Last Updated:December 27, 2025, 20:16 IST
Unnao Case Update: उन्नाव रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर की जमानत पर दिल्ली में भारी हंगामा हुआ. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहीं कांग्रेस नेता मुमताज पटेल और एक्टिविस्ट योगिता भयाना को हिरासत में लिया है. उधर सीबीआई ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. एजेंसी का दावा है कि सेंगर की रिहाई पीड़ित के लिए बड़ा खतरा है.
उन्नाव रेप केस: संसद के पास प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता समेत कई हिरासत में.नई दिल्ली: उन्नाव दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली जमानत के खिलाफ उबाल तेज हो गया है. शनिवार को संसद परिसर के पास इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता मुमताज पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना और अन्य प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. प्रदर्शनकारियों की मांग साफ थी कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को तत्काल रद्द किया जाए. यह कार्रवाई ऐसे वक्त हुई है, जब सीबीआई ने भी सेंगर को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शनिवार करीब चार बजे प्रदर्शनकारी संसद भवन के आसपास सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिए बताया कि संसद क्षेत्र प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान नहीं है. इसके बावजूद जब प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए, तो उन्हें मौके से हटाकर हिरासत में ले लिया गया. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कदम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया.
जमानत के खिलाफ सड़क पर क्यों उतरे कांग्रेस नेता और सामाजिक कार्यकर्ता
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्नाव जैसे संवेदनशील मामले में दोषी को जमानत मिलना पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा के लिए खतरा है. कांग्रेस नेताओं और एक्टिविस्ट्स ने कहा कि यह फैसला समाज में गलत संदेश देता है और न्याय की भावना को कमजोर करता है. उनका तर्क है कि प्रभावशाली अपराधियों को राहत मिलने से पीड़ितों का भरोसा टूटता है.
VIDEO | Delhi: Police detained activist Yogita Bhayana and several others during a sit-in protest near Parliament.
The demonstration was held in response to the Delhi High Court’s order suspending the life sentence of Kuldeep Singh Sengar and granting him bail pending the… pic.twitter.com/AMhpTarYKh
हाईकोर्ट के फैसले में क्या कहा गया, जिससे विवाद बढ़ा
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2017 के दुष्कर्म मामले में सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उसे जमानत दी. कोर्ट ने शर्त रखी कि वह पीड़िता के घर से पांच किलोमीटर के दायरे में प्रवेश नहीं करेगा. हालांकि, इसी के साथ यह भी साफ किया गया कि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में सेंगर को जमानत नहीं मिली है, इसलिए वह जेल में ही रहेगा.
पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला क्यों किया
पीड़िता की मां ने साफ कहा है कि वह हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी. उन्होंने शीर्ष अदालत पर भरोसा जताते हुए कहा कि न्याय की आखिरी उम्मीद वहीं से है. शुक्रवार को वह योगिता भयाना और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं के साथ हाईकोर्ट के बाहर भी प्रदर्शन कर चुकी हैं.
सीबीआई ने जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्या तर्क रखे
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी में कहा है कि हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष गलत है कि विधायक पॉक्सो एक्ट के तहत पब्लिक सर्वेंट नहीं आता. जांच एजेंसी के मुताबिक, पॉक्सो एक्ट की भावना यह है कि जो भी व्यक्ति अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग करता है, उसे पब्लिक सर्वेंट माना जाए. अपराध के वक्त सेंगर विधायक था, जो एक संवैधानिक पद है.
पीड़िता की सुरक्षा को लेकर सीबीआई ने क्या चेतावनी दी
सीबीआई ने अदालत को बताया कि सेंगर बेहद प्रभावशाली और संसाधन संपन्न व्यक्ति है. यदि उसे रिहा किया गया तो वह अब भी पीड़िता और उसके परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है. एजेंसी का कहना है कि ऐसे गंभीर अपराध में सिर्फ जेल में लंबा वक्त बिताना जमानत का आधार नहीं बन सकता.
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दीपक वर्मा (Deepak Verma) एक पत्रकार हैं जो मुख्य रूप से विज्ञान, राजनीति, भारत के आंतरिक घटनाक्रमों और समसामयिक विषयों से जुडी विस्तृत रिपोर्ट्स लिखते हैं. वह News18 हिंदी के डिजिटल न्यूजरूम में डिप्टी न्यूज़...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 27, 2025, 20:14 IST

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