Last Updated:May 14, 2025, 11:55 IST
Operation Sindoor Latest Updates: भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. पीएम मोदी ने इसकी पुष्टि की है. मॉडर्न वार इंस्टीट्यूट के स्पेंसर ने इसे निर्णायक जीत बताया है.

भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के सामने दुनिया नतमस्तक.
हाइलाइट्स
ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में खलबली मची.ऑपरेशन सिंदूर को जॉन स्पेंसर ने बड़ी जीत बताया.भारत ने 9 आतंकी ठिकाने नष्ट किए.भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में अब तक खलबली है. बचे-खुचे आतंकी छिपे फिर रहे हैं. कारण कि भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुुआ है. खुद पीएम मोदी इसे कन्फर्म कर चुके हैं. भारत ने कैसे ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों के ठिकाने तबाह किए, कैसे पाकिस्तान को धूल चटाई, यह दुनिया देख चुकी है. भारत के ऑपरेशन सिंदूर की खूब तारीफ हो रही है. अर्बन वारफेयर इंस्टीट्यूट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जॉन स्पेंसर ने ऑपरेशन सिंदूर को मॉर्डन वारफेयर में निर्णायक जीत बताया है. उनके मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पूरा हो चुका है और भारत ने एक बड़ी जीत हासिल की है.
दरअसल, मॉर्डन वारफेयर यानी आधुनिक युद्ध पर दुनिया के सबसे बड़े जानकारों में से एक जॉन स्पेंसर ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अपनी राय रखी है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की बड़ी जीत बताया है. जॉन स्पेन्सर ने एक्स पर लिखा, ‘चार दिन की सटीक मिलिट्री एक्शन के बाद यह बात बिल्कुल साफ है कि भारत ने एक बड़ी जीत हासिल की है. ऑपरेशन सिंदूर ने अपने रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा किया और उससे भी आगे गया. इसमें आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना और सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन शामिल है. ये कोई दिखावटी ताकत नहीं थी. यह निर्णायक शक्ति थी, जिसे स्पष्ट रूप से लागू किया गया था.’
भारत ने कैसे पहलगाम का बदला लिया?
उन्होंने अपने पोस्ट में पहलगाम अटैक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर तक की घटना का जिक्र किया है. 22 अप्रैल के पहलगाम अटैक के बाद भारत ने इंतजार नहीं किया. न तो भारत ने इंटरनेशनल मीडिएशन की अपील की और न ही राजनयिक डिमार्चे जारी किया. भारत ने सीधे फाइटर जेट्स को लॉन्च कर दिया. 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को धुआं-धुआं कर दिया. पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकाने नेस्तनाबूद हो गए. अब भारत ने साफ क दिया है कि भारत के ऊपर किसी भी आतंकी हमले को एक्ट ऑफ वार माना जाएगा.
डिफेंस और वारफेयर एक्सपर्ट जॉन स्पेंसर ने बताया है कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर को जानबूझकर कई चरणों में अंजाम दिया गया.
7 मई: पाकिस्तान में घुसकर नौ आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए. बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद और दूसरी जगहों पर आतंकी ट्रेनिंग कैंप और उनके साजो-सामान के ठिकानों को निशाना बनाया गया. 8 मई: ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत में बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए. भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव किया और पाक के सभी ड्रोन अटैक को नाकाम कर दिया. 9 मई: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमले तेज कर दिए. भारत ने पाकिस्तान में मिसाइल से हमला किया और उसके 11 एयरबेस को उड़ा दिया. 10 मई: भारत और पाक के बीच अस्थायी सहमति बनी. भारत ने इसे सीजफायर नहीं कहा. भारतीय सेना ने इसे ‘गोलीबारी रोकना’ कहा. यह एक सोची-समझी रणनीति थी, जिससे यह दिखाया गया कि स्थिति पर भारत का नियंत्रण है.अब जानते हैं कि भारत के क्या-क्या उद्देश्य पूरे हुए?
जॉन स्पेंसर के मुताबिक, यह सिर्फ रणनीतिक जीत नहीं थी. यह वास्तविक लड़ाई के दौरान अपने सिद्धांतों पर अमल था. जॉन स्पेंसर के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर केवल विजय या प्रतिशोध का युद्ध नहीं था बल्कि स्पष्ट मकसदों के साथ एक सीमित अभियान था. उन्होंने बताया है कि ऑपरेशन सिंदूर से क्या-क्या मकसद पूरे हुए.
नई लक्ष्मण रेखा खींची गई और उसका पालन भी करवायाअब पाकिस्तान की जमीन से होने वाले आतंकी हमलों का जवाब सैन्य बल से दिया जाएगा. ये कोई धमकी नहीं है. ये एक मिसाल है. सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन
भारत ने दिखा दिया कि वो पाकिस्तान में किसी भी ठिकाने पर वार करने में सक्षम है, फिर चाहे वो आतंकी ठिकाने हों, ड्रोन के लॉन्च पैड हों या फिर उसके एयरबेस. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भारत के अंदर एक भी सुरक्षित इलाके में सेंध नहीं लगा पाया. ये बराबरी नहीं है. ये तो पूरी तरह से भारत और उसकी सेना की श्रेष्ठता है. भारत ने ताकत दिखाई पर युद्ध से बचा
पाकिस्तान और उसके आंतकियों के खिलाफ भारत ने पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई की लेकिन पूर्ण युद्ध से बचा रहा. नियंत्रित तरीके से बढ़ाए गए इस तनाव ने पाकिस्तान और दुश्मनों को स्पष्ट संदेश दिया है: भारत जवाब देगा, और वो अपनी गति से और तरीके से. रणनीतिक आजादी
भारत ने इस संकट से इंटरनेशनल मध्यस्थता के बिना ही निपटा. उसने संप्रभु शर्तों पर और संप्रभु साधनों का उपयोग करते हुए सिद्धांतों को लागू किया.
आलोचक क्या नहीं समझ रहे?
स्पेंसर कहते हैं कि भारत का ऑपरेशन सिंदूर कब्जा करने या सत्ता बदलने के बारे में नहीं था. यह तो सीमित उद्देश्यों के लिए लड़ा गया एक सीमित युद्ध था. जो आलोचक यह तर्क देते हैं कि भारत को और आगे बढ़ना चाहिए था, वो असल बात को समझ नहीं पा रहे हैं. रणनीतिक सफलता तबाही के पैमाने से नहीं मापी जाती है, बल्कि मनचाहे राजनीतिक उद्देश्य को पाना ही असली जीत है. भारत बदला लेने की लड़ाई नहीं लड़ रहा था. वो आतंकी हमलों के रोकथाम की लड़ाई लड़ रहा था. और इसमें वो कामयाब भी रहा.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...
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