Last Updated:December 10, 2025, 08:10 IST
आज से अरब सागर के ऊपर भारत, फ्रांस और यूएई युद्धाभ्यास करेंगे.India France and UAE Air Drill: भारत के लिए पाकिस्तान हमेशा से एक दगाबाज देश रहा है. उससे किसी भी तरह की ईमानदारी की उम्मीद करना बेईमानी है. बीते ऑपरेशन सिंदूर के बाद हालात और बिगड़ गए हैं. पाकिस्तान को मिली बुरी हार के बाद वह बौखलाया हुआ है और फिर से भारत की पीठ में छुरा घोंपने से बाज नहीं आने वाला है. ऐसे में भारत इस बार पूरी तरह सतर्क है. वह किसी भी हालत में अपनी सैन्य तैयारियों में कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है.
इसी कड़ी में आज बुधवार को भारत पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से करीब अपने सबसे आधुनिक फाइटर जेट्स सुखोई-30 एमकेआई और जगुवार को उतारने जा रहा है. ये विमान फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ मिलकर अरब सागर के ऊपर एक बड़े पैमाने पर त्रिपक्षीय वायु युद्धाभ्यास की शुरुआत करने जा रहे हैं. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तीनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करना तथा हिंद महासागर क्षेत्र और व्यापक इंडो-पैसिफिक में सैन्य अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है. भारतीय वायुसेना इस अभ्यास में अपने सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों की तैनाती करेगी. इसमें खुखोई-30एमकेआई और जगुआर लड़ाकू विमान शामिल होंगे. इनके साथ आईएल-78 मिड-एयर रिफ्यूलर विमान और एईडब्ल्यूएंडसी (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) विमान भी तैनात किए जाएंगे. ये सभी विमान गुजरात के जामनगर और नलिया एयरबेस से उड़ान भरेंगे.
फ्रांस-यूएई भेज रहे हैं राफेल-मिराज
अभ्यास के दौरान गहन युद्ध कुशलता और कॉम्बैट मैन्यूवर्स का प्रदर्शन होगा. फ्रांस और यूएई की ओर से राफेल और मिराज लड़ाकू विमानों के साथ-साथ अन्य विमान हिस्सा लेंगे, जो अल धाफरा एयरबेस से आएंगे. भारत ने इस अभ्यास क्षेत्र के लिए नोटम (नोटिस टू एयरमेन) जारी किया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अभ्यास क्षेत्र पाकिस्तान के कराची तट से लगभग 200 नॉटिकल मील दूर स्थित है और यह 10-11 दिसंबर तक चलेगा. तीनों देशों ने इससे पहले भी दिसंबर 2024 में डेजर्ट नाइट नाम से ऐसा ही वायु युद्धाभ्यास किया था. अब यह दूसरा मौका है जब भारत, फ्रांस और यूएई एक साथ हवाई युद्ध कौशल का प्रदर्शन करेंगे.
क्यों अहम है ये युद्धाभ्यास
भारत लगातार क्षेत्रीय देशों, खासकर फारस की खाड़ी के देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है. इसमें फ्रांस, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी अहम भागीदार हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि द्विपक्षीय, त्रिपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास रीयल परिचालन वातावरण में लड़ाकू कौशल, रणनीति और प्रक्रियाओं को परिष्कृत करने में मदद करते हैं.
गौरतलब है कि भारत, फ्रांस और यूएई की नौसेनाओं ने जून 2023 में पहली बार त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास किया था. उस अभ्यास में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए समुद्र में विभिन्न प्रकार के ऑपरेशंस पर जोर दिया गया था. यह त्रिपक्षीय सहयोग 2022 में तीनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा शुरू की गई पहल का हिस्सा है. इसके तहत रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और पर्यावरण समेत कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जा रहा है.
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न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
First Published :
December 10, 2025, 08:10 IST

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