ड्रीमलाइनर की 11 खामियां यात्रियों के लिए बन सकती हैं नाइटमेयर, कई बार जांच

22 hours ago

Last Updated:June 12, 2025, 17:31 IST

Boeing Dreamliner Fault : बोइंग अपने ड्रीमलाइन विमान को दुनियाभर में बेच रही है, लेकिन इसकी खामियों पर लगातार पर्दा भी डाल रही है. पिछले साल ही कंपनी के एक इंजीनियर ने कई तरह की खामियों का खुलासा किया था.

ड्रीमलाइनर की 11 खामियां यात्रियों के लिए बन सकती हैं नाइटमेयर, कई बार जांच

बोइंग के ड्रीमलाइनर विमान के साथ तमाम तकनीकी खामियां सामने आई हैं.

हाइलाइट्स

बोइंग ड्रीमलाइनर में 11 खामियां उजागर हुईं.इंजीनियर ने निर्माण में शॉर्टकट अपनाने का दावा किया.DGCA ने 2013 में बैटरी समस्याओं के कारण 6 विमान ग्राउंड किए.

नई दिल्‍ली. एयर इंडिया का अहमदाबाद में क्रैश हुआ विमान जिस कंपनी का है, वह कई समस्‍याओं से जूझ रहा है. इस ड्रीमलाइनर विमान को बनाने वाली कंपनी भले ही इसके हाईटेक होने का दावा कर रही है, लेकिन पिछले साल ही इसका निर्माण करने वाली कंपनी बोइंग के इंजीनियर ने खामियों को उजागर किया था. उस व्हिसलब्‍लोअर ने कहा था कि कंपनी अपने ड्रीमलाइनर 787 विमानों के निर्माण में शॉर्ट कट अपना रही है, जो जोखिम पैदा कर सकता है.

भारत में मौजूद एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर फ्लीट के खराब रखरखाव को लेकर भी कई रिपोर्ट सामने आ चुकी है. भारतीय नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने साल 2013 में बैटरी समस्याओं के कारण एयर इंडिया के छह 787 विमानों को ग्राउंड किया था. कई मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है क‍ि हाल में हादसे का शिकार बना एयर इंडिया का विमान तकनीकी खराबी की वजह से ही 2 दिनों से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर खड़ा था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या दुनियाभर के एयरलाइंस की पसंद बनता जा रहा यह विमान खामियों से जूझ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर विमान में 7 बड़ी कमियों की ओर इशारा किया जा रहा है.

फ्यूजलेज और संरचनात्मक खामियां
साल 2024 में बोइंग ने पाया कि कुछ गैर-वितरित 787 ड्रीमलाइनर विमानों के फ्यूजलेज में 900 से अधिक फास्टनर गलत तरीके से स्थापित किए गए थे. ये फास्टनर, जो फ्यूजलेज को लॉन्गरॉन्स (संरचनात्मक समर्थन) से जोड़ते हैं, गलत साइड (हेड के बजाय नट) से टॉर्क किए गए थे. यह समस्या दक्षिण कैरोलिना के प्लांट में पाई गई, लेकिन बोइंग ने कहा कि इससे उड़ान सुरक्षा पर तत्काल खतरा नहीं है.

शिमिंग और गैप समस्याएं
साल 2020 से 2022 तक बोइंग ने पाया कि कुछ 787 विमानों में शिम्स गलत आकार के थे और फ्यूजलेज की सतह जो सपाट होनी चाहिए, उस मानक को पूरा नहीं करते हैं. ये खामियां फ्यूजलेज के पास खासतौर से नोज और पिछले हिस्सों में पाई गईं. इनके कारण साल 2020 में आठ विमानों को सेवा से हटाया गया और 2021-2022 में डिलीवरी रुकी रही.

स्‍ट्रक्‍चरल समस्‍या
साल 2020 में बोइंग ने दो अलग-अलग फ्यूजलेज खामियां पाईं, जो एक साथ होने पर संरचनात्मक अखंडता को प्रभावित कर सकती थी. इनमें फ्यूजलेज के पिछले हिस्से में अनुचित जोड़ और छोटे गैप शामिल थे, जिससे समय के साथ इसके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता था.

व्हिसलब्लोअर का दावा
साल 2024 में बोइंग के इंजीनियर सैम सेलहपुर ने दावा किया कि 787 के फ्यूजलेज की त्वचा असमान थी और गलत फास्टनिंग के कारण विमान हजारों उड़ानों के बाद हवा में टूट सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों ने गैप छिपाने के लिए इन हिस्सों पर काफी दबाव बनाया, जिससे विमान का जीवनकाल कम हो गया है. अमेरिकी FAA ने इसकी जांच भी की थी.

टाइटेनियम पार्ट्स में खराबी
साल 2021 में बोइंग ने पाया कि पिछले तीन वर्षों में टाइटेनियम पार्ट्स (फ्यूजलेज फ्रेम और फ्लोर बीम फिटिंग्स) गलत मिश्र धातु से बने थे. ये पार्ट्स इटली की कंपनी लियोनार्डो द्वारा प्राप्त किए गए थे. इस खराबी से 450 से अधिक ड्रीमलाइनर प्रभावित हुए, जिसके कारण FAA ने जांच शुरू की. यह तत्काल उड़ान सुरक्षा के लिए खतरा नहीं था, लेकिन दीर्घकालिक स्थायित्व पर सवाल उठे.

