Last Updated:December 20, 2025, 13:23 IST
Foreign Minister S Jaishankar: डोनाल्ड ट्रंप ने जबसे अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला है, ग्लोबल ऑर्डर में कई बदलाव आए हैं. ट्रंप सरकार की टैरिफ पॉलिसी ने खास तौर पर दुनिया की मौजूदा व्यवस्था की नींव को हिलाया है. 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति ने भारत समेत कई देशों को अपनी डिप्लोमेसी में बदलाव करना पड़ा है.
Foreign Minister S Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका का नाम लिए बगैर ट्रंप सरकार को नसीहत दी है. (फाइल फोटो/PTI)Foreign Minister S Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नाम लिए बगैर अमेरिका को सीधा और स्पष्ट मैसेज दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी देश कितना भी ताकतवर क्यों न हो वह अपनी इच्छाओं को दूसरों पर नहीं थोप सकता है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार 20 दिसंबर 2025 को कहा कि दुनिया की आर्थिक और राजनीतिक ताकत का क्रम अब पूरी तरह बदल चुका है. आज वैश्विक स्तर पर एक नहीं, बल्कि कई ऐसे केंद्र उभर चुके हैं, जहां से शक्ति और प्रभाव काम कर रहा है. ऐसे में कोई भी देश, चाहे वह कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, हर मुद्दे पर अपनी इच्छा नहीं थोप सकता.
पुणे में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के 22वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि मौजूदा दौर में देशों के बीच स्वाभाविक प्रतिस्पर्धा है और यही प्रतिस्पर्धा अपने आप एक नया संतुलन भी बना रही है. उन्होंने कहा कि अब दुनिया एक ध्रुव (Uipolar) वाली नहीं रही, बल्कि कई ध्रुवों वाली बन चुकी है, जहां अलग-अलग देश और क्षेत्र अपनी भूमिका निभा रहे हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि शक्ति की परिभाषा भी पहले जैसी नहीं रही. आज ताकत केवल सेना या हथियारों तक सीमित नहीं है. इसमें व्यापार, ऊर्जा, सैन्य क्षमता, प्राकृतिक संसाधन, तकनीक और मानव प्रतिभा जैसे कई पहलू शामिल हैं. यही वजह है कि वैश्विक शक्ति को समझना आज पहले से कहीं ज्यादा जटिल हो गया है.
‘कोई भी सर्वशक्तिमान नहीं’
जयशंकर ने यह भी कहा कि अब कोई भी वैश्विक शक्ति हर क्षेत्र में सर्वशक्तिमान नहीं रह गई है. पहले कुछ देश खुद को पूरी दुनिया का नेता मानते थे, लेकिन आज की हकीकत यह है कि वैश्विक शक्तियां भी हर जगह और हर विषय में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने इसे बदलते अंतरराष्ट्रीय हालात का बड़ा संकेत बताया. वैश्वीकरण पर बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन ने हमारे सोचने और काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है. आज दुनिया आपस में पहले से कहीं ज्यादा जुड़ी हुई है. एक देश की अर्थव्यवस्था, तकनीक या राजनीति का असर सीधे दूसरे देशों पर पड़ता है. ऐसे में किसी भी देश को अपनी नीतियां बनाते समय वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखना जरूरी है.
बदलती दुनिया को समझें युवा
भारत के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि अगर भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था को तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है, तो उसे आधुनिक और मजबूत विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षमता विकसित करनी होगी. केवल सेवाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है. देश को ऐसे उद्योग खड़े करने होंगे, जो नई तकनीकों के अनुरूप हों और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकें. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे बदलती दुनिया को समझें और अपनी शिक्षा व कौशल को उसी दिशा में तैयार करें. जयशंकर के अनुसार, आने वाला समय उन देशों और समाजों का होगा, जो बदलाव को समय रहते अपनाएंगे और अपनी ताकत को नए सिरे से गढ़ेंगे.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
Location :
Pune,Maharashtra
First Published :
December 20, 2025, 13:23 IST

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