Last Updated:April 14, 2025, 12:51 IST
Ambedkar Jayanti: बाबासाहेब के नाम को लेकर कन्फ्यूजन रहता है कि अंबेडकर लिखें या आंबेडकर? उनका पूरा नाम क्या था?. आइए आपको बताते हैं इन सभी सवालों के जवाब...

Dr. B.R. Ambedkar, Ambedkar Jayanti: क्या है बाबासाहेब का पूरा नाम?
हाइलाइट्स
बाबासाहेब का पूरा नाम भीमराव रामजी आंबेडकर है.संविधान की हिंदी प्रति में आंबेडकर लिखा है.अंग्रेजी में बाबासाहेब ने BR Ambedkar लिखा है.Ambedkar Jayanti: आज भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब की 135वीं जयंती है. देश भर में उन्हें याद किया जा रहा है लेकिन कई बार उनके नाम को लेकर अक्सर लोग कन्फ्यूज रहते हैं. कोई डॉ. भीमराव अंबेडकर लिखता है, तो कोई ‘आंबेडकर’ लिखता है. यही नहीं, कुछ लोग भीमराव रामजी आंबेडकर भी लिखते हैं. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आखिर उनका पूरा नाम क्या है और बाबासाहेब खुद अपने नाम के आगे अंबेडकर लगाते थे या आंबेडकर लिखते थे?
तो आपको बता दें कि इन सभी सवालों के जवाब आपको संविधान की हिन्दी की मूल प्रति में मिल जाएंगे जहां बाबासाहेब ने अपने हस्ताक्षर किए हैं. बाबासाहेब ने संविधान की मूल प्रति पर जो हस्ताक्षर किए हैं, उस पर उनका पूरा नाम साफ-साफ शब्दों में लिखा है. साथ में इसे देखने के बाद आपका आंबेडकर और अंबेडकर को लेकर कन्फ्यूजन भी दूर हो जाएगा.
क्या लिखा है संविधान की मूल प्रति पर?
संविधान की मूल प्रति पर उन सभी सदस्यों के हस्ताक्षर हैं जो उस समय संविधान निर्माण की प्रक्रिया में शामिल थे. इसमें बाबासाहेब के भी हस्ताक्षर हैं. हिन्दी की मूल प्रति में बाबासाहेब ने साफ-साफ अक्षरों में अपने हस्ताक्षर में अपना नाम ‘भीमराव रामजी आंबेडकर’ लिखा है. जो भी इस मूल प्रति के हस्ताक्षर को देख लेगा, उसको बाबासाहेब के नाम के आगे अंबेडकर या आंबेडकर लिखने में कोई संशय नहीं रह जाएगा.
अंग्रेजी में क्या लिखें?
बाबासाहेब ने भारतीय संविधान की अंग्रेजी कॉपी में भी अपने हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उन्होंने BR Ambedkar (बी. आर. अंबेडकर) लिखा है. बता दें कि संविधान को अंतिम रूप देते समय इसे हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में ही तैयार किया गया था. इसी तरह भीमराव रामजी आंबेडकर को सम्मानपूर्वक बाबासाहेब कहा जाता है. अक्सर लोगों में इसको भी लेकर एक कन्फ्यूजन रहता है कि उन्हें बाबासाहेब लिखें या बाबा साहब? तो इसके लिए महाराष्ट्र से सीखा जा सकता है, जहां बाबासाहेब लिखा जाता है और वहां एक नारा भी लगता है – एक ही साहेब, बाबासाहेब.
First Published :
April 14, 2025, 12:51 IST