Last Updated:June 26, 2025, 21:53 IST

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले. (पीटीआई)
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने बृहस्पतिवार को मांग की कि कांग्रेस को 50 साल पहले इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के लिए माफी मांगनी चाहिए. होसबाले ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि क्या दो शब्दों – समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष – को संविधान में बरकरार रखा जाए, जिन्हें आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार द्वारा संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था.
पच्चीस जून 1975 को घोषित आपातकाल के दिनों को याद करते हुए होसबोले ने कहा कि उस दौरान हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया और उन पर अत्याचार किया गया, वहीं न्यायपालिका और मीडिया की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाया गया. आरएसएस नेता ने कहा कि आपातकाल के दिनों में बड़े पैमाने पर जबरन नसबंदी भी की गई. उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने ऐसी चीजें कीं, वे आज संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं. उन्होंने अभी तक माफी नहीं मांगी है… वे माफी मांगें.”
कांग्रेस पर हमला करते हुए होसबोले ने कहा, “आपके पूर्वजों ने ऐसा किया… आपको इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.” मजेदार बात यह है कि आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम हो रहा है आंबेडकर भवन में और कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है खुद इंदिरा गांधी के नाम पर बना इंदिरा गांधी आर्ट एंड कल्चरल सेंटर. होसबोले ने आगे कहा कि नई पीढ़ी को आपातकाल के बारे में पता नहीं है उनको बताने का दायित्व हमारा है अन्यथा पुराने मित्र ही इकट्ठे होकर स्मृति याद करते रहेंगे.
आरएसएस नेता ने कहा, “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को सभी यूनिवर्सिटी में कॉलेजों में आपातकाल पर कार्यक्रम आयोजित कर नई पीढ़ी को बताना चाहिए. इंदिरा गांधी तीन मोर्चे पर हार गई थी कोर्ट में, गुजरात में विधानसभा चुनावों में, जनता की अदालत में भी हार गईं, देश भर में आंदोलन उनके खिलाफ शुरू हो चुके थे.”
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कांग्रेस आज भाजपा पर आरोप लगाती है कि भाजपा संविधान बदल देगी हमने तो नहीं बदला, लेकिन कांग्रेस ने 1975 में संविधान बदल दिया था संविधान खत्म कर दिया था. गडकरी ने कहा कि विचार भिन्नता से ज्यादा विचार शून्यता आज की बड़ी समस्या है. उस समय लोग चाटुकारिता करने लगे थे. नई पीढ़ी को यह इतिहास पता होना चाहिए लोकतंत्र का दमन कभी भी नहीं होना चाहिए, लोग संघर्ष नहीं करते तो आज यह दिन नहीं दिखता. भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्य ने कहा कि आपातकाल के दिनों में अत्याचार की अति हो गई थी और सबसे ज्यादा संघर्ष आपातकाल के खिलाफ आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने किया था.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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