कास्ट सेंसस, OBC महासम्मेलन... जाति से मोदी के तिलिस्म को तोड़ पाएगी कांग्रेस?

1 month ago

Last Updated:July 25, 2025, 11:06 IST

Congress OBC Leadership Bhagidari Nyay Mahasammelan: दिल्ली में कांग्रेस का ओबीसी महासम्मेलन हो रहा है, जिसका नेतृत्व मल्लिकार्जन खड़गे और राहुल गांधी कर रहे हैं. कांग्रेस ओबीसी वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही...और पढ़ें

कास्ट सेंसस, OBC महासम्मेलन... जाति से मोदी के तिलिस्म को तोड़ पाएगी कांग्रेस?दिल्ली में कांग्रेस का ओबीसी महासम्मेलन: खड़गे और राहुल गांधी का नेतृत्व

हाइलाइट्स

कांग्रेस का ओबीसी महासम्मेलन दिल्ली में आयोजित.मल्लिकार्जन खड़गे और राहुल गांधी कर रहे नेतृत्व.कांग्रेस भाजपा को ओबीसी वोटबैंक से चुनौती दे रही.

OBC Mahasammelan: दिल्ली में आज कांग्रेस का ओबीसी महासम्मेलन है. कास्ट सेंसस के बाद अब कांग्रेस ओबीसी वाला दांव आजमाना चाहती है. देशभर से ओबीसी का जुटान हो रहा है. अलग-अलग राज्यों से दिग्गज आए हैं. इस सम्मेलन का नाम है- ओबीसी लीडरशिप भागीदारी न्याय महासम्मेलन’. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इस ओबीसी सम्मेलन का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी कर रहे हैं. अब सवाल है कि आखिर बिहार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने ओबीसी महासम्मेलन क्यों बुलाया? दरअसल, ओबीसी महासम्मेलन कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है. इसके तहत कांग्रेस सामाजिक न्याय और ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को केंद्र में रखकर भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती देने की कोशिश कर रही है.

दरअसल, हाल के सालों में कांग्रेस ने लगातार चुनावी हार का सामना किया है. भाजपा के उत्थान से पहले तक ओबीसी वोट बैंक पर कांग्रेस का दबदबा था. मगर पीएम मोदी के चेहरे ने कांग्रेस से उसका ओबीसी वोट बैंक छीन लिया. पीएम मोदी खुद ओबीसी नेता हैं. साथ ही यूपी से लेकर बिहार तक की सियासत में भाजपा ने ओबीसी चेहरे को प्रमुखता से आगे रखा है. ऐसे में हाल के चुनाव में कांग्रेस की हार की कई वजहों में पार्टी से ओबीसी वोटबैंक की दूरी भी है. इसलिए कांग्रेस अब ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है. इसके लिए उसने पहले जातिगत जनगणना और आरक्षण जैसे मुद्दों को हथियार बनाया. अब ओबीसी महासम्मेलन करके कांग्रेस एक मैसेज देने की कोशिश कर रही है.

क्यों ओबीसी-ओबीसी कर रही कांग्रेस?

कांग्रेस का यह कदम उसकी उस पुरानी छवि को फिर से जिंदा करने की कोशिश है. जिसमें वह सामाजिक न्याय की सबसे बड़ी पैरोकार मानी जाती थी. पार्टी ने हाल ही में बेंगलुरु में ओबीसी विभाग की नेशनल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में इस महासम्मेलन की रणनीति तैयार की थी. इस तरह के सम्मेलन से कांग्रेस यह मैसेज देने की कोशिश कर रही है कि बीजेपी की नीतियां ओबीसी विरोधी हैं. इसकी एक वजह यह है कि बीते कुछ चुनावों के नतीजों ने यह बताया है कि पीएम मोदी के चेहरे की वजह से भाजपा की ओर ओबीसी वोटबैंक शिफ्ट हुआ है. पीएम मोदी के पहले भाजपा को अगड़ों की पार्टी मानी जाती थी. मगर मोदी के चेहरे ने भाजपा से जुड़े इस परसेप्शन को तोड़ा है.

कांग्रेस की इस रणनीति का क्या मतलब

कांग्रेस की रणनीति में जातिगत जनगणना एक बड़ा मुद्दा है. पार्टी ने अपने 2024 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र ‘न्याय पत्र’ में जाति जनगणना का वादा किया था. इसके जरिए कांग्रेस जातियों और उपजातियों की स्थिति का आकलन कर उनके लिए नीतियां बनाने की बात कह रही है. साथ ही पार्टी ने ओबीसी, एससी, और एसटी के लिए आरक्षण की 50% सीमा हटाने और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, सवाल यह है कि क्या यह रणनीति बीजेपी के मजबूत संगठन और मोदी के करिश्माई नेतृत्व को चुनौती दे पाएगी? बीजेपी ने भी ओबीसी वोटरों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. पीएम मोदी के कारण भाजपा को ओबीसी वोटबैंक का लाभ मिला है.

कांग्रेस तोड़ पाएगी मोदी का तिलिस्म?

कांग्रेस इस बात को समझ रही है. यही वजह है कि अब वह एक बार फिर ओबीसी वोटबैंक को साधने में लगी है. ओबीसी वोटबैंक काफी बड़ा है. कांग्रेस की यह रणनीति बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में काम कर सकती है. इन राज्यों में ओबीसी वोटर अक्सर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. हालांकि, बीजेपी की हिंदुत्व और विकास की राजनीति के सामने कांग्रेस को अपनी विश्वसनीयता साबित करनी होगी. कांग्रेस का यह महासम्मेलन न केवल ओबीसी समुदाय को एकजुट करने की कोशिश है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भी एक रणनीतिक कदम है. कांग्रेस को उम्मीद है कि सामाजिक न्याय का नारा उसे फिर से प्रासंगिक बनाएगा. मगर क्या यह रणनीति ओबीसी फेस पीएम मोदी के तिलिस्म को तोड़ पाएगी, यह आने वाला वक्त ही बताएगा.

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...

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