'जगदीप धनखड़ का इस्तीफा नहीं, लोकतंत्र पर तमाचा है', अशोक गहलोत का BJP पर हमला

10 hours ago

Last Updated:July 23, 2025, 12:49 IST

Ashok Gehlot : राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने आज उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे, बिहार वोटर लिस्ट, ईडी तथा सीबीआई समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियों को लेकर केन्द्र सरकार और बीजेपी पर तीख...और पढ़ें

'जगदीप धनखड़ का इस्तीफा नहीं, लोकतंत्र पर तमाचा है', अशोक गहलोत का BJP पर हमलाअशोक गहलोत ने कहा कि यह इस्तीफा चौंकाने वाला नहीं है. बल्कि चौंकाने वाला वह दबाव है जिससे यह इस्तीफा हुआ है.

हाइलाइट्स

गहलोत ने धनखड़ के इस्तीफे को लोकतंत्र पर तमाचा बताया.गहलोत ने बिहार वोटर लिस्ट से नाम हटाने पर नाराजगी जताई.गहलोत ने केंद्रीय एजेंसियों पर सत्ता के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया.

जयपुर. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने जयपुर में पीसीसी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा और सीधा हमला बोला. उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को ‘दबाव की उपज’ बताया. उन्होंने कहा कि आज संवैधानिक संस्थाएं खुलकर सत्ता के इशारों पर काम कर रही हैं. गहलोत ने यह भी दावा किया कि यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि ‘सेंट्रल कमांड की तानाशाही’ है. उन्होंने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा केवल इस्तीफा नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र पर तमाचा है’.

गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सवालों की झड़ी लगा दी. उन्होंने कहा कि यह इस्तीफा चौंकाने वाला नहीं है. बल्कि चौंकाने वाला वह दबाव है जिससे यह इस्तीफा हुआ है. अभी कुछ दिन पहले ही जयपुर में धनखड़ ने कहा था कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और किसी दबाव में नहीं हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि फिर अचानक इस्तीफा क्यों? यह दैवीय शक्ति थी या दिल्ली से आया फरमान?

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मदेरणा जैसे नेताओं की विरासत मिटाई नहीं जा सकती
गहलोत ने इस घटनाक्रम को संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया और कहा कि हमारे विरोध के बावजूद इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया. ये वही उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने विपक्ष को बार-बार बोलने से रोका, जिनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. लेकिन इस्तीफा जिस तरह स्वीकार हुआ वह संवैधानिक प्रक्रिया का अपमान है. गहलोत बुधवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे परसराम मदेरणा की जयंती पर पीसीसी पहुंचे थे. वहां उन्होंने मदेरणा को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा मदेरणा सिर्फ कांग्रेस के नेता नहीं थे. वे किसान राजनीति के मजबूत स्तंभ थे. आज की सत्ता चाहे उन्हें जितना मिटाने की कोशिश करे लेकिन उनके जैसे नेताओं की विरासत मिटाई नहीं जा सकती.

बिहार में वोटर लिस्ट से नाम काटे, लोकतंत्र का गला घोंटा
गहलोत ने बिहार में 52 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक राज्य का मामला नहीं है. यह लोकतंत्र की हत्या का ट्रायल रन है. वोटर लिस्ट से इतने बड़े पैमाने पर नाम हटाना क्या सामान्य बात है? मामला कोर्ट में है. लेकिन चुनाव आयोग की भूमिका सवालों के घेरे में है. वह अब स्वतंत्र नहीं रहा. सिर्फ एक ‘हुक्म का गुलाम’ बनकर रह गया है.

राजस्थान में पंचायत चुनाव से डरती है भाजपा
गहलोत ने राजस्थान में पंचायत चुनावों में हो रही देरी पर भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि यह सरकार जानबूझकर पंचायत चुनाव नहीं करवा रही है. क्योंकि वह जमीनी हकीकत से डरती है. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है. यह दरअसल संविधान की आत्मा को रौंदने की साजिश है. अदालत ने पहले भी कहा था कि चुनाव समय पर होने चाहिए. अब देखना है कि अदालत में सरकार क्या बहाने पेश करती है.

केंद्रीय एजेंसियों की मर्दानगी अब सत्ता की गोद में
गहलोत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED), सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों की मर्दानगी अब सत्ता की गोद में बैठ चुकी है. ये संस्थाएं अब जनता के नहीं सत्ता के सेवक बन चुकी हैं. लोकतंत्र के नाम पर जो तंत्र खड़ा हुआ था वो अब दमन का यंत्र बन चुका है.

संविधान की लड़ाई निर्णायक दौर में
अंत में गहलोत ने दो टूक शब्दों में कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश तय करे कि वह संविधान के साथ खड़ा है या सत्ता की सनक के साथ. चाहे उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हो, वोटर लिस्ट से नाम काटना हो या पंचायत चुनाव टालना. ये सब लोकतंत्र की कब्र खोदने की साजिशें हैं. कांग्रेस इसे कभी सफल नहीं होने देगी. हम आखिरी सांस तक संविधान की रक्षा करेंगे.

Sandeep Rathore

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

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