण में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत थी. ऐसे मामलों में चार्टर्ड प्लेन ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प माना जाता है. ताकि किसी भी तरह की अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके. गल्फस्ट्रीम-550 एक मिड साइज बिजनेस जेट है जिसमें क्रू सहित कुल 19 लोग सवार हो सकते हैं. इसकी रेंज करीब 12 हजार किलोमीटर है. अमेरिका की एयरफोर्स और नेवी भी इस विमान का इस्तेमाल करती है.
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उठानी पड़ेगी बड़ी वित्तीय लागत
राणा का मामला अपने अंतरराष्ट्रीय आयामों और राज्य प्रायोजित आतंकवाद से संभावित संबंधों के कारण अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है. उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सिर्फ एक हाई-प्रोफाइल कैदी की सुरक्षा के बारे में नहीं है, बल्कि भारत के सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक की चल रही जांच के एक महत्वपूर्ण हिस्से को सुरक्षित करने के बारे में भी है. तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से दिल्ली में बड़े पैमाने पर सुरक्षा अभियान शुरू हो गया है, जिसकी सरकार को बड़ी वित्तीय लागत उठानी पड़ सकती है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 12, 2025, 15:31 IST