जीभ पर किया होता कंट्रोल तो 8 लाख का नहीं लगता चूना, कैसे बर्बाद हुआ परिवार

1 month ago

Last Updated:March 07, 2025, 14:04 IST

Mumbai News: जो लोग बाहर खाना खाने के शौकिन है ये खबर उनके काम की है. कैस एक परिवार के लिए रात का डिनर एक महीने के लिए सिरदर्द बन गया और उन्हें अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े. महिला ने अब कसम खाई है कि वह बाहर खान...और पढ़ें

जीभ पर किया होता कंट्रोल तो 8 लाख का नहीं लगता चूना, कैसे बर्बाद हुआ परिवार

चिकन बिरयानी खाने के चक्कर में परिवार को लगा 8 लाख रुपये का झटका

हाइलाइट्स

मुंबई के कुर्ला की शेख परिवार के लिए एक डिनर पार्टी एक बड़ी मुसीबत बन गई.महिला ने 21 दिनों तक ट्यूब के जरिये खाना खाया.महिला ने कहा, अब बिरयानी न खाएंगी और न बनाएंगी.

मुंबई: किसी ने सच कहा है कि जीभ पर कंट्रोल होना बहुत जरूरी है नहीं तो यह आपको डूबा सकती है और यह बात मुंबई के शेख परिवार पर बिल्कुल सटीक बैठती है. मुंबई के कुर्ला की शेख परिवार के लिए एक डिनर पार्टी एक बड़ी मुसीबत बन गई. 3 फरवरी को 34 वर्षीय रूबी शेख (बदला हुआ नाम) परिवार के साथ बाहर खाना खाने का प्लान बनाया. इसके चलते वह अपने एरिया के एक रेस्टोरेंट में गए. परिवार को चिकन और बिरयानी से बहुत प्यार था इसलिए खाने में चिकन बिरयानी का ऑर्डर दिया. उन्हें नहीं पता था कि एक चिकन की हड्डी उनके गले की फंस बन जाएगी और परिवार को एक महीने तक अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े. रूबी, जिसे 21 दिनों तक ट्यूब के माध्यम से खाना खाया उसने अपने पति से कहा है कि वह अब बिरयानी नहीं खाएगी और न ही बनाएगी.

रूबी शेख का केस का केस जब डॉक्टरों के पास आया तो डॉक्टर भी हैरान रह गए. असल में जीभ के चटोरेपन और सस्ती बिरयानी के चलते रूबी को इन सब परेशानियों को सामना करना पड़ा है. रूबी का पति एक स्थानीय फैक्ट्री में सुपरवाइजर का काम करते हैं और चिकन बिरयानी खाना उनको इतना महंगा पड़ा कि अस्पताल ने उन्हें 8 लाख रुपये का बिल थमा दिया. उसके बाद अस्पताल ने लोगों की वित्तीय हालात देखते हुए इलाज का बिल आधा कर दिया. बताया जा रहा है कि रूबी के गले में 3.2 सेमी की चिकन हड्डी फंस गई थी, जिसने रूबी के अन्नप्रणाली को नुकसान पहुंचाया. पर डॉक्टर ने ऑपरेशन कर अब उस हड्डी को निकाल दिया है.

शुरू में पता ही नहीं चला
रूबी इलाज के लिए क्रिटिकेयर एशिया अस्पताल में पहुंची तो डॉक्टरों ने गले की जांच शुरू की. डॉक्टरों का कहना है कि अपनी प्रारंभिक स्थिति में (C4-C5 कशेरुक डिस्क) से गायब हो गई. एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड टेस्ट में ये छाती या पेट में नहीं मिली. एक सीटी स्कैन, जो मरीज रूबी को इंटुबेट करते समय किया गया तो वह ऊपर की ओर बढ़ते हुए नासोफैरिंक्स गले के सबसे ऊपरी हिस्से में दिखा.

ऑपरेशान 8 घंटे तक चला
डॉक्टरों ने ऑपरेशन शुरू किया तो उन्हें लगा कि वह दो घंटे में खत्म हो जाएगा. पर रूबी का ऑपरेशन इतना मुश्किल होता चला गया कि उसमें आठ घंटे का समय लग गया. 3 फरवरी को गला में परेशानी होने के चलते रूबी रूबी तुरंत क्रिटिकेयर अस्पताल पहुंची, जहां एक एक्स-रे स्कैन किया तो गर्दन में एक अलग सी चीज फंसी हुई दिखी. इसके बाद डॉक्टरों ने रूबी को अस्पताल में भर्ती होने को कहा तो उसने मना कर दिया. इसके दो दिन बाद बुखार, हाई बल्ड प्रेशन और संक्रमण के साथ फिर अस्पातल में वापस आई. इस बार, एंडोस्कोपी और सीटी स्कैन के जरिए डॉक्टरों को पता चला कि ग्रीवा अन्नप्रणाली में को चीज फंसी हुई है जिसके दोनों ओर छेद है.

ईएनटी के डॉक्टर ने क्या कहा?
ईएनटी सर्जन डॉ. संजय हलेले ने टीओआई को बताया कि सर्जरी से पहले किए गए स्कैन में हड्डी अभी भी पहले की स्थिति में थी. उन्होंने ओपन सर्जरी को चुना क्योंकि हड्डी मस्तिष्क की कैरोटिड धमनी के करीब थी और मरीज के भोजन वाली होल की मरम्मत की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि शायद अन्नप्रणाली के ऑपरेशन के दौरान या एनेस्थीसिया के प्रभाव के कारण हड्डी ऊपर की ओर बढ़ गई, डॉ. हलेले ने कहा कि जो इस मामले को एक मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजने की प्लाानिंग कर रहे हैं.

Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

March 07, 2025, 14:04 IST

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