Last Updated:June 03, 2025, 07:48 IST
West Bengal News: ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में 76 नई जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव मंजूर किया है और फरक्का को नया उप-मंडल बनाने का निर्णय लिया. उनके ये फैसले चुनाव से पहले काफी अहम माने जा...और पढ़ें

ममता बनर्जी ने फिर से ओबीसी लिस्ट में 76 जातियों को शामिल करने का फैसला किया है.
हाइलाइट्स
ममता बनर्जी ने 76 नई जातियों को ओबीसी सूची में शामिल किया.फरक्का को नया उप-मंडल बनाने का निर्णय लिया गया.मुस्लिम और दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश.West Bengal News: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने ओबीसी कार्ड खेल दिया है. राज्य मंत्रिमंडल ने बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में 76 नई जातियों को शामिल करने का प्रस्ताव है. इन 76 नई जातियों को राज्य की मौजूदा 64 जातीय समूहों की ओबीसी सूची में जोड़ा जाएगा. इस कदम से राज्य में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े समुदायों को अधिक अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.
फरक्का बना नया उप-मंडल
मंत्रिमंडल ने मुर्शिदाबाद जिले में फरक्का को एक नया उप-मंडल बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. यह नया उप-मंडल फरक्का, शमशेरगंज, सुति-1 और सुति-2 ब्लॉकों को मिलाकर बनाया जाएगा. पहले ये चारों ब्लॉक जंगीपुर उप-मंडल का हिस्सा थे. एक अधिकारी ने बताया कि बढ़ती आबादी के कारण जंगीपुर उप-मंडल प्रशासन को इस विशाल क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यों को निष्पादित करने में कठिनाई हो रही थी. इसलिए यह निर्णय लिया गया. इस नए उप-मंडल के लिए विभिन्न प्रशासनिक स्तरों पर 109 संविदा आधारित पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है.
मुस्लिम वोटर्स पर नजर
दरअसल, ममता बनर्जी के इस फैसले को पिछड़े समुदायों विशेष रूप से मुस्लिम और दलित समुदायों को अपने पक्ष में करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. ओबीसी सूची में शामिल की गई 76 जातियों में कई मुस्लिम जाति हो सकती हैं. पश्चिम बंगाल में मुस्लिम आबादी लगभग 27-30% है और यह समुदाय टीएमसी का पारंपरिक वोट बैंक रहा है. नई जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने से इन समुदायों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है. इससे टीएमसी को इन समुदायों का समर्थन और मजबूत होने की संभावना है. खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर.
हालांकि 2024 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 के बाद जारी किए गए ओबीसी सर्टिफिकेट्स को रद्द कर दिया था, जिसमें 77 में से 75 जातियां मुस्लिम थीं. कोर्ट ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया था. ममता बनर्जी ने इस फैसले को स्वीकार करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिससे पता चलता है कि वह इस मुद्दे को अपने वोटर बेस के लिए महत्वपूर्ण मानती हैं. इस बार 76 नई जातियों को शामिल करने का फैसला भी इसी दिशा में एक कदम हो सकता है, लेकिन अगर इसमें फिर से मुस्लिम समुदायों का वर्चस्व रहा तो यह विवाद को और हवा दे सकता है.
अन्य अहम फैसले
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें ताजपुर डीप-सी पोर्ट परियोजना के लिए फिर से निविदा प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दी गई. इस परियोजना की अनुमानित लागत 25,000 करोड़ रुपये है. राज्य सचिवालय नबन्ना के एक सूत्र ने बताया कि 2023 में गौतम अडानी नियंत्रित अडानी पोर्ट्स को दी गई मंशा पत्र को रद्द कर दिया गया था. सूत्र ने कहा कि मंत्रिमंडल ने ताजपुर डीप-सी पोर्ट परियोजना के लिए निविदा फिर से खोलने की मंजूरी दी है. जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
यह उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने हाल ही में मुरशिदाबाद जिले के दंगा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान फरक्का को नया उप-मंडल बनाने की घोषणा की थी. इस क्षेत्र में हाल के दिनों में सांप्रदायिक तनाव देखा गया था, जिसके बाद प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता महसूस की गई. इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने गृह, स्वास्थ्य, वित्त, कानून और नगरपालिका मामलों के विभागों में 336 पदों के सृजन और रिक्तियों को भरने की मंजूरी भी दी. यह कदम राज्य प्रशासन को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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