Last Updated:June 12, 2025, 20:46 IST
AI 171 CRASH INVESTIGATION: दुनिया के सबसे सेफ माने जाने वाले एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया. इस तरह की घटना बोइंग ड्रीमलाइनर के साथ पहली बार हुई है. बोइंग की तरफ से अपने बयान में कहा गया है कि हम एयर इंडिया के संपर्क...और पढ़ें

एयर इंडिया के साथ दर्दनाक हादसा
हाइलाइट्स
एयर इंडिया की फ्लाइट बोइंग 787 अहमदाबाद में क्रैश हुई.ब्लैक बॉक्स से हादसे की वजह का पता चलेगा.इंवेस्टिगेशन टीम वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों से सुराग जुटाएगी.AI 171 CRASH INVESTIGATION: अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर दुनिया के सबसे सुरक्षित एयरक्राफ्ट माने जाने वाले इस विमान के टेकऑफ के बाद ही हादसे का शिकार हो गया. अब इस विमान का एयर क्रैश इंवेस्टिगेशन शुरू होगा. एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो इस दुर्घटना की जांच करेगा. इस इंवेस्टिगेशन से साफ होगा कि आखिर किस वजह से यह दुर्घटना हुई. एयरफोर्स से रिटायर फाइटर पायलट, यह एक एयर क्रैश इंवेस्टिगेशन एक्सपर्ट भी है, उन्होंने इस तरह के क्रैश इंवेस्टिगेशन के बारे में जानकारी दी. इस तरह के हादसे के बाद जो टीम इंवेस्टिगेशन करेगी, उनका सबसे पहला काम होगा विमान का ब्लैक बॉक्स हासिल करना. इस ब्लैक बॉक्स में FDR यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और CVR यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर होता है. FDR में विमान से संबंधित सभी टेक्निकल डेटा दर्ज होता है और CVR में दोनों पायलट के बीच आखिरी समय तक कॉकपिट में होने वाली बातचीत रिकॉर्ड होती है.
क्रैश में बचे और प्रत्यक्षगर्शियों से मिलेंगे सुराग
एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो की टीम की तरफ से इसके बाद क्रैश से संबंधित जितने भी वीडियो अब तक आए हैं, उन्हें सबसे पहले सुरक्षित किया जाएगा. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और पायलट के बीच संपर्क टूटने से पहले की आखिरी बातचीत, प्रत्यक्षदर्शी और हादसे में बचे लोगों से भी इंवेस्टिगेशन टीम बात करेगी. इस हादसे में विश्वस कुमार रमेश नाम के भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक ही जीवित बचे हैं. उसके आधार पर एक कंपोजिट पिक्चर तैयार की जाएगी कि कैसे यह हादसा हुआ. यानी कि क्या, कैसे, कब और कहां के आधार पर ही इंवेस्टिगेशन पूरा होगा.
ब्लैक बॉक्स खोलेगा दुर्घटना के राज
हर एयरक्राफ्ट में एक ब्लैक बॉक्स होता है. इसका रंग नारंगी होता है. यह क्रैश प्रूफ होता है. अमूमन एयरक्राफ्ट क्रैश नोज की तरफ से ही ज्यादा होता है, इसलिए ज्यादातर विमान के टेल के पास ब्लैक बॉक्स मौजूद होता है. इस एयरक्राफ्ट के टेल सुरक्षित है तो माना जा रहा है, इसलिए ब्लैक बॉक्स इंवेस्टिगेशन टीम को जल्दी मिल सकता है. इस ब्लैक बॉक्स में मौजूद FDR में विमान से संबंधित सभी टेक्निकल डेटा दर्ज होता है. दो तरह के पैरामीटर दर्ज होते हैं: एक है कंटिन्यूअस पैरामीटर और दूसरा है वन टाइम इवेंट पैरामीटर. इसमें लगातार इंजन का RPM, थ्रोटल प्रेशर, जेट पाइप टेंप्रेचर, हाइट, स्पीड, स्विच की पोजिशन जैसे कई पैरामीटर लगातार रिकॉर्ड होते रहते हैं. डिस्क्रीट पैरामीटर में अचानक होने वाले सिग्नल दर्ज होते हैं, जैसे ऑयल प्रेशर, इंजन फेलियर, फायर वॉर्निंग और कई तरह के डेटा रिकॉर्ड होते हैं. चूंकि लंबे समय तक डेटा ब्लैक बॉक्स में नहीं रखा जाता, उसे दूसरी जगह पर सेव किया जाता है. इसे डेटा मिल्किंग कहा जाता है. इंवेस्टिगेशन टीम इस एयरक्राफ्ट के डेटा को इसके पुराने FDR रिकॉर्ड से मिलान करेगी और यह देखने की कोशिश करेगी कि कहीं पुराने डेटा में किसी भी तरह के पैरामीटर में बदलाव तो नहीं हो रहा था. एक एक छोटे बदलाव को नोटिस किया जाएगा. CVR यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में टेकऑफ लेने से दुर्घटना के पहले तक की दोनों पायलट के बीच की बातचीत रिकॉर्ड होती है. इंवेस्टिगेशन टीम इस ऑडियो के जरिए यह पता लगाएगी कि मेडे कॉल से पहले किस तरह की दिक्कत को लेकर दोनों बात कर रहे थे. ATC से होने वाली सारी बातचीत और पायलटों के जरिए दिए गए सिग्नल के आधार पर भी इंवेस्टिगेशन में खासा मदद मिलेगी.
क्रैश वीडियो से मिलेगी जानकारी
एक्सिडेंट के पीछे कई वजह हो सकती हैं. मसलन बर्ड हिट के चलते इंजन फेल होना, एक साथ दोनो इंजन फेलियर होना, एयरक्राफ्ट को लिफ्ट के लिए सबसे जरूरी विंग्स के फ्लैप का काम ना करना जैसे कई तकनीकी कारण हो सकते हैं. 787 ड्रीमलाइनर के क्रैश से पहले के आखिरी वीडियो के आधार पर जानकारों का कहना है कि ऐसा लगता है कि एयरक्राफ्ट के फ्लैप नीचे नहीं थे. पायलट एयरक्राफ्ट को रेस्क्यू करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि एयरक्राफ्ट का नोज ऊपर की तरफ था. फ्लैप की वजह से एयरक्राफ्ट को एयरोडायनामिक पुश मिलता है. इससे स्लो स्पीड में लिफ्ट बढ़ता है. यह उस वक्त काम आता है जब टेकऑफ के बाद ग्राउंड इफेक्ट कम हो जाता है. लेकिन विडोयों में एयरक्राफ्ट सिंक होता हुआ नजर आ रहा है. दुनिया के सबसे आधुनिक विमान के दोनों इंजन एक साथ खराब होना ऐसा असंभव माना जाता है. इस तरह की घटना एक मिलियन में एक बार होती है. ऐसे में कई सारी चीजें एक साथ होने के चलते भी हादसा हो सकता है. एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो की टीम इन सभी को अपनी जांच का हिस्सा बनाएगी.