जगदीप धनखड़ को क्यों दिया गया टाइप 8 बंगला, आखिर किस आधार पर होते हैं आवंटित?

1 month ago

Last Updated:July 25, 2025, 10:10 IST

Jagdeep Dhankhar New Residence- जगदीप धनखड़ को उपराष्‍ट्रपति पद से इस्‍तीफा देने के बाद टाइप 8 श्रेणी का बंगला अलाट किया गया है. इस बंगल में वो कब तक रह सकते हैं ? किन लोग को जीवनकाल के लिए बंगला आवंटित होता है...और पढ़ें

जगदीप धनखड़ को क्यों दिया गया टाइप 8 बंगला, आखिर किस आधार पर होते हैं आवंटित?उपराष्‍ट्रपति को स्‍थाई रूप से आवंटित नहीं होता है बंगला

हाइलाइट्स

नियम के अनुसार पूर्व राष्‍ट्रपति को जीवनकाल तक आवंटित होता है बंगलापूर्व प्रधानमंत्री को जेड प्लस और एसपीजी सुरक्षा होती है, इसलिए उन्‍हें बंगला दिया जाता है

नई दिल्‍ली. उपराष्‍ट्रपति पद से इस्‍तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ को टाइप 8 का नया बंगला आवंटित कर दिया गया है. वे जल्‍द ही इसी बंगले में रहेंगे. इस समय आम लोगों के मन एक सवाल जरूर आ रहा होगा कि बंगले किस आधार पर आवंटित किया जाते हैं? साथ ही पद से हटने के बाद पूर्व राष्‍ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री के अलावा और किन किन लोगों को सरकार बंगला देती है और पद से हटने के कितने दिन बाद खाली करना होता है? आइए जानते हैं-

जगदीप धनखड़ को सरकार ने टाइप-8 बंगला आवंटित किया गया है. टाइप 8 बंगला सबसे हाई क्‍लास के सरकारी आवासों में से एक है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इसी टाइप का बंगला आवंटित किया गया है. इसी श्रेणी का बंगला पूर्व राष्‍ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री को भी आवंटित किया जाता है.

केवल पूर्व राष्ट्रपति को जीवनकाल तक मिलता है बंगला

टाइप 8 बंगला पूर्व राष्‍ट्रपति को उनके जीवनकाल तक आवंटित किया जाता है. यह विशेष प्रावधान राष्ट्रपति (सुविधाएँ) नियम, 1962 और सुरक्षा कारणों (जैसे Z+ सुरक्षा या SPG कवर) के तहत दिया जाता है. कार्यकाल समाप्त होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति को तुरंत टाइप टाइप आठ का बंगला आवंटित किया जाता है. वे इसमें बिना किसी समय सीमा के रह सकते हैं. सामान्यतः पूर्व राष्ट्रपतियों को बंगला खाली करने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि जीवनकाल तक आवास की सुविधा उनकी स्थिति और सुरक्षा आवश्यकताओं के कारण दी जाती है.

पद छोड़ने के एक माह के अंदर छोड़ना होता है सरकारी आवास.

इस वजह से पूर्व पीएम को जीवनकाल तक आवंटित

पूर्व प्रधानमंत्रियों को जीवनकाल तक सरकारी बंगले में रहने की अनुमति होती है, बशर्ते उनके पास Z+ सुरक्षा हो. यह विशेष प्रावधान सुरक्षा कारणों से दिया जाता है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्रियों को SPG (Special Protection Group) या समकक्ष सुरक्षा दी जाती है. इस वजह से पूर्व पीएम को जीवनकाल तक बंगला मिलता है.

पूर्व उपराष्‍ट्रपति को कब तक मिलता है सरकारी बंगला

पूर्व उपराष्ट्रपतियों के लिए स्थायी बंगला आवंटन की नीति नहीं है. यदि पूर्व उपराष्ट्रपति को सुरक्षा (जैसे Z+ कवर) प्रदान की गई है या सरकार द्वारा विशेष अनुमति दी गयी हो. यह सरकार के विवेक पर निर्भर करती है और स्थायी नहीं होता. उदाहरण के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को कार्यकाल के बाद टाइप आठ बंगला मिला था, लेकिन उन्हें निर्धारित समय में खाली करना होगा, अगर विशेष अनुमति न मिले. इसलिए उपराष्‍ट्रपति के मामले में केस-टू-केस निर्भर करता है.

अगर बंगला न खाली किया तो…

यदि 1 महीने के बाद बंगला खाली नहीं किया, तो पूर्व उपराष्ट्रपति को मार्केट रेट पर किराया देना पड़ता है, जो सामान्य किराए से काफी अधिक होता है. इस वजह से अगर सरकार ने अनुमति नही दी है तो खाली कर देते हैं.

पूर्व राज्‍यपालों या पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को बंगला मिलता है क्‍या

नियम के अनुसार पूर्व राज्यपालों या पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को सामान्यतः स्थायी बंगला आवंटन नहीं होता है. लेकिन विशेष परिस्थितियों में टाइप 6 या 7 का आवास मिल सकता है. यह सरकार के विवेक पर निर्भर करता है. इसलिए कुछ लोगों को मिला है.

सांसदों या मंत्रियों को कब खाली करना होता है बंगला

नियम के अनुसार सांसदों, मंत्रियों या अन्य अधिकारियों को पद छोड़ने के बाद 1 महीने के भीतर बंगला खाली करना होता है. यदि नहीं खाली करते तो मार्केट रेट पर किराया देना पड़ता है. इसे अलावा 2019 के संशोधित अधिनियम के तहत 3 दिन का नोटिस देकर बेदखली की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

Location :

New Barrackpore,North Twenty Four Parganas,West Bengal

homenation

जगदीप धनखड़ को क्यों दिया गया टाइप 8 बंगला, आखिर किस आधार पर होते हैं आवंटित?

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