जयशंकर ने खुद को बताया 'हनुमान', बोले- असली काम तो PM मोदी का है

5 hours ago

Last Updated:December 20, 2025, 18:56 IST

जयशंकर ने खुद को बताया 'हनुमान', बोले- असली काम तो PM मोदी का हैविदेश मंत्री जयशंकर ने पीएम मोदी के लीडरशिप की तरीफ की. (फाइल फोटो)

पुणे. विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पुणे में जब पूछा गया कि क्या देश के लिए ‘एक जयशंकर’ काफी है. तो उन्होंने जो जवाब दिया उसने महफिल लूट ली. उन्होंने खुद की तुलना ‘हनुमान’ से कर दी और पीएम मोदी को राम की भूमिका में बताया. इसके अलावा उन्होंने बंटवारे के दर्द और खाड़ी देशों के साथ भारत के पुराने रिश्तों पर भी रोशनी डाली. जयशंकर ने यह भी बताया कि कैसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारतीय टैलेंट को अपने देश बुलाना चाहते हैं.

पुणे बुक फेयर में जब एंकर ने विदेश मंत्री की तारीफ करते हुए पूछा कि क्या देश के लिए एक जयशंकर काफी हैं? तो उन्होंने बड़ी विनम्रता से इस सवाल को ही गलत बता दिया. जयशंकर ने कहा, ‘आपका सवाल गलत है. आपको मुझसे पूछना चाहिए था कि मोदी एक है. क्योंकि अंत में श्री हनुमान ही सेवा करते हैं.’ उन्होंने साफ किया कि देश नेताओं और उनके विजन से परिभाषित होते हैं. उसे लागू करने वाले लोग होते हैं. लेकिन अंत में विजन, लीडरशिप और कॉन्फिडेंस ही आज के दौर में फर्क पैदा करता है. जयशंकर का यह बयान बताता है कि वे पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर कितना भरोसा करते हैं.

आज की दुनिया ‘गठबंधन राजनीति’ जैसी, कोई परमानेंट दोस्त नहीं
जयशंकर ने आज की दुनिया को समझाने के लिए बहुत ही शानदार उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि आज की दुनिया ‘गठबंधन की राजनीति’ यानी कोलिशन पॉलिटिक्स के दौर जैसी है. उन्होंने कहा, “किसी के पास बहुमत नहीं है. किसी भी गठबंधन के पास बहुमत नहीं है. इसलिए लगातार नए समीकरण बनते हैं. सौदे होते रहते हैं. कोई ऊपर जाता है तो कोई नीचे आता है.” जयशंकर ने कहा कि ‘मल्टीपोलर वर्ल्ड’ कई पार्टियों के होने जैसा है. कभी आप किसी मुद्दे पर एक के साथ होते हैं. तो कभी दूसरे मुद्दे पर दूसरे के साथ. लेकिन इस सब के बीच मेरा एक ही सिद्धांत है. और वह है मेरे देश की मदद करना. जो कुछ भी मेरे देश के काम आएगा, वही मेरी पसंद है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन क्यों बुला रहे हैं भारतीयों को?
‘ब्रेन ड्रेन’ यानी प्रतिभा पलायन के मुद्दे पर जयशंकर ने बहुत ही पॉजिटिव बात कही. उन्होंने इसे समस्या की जगह एक मौके के तौर पर पेश किया. उन्होंने कहा कि आज भारतीय टैलेंट के लिए ग्लोबल ओपनिंग है. उन्होंने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बातचीत का भी जिक्र किया. जयशंकर ने बताया कि पुतिन भारतीयों को रूस में काम करने के लिए बुलाने के बहुत इच्छुक हैं. जयशंकर ने कहा, “जब मैं दुनिया की डेमोग्राफी देखता हूं और यूरोप को देखता हूं. वहां इमिग्रेशन पर बहस चल रही है. फिर भी भारतीयों का सम्मान है. आज दुनिया में ‘ब्रांड इंडिया’ बन चुका है. युवाओं को इसका फायदा उठाना चाहिए और पूरी दुनिया को अपने वर्कप्लेस की तरह देखना चाहिए.”

पड़ोसी देशों के लिए संकटमोचन बना भारत
जयशंकर ने बताया कि कैसे भारत ने मुश्किल वक्त में पड़ोसियों का साथ दिया. उन्होंने कहा, “पिछले हफ्ते श्रीलंका में बड़ा तूफान आया था. उसी दिन भारत मदद लेकर वहां पहुंच गया. कोविड के समय को याद कीजिए. अपने पड़ोसियों से पूछिए कि आपकी वैक्सीन कहां से आई? वह भारत से आई थी. जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ और सबका पेट्रोल, गेहूं और फर्टिलाइजर सप्लाई कट गई. तब भारत ने ही मदद का हाथ बढ़ाया.”

‘अंग्रेजों की लिखी किताबें पढ़कर थक गया हूं’
विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों के रवैये पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “हमें जो ज्यादातर टेक्स्ट बुक्स मिलती हैं. वे पश्चिमी लोगों ने लिखी हैं. मैं बार-बार यह पढ़कर थक गया था कि हम बहुत रणनीतिक हैं. लेकिन भारत में रणनीति की कोई परंपरा नहीं है. यह गलत है. हम अपनी मान्यताओं और संस्कृति के साथ बड़े हुए हैं. दिक्कत यह है कि हम अपने शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते. और दुनिया भी हमारे शब्दों को नहीं जानती. दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर भारत में नहीं बल्कि कंबोडिया में है. हमें दुनिया को बताना होगा कि हम क्या हैं.”

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Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

Location :

Pune,Maharashtra

First Published :

December 20, 2025, 18:54 IST

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