करनाल सीट पर मनोहर लाल पर क्यों दांव खेल रही है BJP, जानें भाजपा का प्लान-बी

1 month ago

करनाल लोकसभा सीट पर मनोहर लाल को खड़ा करके बीजेपी को एकसाथ कई फायदे होंगे.

करनाल लोकसभा सीट पर मनोहर लाल को खड़ा करके बीजेपी को एकसाथ कई फायदे होंगे.

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीट हैं. इनमें बीजेपी के 41 विधायक हैं. जेजेपी के 10, कांग्रेस के 30 और 7 निर्दलीय विधायक है ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 12, 2024, 14:50 ISTEditor picture

हरियाणा की राजनीति में मची हलचल से करनाल लोकसभा सीट अचानक सुर्खियों में आ गई. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बीजेपी करनाल लोकसभा से पार्टी प्रत्याशी घोषित कर सकती है. चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश की राजनीति से निकालकर करनाल सीट के माध्यम से देश की राजनीति में एंट्री कराएगी. हरियाणा में लोकसभा की 10 सीट हैं और सभी 10 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. इस बार के लोकसभा चुनावों में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी-जेजेपी के बीच सीटों बंटवारे को लेकर नहीं बनी. इस तरह पिछले साढ़े चार सालों से चली आ रही गठबंधन सरकार टूट गई. हरियाणा में नायब सैनी नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. नायब सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष हैं.

जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चोटाला बीजेपी से लोकसभा की दो सीट मांग रहे थे. इनमें भिवानी-महेंद्रगढ़ और हिसार लोकसभा सीट शामिल थीं. लेकिन बीजेपी केवल एक सीट देने की बात कर रही थी. इसी मु्द्दे पर दोनों दलों का गठबंधन टूट गया. अब सभी की निगाहें राज्य की राजनीति से सुर्खियों में आई करनाल लोकसभा सीट पर टिक गई हैं.

करनाल लोकसभा सीट
हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है. वर्तमान में संजय भाटिया यहां से सांसद हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय भाटिया ने कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को रिकॉर्ड अंतर से हराया था. संजय भाटिया को कुल 9.11 लाख वोट मिले थे जबकि कुलदीप शर्मा 2.55 लाख वोट लेकर दूसरे स्थान पर थे. वर्ष 2014 के चुनाव की बात करें तो इसमें बीजेपी के अश्विनी कुमार चोपड़ा को 5.94 लाख वोट मिले थे. 2009 के चुनाव में करनाट सीट कांग्रेस के अरविंद कुमार शर्मा के पास थी.

करनाल में विधानसभा की 9 सीटें हैं. 9 में से पांच पर बीजेपी का कब्जा है. मनोहर लाल खट्टर खुद भी करनाल से विधायक हैं. नीलोखेड़ी (एससी), इंद्री, घरौंडा, असंध, पानीपत ग्रामीण, पानीपत शहरी, इसराना (एससी) और समालखा यहां की प्रमुख सीटें हैं. नीलोखेड़ी से धर्मपाल निर्दलीय विधायक हैं. असंध सीट कांग्रेस के समशेर सिंह, इसराना पर कांग्रेस के बलवीर सिंह और समालखा से धर्म सिंह कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं.

करनाल सीट ब्राह्मण और पंजाबी बाहुल्य इलाका है. बीजेपी यहां से मनोहर लाल को चुनावी समर में उतारकर एक तीर से कई निशाने साध रही है. बीजेपी हरियाणा में गैर जाट राजनीति की अगुवा बन रही है. चूंकि मनोहर लाल पंजाबी समुदाय से हैं और लगातार साढ़े 9 साल से सूबे के मुखिया रहे हैं. मनोहर लाल की जाति और राजनीतिक छवि, दोनों का बीजेपी को इस सीट पर लाभ मिलेगा. साथ ही ओबीसी वोट को हासिल करने के लिए बीजेपी ने नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर नया संदेश देने की कोशिश की है. कुल मिलाकर हरियाणा से बीजेपी कांग्रेस और जाट राजनीति को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहती है.

हरियाणा में शुरू से ही सत्ता जाट समुदाय के इर्दगिर्द ही घूमती रही है. भूपेंद्र हुड्डा से लेकर दीपेंद्र हुड्डा तक कांग्रेस ने जाट समुदाय का ही प्रतिनिधित्व किया है. किसान आंदोलन भी जाट राजनीति के चारों ओर घूमता नजर आता है. जाट समुदाय ने भी कभी कांग्रेस तो कभी इनेलो को अपना समर्थन दिया है. बीजेपी ने इसका फायदा उठाया और मनोहर लाल के माध्यम से नॉन जाट वोट बैंक को अपने कब्जे में कर लिया. बीजेपी ओबीसी समुदाय को इकट्ठा करना चाहती है. ओबीसी वोट बैंक का हरियाणा की राजनीति में मजबूत पकड़ है.

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FIRST PUBLISHED :

March 12, 2024, 14:50 IST

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