Last Updated:December 01, 2025, 15:27 IST
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-NCR प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने पराली बहस को नई दिशा दी. उन्होंने कहा कि कोविड में भी पराली जली, फिर भी आसमान नीला था तो फिर असली प्रदूषण कौन कर रहा है? अदालत ने स्पष्ट किया कि पराली न राजनीतिक मुद्दा बने, न किसानों पर बोझ. समाधान वैज्ञानिक विश्लेषण से ही निकलेगा, अनुमान से नहीं.
सीजेआई ने कड़ा रुख अख्तियार किया. नई दिल्ली. दिल्ली-NCR की जहरीली हवा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई सूर्यकांत की अदालत में सुनवाई हुई. CJI की बेंच ने साफ कहा कि यह कोई सीजनल विवाद नहीं बल्कि एक लगातार निगरानी का मुद्दा है. अदालत ने कहा कि अब यह मामला केवल अक्टूबर-नवंबर में ही नहीं उठेगा बल्कि इसे नियमित रूप से लिस्ट किया जाएगा ताकि सरकारें सिर्फ सीजन खत्म होने का इंतजार न करें. सुनवाई की शुरुआत में ही CJI ने केंद्र से पूछा कि प्रदूषण से निपटने के लिए अल्पकालिक योजना क्या है. ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि सरकार ने हलफनामा दायर कर दिया है जिसमें शॉर्ट-टर्म और कैटेगरी-वाइज योगदान का पूरा ब्यौरा शामिल है. उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों—दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, UP, CPCB व अन्य एजेंसियों—के साथ बैठक कर कार्ययोजना पर निगरानी की जा रही है.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
First Published :
December 01, 2025, 15:27 IST

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