Last Updated:April 26, 2025, 05:11 IST
India Pakistan Conflict : पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने सख्त रुख अपनाया है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कमजोर है और आईएमएफ के लोन पर निर्भर है. पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिफ मुनीर क...और पढ़ें

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति उसे भारत से युद्ध की इजाजत नहीं देती. (File Photo)
हाइलाइट्स
भारत के सख्त रुख से शहबाज शरीफ टेंशन में हैं.इस वक्त पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है.पाकिस्तान आईएमएफ के लोन पर जैसे तैसे दिन काट रहा है.India Pakistan Conflict : पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही साफ कर चुके हैं कि जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दियाा और जो भी इस पूरे षडयंत्र में शामिल हैं उनसे चुन-चुनकर हिसाब लिया जाएगा. भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिफ मुनीर की रातों की नींद उड़ी हुई है. पाकिस्तान ऊपर से एक दम कड़क बन भारत को ईंट का जवाब पत्थर से देने की बात जरूर कर रहा है लेकिन क्या सच में पाकिस्तान ऐसा करने की हैसियत रखता है, यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हम ही नहीं पूरी दुनिया जानती है. कंगाल पाकिस्तान आईएमएफ के लोन पर जैसे-तैसे देश चला रहा है. ऐसे में अगर भारत ने सच में पूर्ण युद्ध की घोषणा कर दी थी पड़ोसी देश को घुटने पर आने में चंद दिन भी नहीं लगेंगे.
कर्ज जाल में फंसा है पाकिस्तान
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही गहरे संकट में है. अक्टूबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक शहबाज शरीफ के देश का कर्ज 70.36 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच चुका है. फिच रेटिंग्स के अनुसार 2025 में पाकिस्तान को 22 बिलियन डॉलर का बाहरी कर्ज चुकाना है, जिसमें 13 बिलियन डॉलर द्विपक्षीय जमा राशि शामिल है. पाकिस्तान का राजकोषीय घाटा 7.4% है, जो रीजनल औसत से दोगुना है. पाकिस्तान सरकार एक तरफ उम्मीद जता रही है कि यह कर्ज 5.9% तक कम होज जाएगा, लेकिन सच तो यह है कि ऐसा करने के लिए शहबाज शरीफ के देश को 17% की वृद्धि दर चाहिए. यह वास्तविक अनुमान 3.1% से बहुत कम है.
युद्ध का बोझ नहीं उठा पाएगी आसिफ मुनीर की आर्मी
पाकिस्तान पहले ही आईएमएफ से बेलआउट पैकेज पर निर्भर है. उसकी अर्थव्यवस्था में निवेशकों को पहले ही ज्यादा भरोसा नहीं है. ऊपर से पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ व्यापार बंद होने से उसकी स्टॉक मार्केट में 2000 अंकों की गिरावट आई. ऐसे में भारत के साथ सीधे सैन्य टकराव का खर्च उठाना सेना प्रमुख आसिफ मुनीर और उनकी आर्मी के लिए संभव नहीं है. युद्ध लड़ने के लिए भारी संसाधनों की जरूरत होती है. हथियार से लेकिन ईंधन, सैनिकों के रखरखाव से लेकर प्लानिंग तक इन सब चीजों में मोटा खर्च आता है. जबकि एक सच यह भी है कि पाकिस्तान के पास पहले से ही अपनी सेना के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं.
युद्ध हुआ तो चीन भी नहीं कर पाएगा मदद
पाकिस्तान को पता है कि वो सीधे तौर पर भारत से किसी युद्ध में जीत नहीं सकता है. इसीलिए वो अपने प्रॉक्सी के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले करवाता रहता है. पहलगाम हमले के बाद भारत गुस्से में है. पाक की सेना इस बात को अच्छे से जानती है. पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति उसे भारत के साथ युद्ध का जोखिम लेने से रोकती है. शहबाज शरीफ सरकार के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को संभालना पहले से ही एक बड़ी चुनौती है. ऊपर से अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान को डूबने से उसका दोस्त चीन भी नहीं बचा पाएगा.
First Published :
April 26, 2025, 05:11 IST