एक राउंड और चीनी टैंक डाउन, फायरिंग रेंज को बनाया असली जंग का मैदान

1 month ago

Last Updated:March 07, 2025, 13:27 IST

ATGM FIRE POWER: जमीन पर आमने सामने की जंग में टैंक सबसे घातक हथियार हैं. इन टैंकों का सबसे बड़ा दुश्मन है एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल. दुनिया में भारत ही ऐसा इक्लौता देश है जिसके टैंक और बख्तरबंद गाडियां 15000 फिट...और पढ़ें

एक राउंड और चीनी टैंक डाउन, फायरिंग रेंज को बनाया असली जंग का मौदान

इस्टर्न सकैटर में सेना का ATGM फायर पावर

हाइलाइट्स

भारतीय सेना ने ATGM फील्ड फायरिंग अभ्यास किया.सिक्किम में 15000 फीट की ऊंचाई पर चीनी टैंकों को बनाएगा निशाना.सेना नई पीढ़ी के ATGM खरीदने की कोशिश कर रही है.

ATGM FIRE POWER: भारत की पूर्वी सीमा पर चीन को चुनौती देने के लिए सेना अभ्यास में खूब पसीना बहा रही है. 15000 फिट की उंचाई पर चीनी टैंकों को नष्ट करने के लिए पूरी प्लानिंग भी तैयार है. पूर्वोत्तर में सिक्कम में भारतीय सेना की आर्मर्ड रेजिमेंट और मैकेनाइज्ड इंफैंट्री तैनात है. यह तैनाती तिब्बत के पठार में चीनी टैंको को चुनौती देने के लिए है. एक एक चीनी टैंक पर सटीक निशाना साधने की तैयारी को सेना ने तेज किया. भारतीय सेना के इस्टर्न कमांड ने एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) फील्ड फायरिंग अभ्यास को अंजाम दिया. यह अभ्यास तीस्ता फील्ड एंड फायरिंग रेंज पर अंजाम दिया गया.

दिन-रात साधे सटीक निशाने
पूर्वी कमान ने तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज पर एक हफ्ते तक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) फील्ड पर फायरिंग को अंजाम दिया. इस अभ्यास में इन्फैंट्री और मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री यूनिट को एक साथ लाया गया. इस अभ्यास में समन्वय, सामरिक तालमेल और वॉर फ्रंट में दक्षता का प्रदर्शन किया. अभ्यास में सेना के पास मौजूद हर तरह के ATGM की ताकत को परखा गया. अपनी फायर पावर को बढ़ाने के लिए दिन और रात के समय अपने टार्गेट को सटीक निशाना बनाया गया. मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री ने इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स (ICVs) से एटीजीएम लॉन्च कर अपनी प्रभावशाली फायर पावर को भी धार दी.

भारतीय सेना के ATGM का जखीरा
फिलहाल भारतीय सेना दूसरी पीढ़ी के फ़्रैंच ATGM मिलन 2T (Milan-2T) और रूसी ATGM कांकुर ( Konkurs ) का इस्तेमाल कर रही है. इनकी मारक क्षमता 4 किलोमीटर है. यह दोनों ATGM लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत देश में ही निर्माण हो रहे हैं. इसी फेहरिस्त में स्वदेशी नाग ATGM भी जुड़ने वाली है. नाग चीन और पाकिस्तानी टैंको को निशाना बनाने के लिए तैयार हो चुकी है. DRDO ने तैयार किया है और इसका प्रोडक्शन डीफेस पीएसयू भारत डायनैमिक लिमिटेड ही कर रही है. इसके जरिए टार्गेट पर फायर होने के बाद 90 फीसदी तक सटीक मार किया जा सकती है.इसक मिसाइल कीख़ास बात तो ये है कि इसे बीएमपी 2 कैरियर पर लगाया गया है और इसे ”नामिका” (NAMICA ) यानी नाग मिसाइल कैरियर का नाम दिया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना 2009 से ही नई जेनेरेशन के ATGM खरीद को आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है. लेकिन रफ्तार अभी धीमी ही है. जिसके चलते ATGM और उससे दागे जाने वाली मिसाइल कमी सेना को झेलनी पड़ सकती है.

अमेरिकी जेवलिन की खरीद की तैयारी
सेना अमेरिका से “Javelin” एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल्स और “Stryker” इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स की खरीद करने जा रही है. स्ट्राइकर के अलग अलग वेरिएंट है. जिसमें इन्फैंट्री कैरियर, मोबाईल गन सिस्टम, मेडिकल इवैक्यूशन, फायर सपोर्ट, एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल कैरियर और रेकॉनेन्स वेहिकल शामिल है. भारतीय सेना को एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल कैरियर की जरूरत है. लद्दाख में स्ट्राइकर के डेमो के दौरान जैवलीन ATGM का भी ट्रायल कंपनी ने दिया है. जेवलिन मिसाइल किसी भी टैंक, बख्तरबंद गाड़ी को आसानी नष्ट कर सकती है. जेवलिन मिसाइल अपने टारगेट पर निशाना साधने के लिए इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करती है. इस ATGM का वजन 22.3 किलों है. इसे नाइट विजन क्षमता के चलते इसका रात में आसानी से निशाना साधा जा सकता है.

First Published :

March 07, 2025, 13:27 IST

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