2025 में धोखाधड़ी घोटाला
इटली में जांच में पता चला कि MPS और इसके उप-आपूर्तिकर्ताओं ने 4,800 से अधिक दोषपूर्ण पार्ट्स की आपूर्ति की, जिनमें संरचनात्मक फिटिंग्स और हाइड्रोलिक सिस्टम शामिल थे. इन पार्ट्स में क्‍वालिटी सर्टिफिकेट नकली थे, जिसके कारण FAA ने 145 ऑपरेशनल ड्रीमलाइनर की जांच का आदेश दिया.

कार्बन फाइबर कम्पोजिट में प्रदूषण
साल 2021 में FAA के एक मेमो के अनुसार, मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज (जापान), जो 787 के कार्बन कम्पोजिट विंग्स बनाती है, ने पाया कि कार्बन फाइबर कम्पोजिट सामग्री में प्रदूषण था. यह प्रदूषण विंग्स और फ्यूजलेज के हिस्सों के जोड़ को कमजोर कर सकता था. यह समस्या 1,000 से अधिक ड्रीमलाइनर में मौजूद हो सकती है, जिसके कारण डिलीवरी में और देरी हुई.

बैटरी की समस्याएं
साल 2013 में बोइंग 787 में लिथियम-आयन बैटरी से संबंधित समस्याएं सामने आईं. बोस्टन में जापान एयरलाइंस के एक 787 की बैटरी में आग लग गई और ऑल निप्पॉन एयरवेज (ANA) के विमान में बैटरी का वोल्टेज अचानक शून्य के करीब पहुंच गया. इन घटनाओं के कारण वैश्विक स्तर पर 787 की उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं. बैटरी की खराबी का कारण शॉर्ट सर्किट और थर्मल रनवे था. बोइंग ने बाद में बैटरी डिजाइन में सुधार किया, जिसमें ओवरचार्जिंग रोकने और आग को नियंत्रित करने के लिए सिस्टम जोड़े गए.

हॉरिजॉन्टल स्टेबलाइजर में खराबी
साल 2020 में बोइंग ने पाया कि सॉल्ट लेक सिटी प्लांट में हॉरिजॉन्टल स्टेबलाइजर के कुछ हिस्सों को अत्यधिक प्रेशर से जोड़ा गया है, जिससे गैप सत्यापन और शिमिंग प्रभावित हुई. यह समस्या 900 से अधिक विमानों में हो सकती थी, जिसके लिए FAA ने जांच शुरू की. साल 2023 में हॉरिजॉन्टल स्टेबलाइजर में एक अटैचमेंट फिटिंग की खराबी पाई गई, जिसके कारण डिलीवरी में फिर से देरी हुई. यह फिटिंग एक आपूर्तिकर्ता द्वारा प्रदान की गई थी और इसे ठीक करने में प्रति विमान कुछ सप्ताह लगने की उम्मीद थी.

इंजन में समस्याएं
बोइंग 787 में दो इंजन विकल्प हैं रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 और जनरल इलेक्ट्रिक GEnx. रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 में कई समस्याएं सामने आई हैं: साल 2010 के दशक में ट्रेंट 1000 इंजनों में ब्लेड में जंग और क्रैकिंग की समस्या पाई गई, जिसके कारण कई एयरलाइंस (जैसे ANA, वर्जिन अटलांटिक, एयर न्यूज़ीलैंड) को अपने 787 विमानों को ग्राउंड करना पड़ा. इंजन मरम्मत और निरीक्षण में देरी के कारण वियतनाम एयरलाइंस और ANA जैसी एयरलाइंस को शेड्यूल में कटौती करनी पड़ी.

उत्पादन में जल्दबाजी
व्हिसलब्लोअर और कर्मचारियों ने दावा किया कि दक्षिण कैरोलिना के नॉर्थ चार्ल्सटन प्लांट में डिलीवरी डेडलाइन को पूरा करने के लिए गुणवत्ता से समझौता किया गया. कर्मचारियों ने कंपनी की ओर से ‘स्लॉपी असेंबली’ और दोषों को नजरअंदाज करने का दबाव बताया. FAA ने पाया कि बोइंग के पास प्रत्येक विमान की विस्तृत कॉन्फिगरेशन डेटा नहीं था, जिससे दोषों का पता लगाना और ठीक करना मुश्किल हो गया. इसके बाद FAA ने बोइंग की निगरानी को साल 2022 से कड़ा किया है और डिलीवरी से पहले प्रत्येक 787 की अंतिम जांच स्वयं करने का फैसला किया है. इन खामियों के कारण 2020 से 2022 तक 787 की डिलीवरी कई बार रुकी, जिससे बोइंग को 6.3 अरब डॉलर का अतिरिक्‍त खर्चा करना पड़ा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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