Last Updated:July 22, 2025, 11:24 IST
Uttarakhand News: हर साल की तरह इस बार भी बरसात के मौसम में नदियों से अत्यधिक सिल्ट आने के कारण 8 परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बंद किया गया है.

देहरादूनः उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित किया है. वहीं इसका सीधा असर राज्य की जलविद्युत परियोजनाओं पर भी पड़ा है. नदियों में सिल्ट और तेज बहाव के चलते प्रदेश की 9 पनबिजली परियोजनाएं बंद करनी पड़ी हैं, जिससे कुल उत्पादन पर असर पड़ा है. मनेरी भाली-1, मनेरी भाली-2, छीबरों, खोदरी, कुल्हाल, व्यासी, ढकरानी, ढालीपुर और खटीमा जैसे बड़े पावर हाउस इन दिनों उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. हर साल की तरह इस बार भी बरसात के मौसम में नदियों से अत्यधिक सिल्ट आने के कारण इन परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बंद किया गया है, ताकि उपकरणों को नुकसान से बचाया जा सके.
45 मिलियन यूनिट की रोजाना मांग, सरकार के पास पर्याप्त विकल्प
राज्य में रोजाना लगभग 45 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत रहती है. हालांकि, उत्पादन में कमी के बावजूद सरकार ने अब तक बिजली आपूर्ति में कोई कटौती नहीं की है. मौजूदा समय में विभिन्न स्रोतों से इस मांग की पूर्ति की जा रही है.
यूजेवीएनएल से प्रतिदिन उत्पादन: 18 मिलियन यूनिट
केंद्रीय पूल व अन्य स्रोतों से आपूर्ति: 24 मिलियन यूनिट
बैंकिंग से वापस मिल रही बिजली 5 से 7 मिलियन यूनिट प्रतिदिन
इस व्यवस्था के चलते राज्य की कुल मांग पूरी हो पा रही हैं और प्रदेश में बिजली संकट जैसी स्थिति नहीं है.
बैंकिंग बनी बड़ी राहत
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी कि UPCL के प्रवक्ता एम.आर. आर्य के अनुसार, मानसून के दौरान जलविद्युत उत्पादन में गिरावट सामान्य बात है. लेकिन अन्य राज्यों से की गई बैंकिंग व्यवस्था के तहत हर दिन करीब 5 से 7 एमयू यूनिट बिजली हमें मिल रही है. इससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है. ऊर्जा विभाग का कहना है कि यदि बारिश की तीव्रता बनी रही, तो स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर वैकल्पिक स्रोतों से और बिजली खरीदी जाएगी.
Prashant Rai is a seasoned journalist with over seven years of extensive experience in the media industry. Having honed his skills at some of the most respected news outlets, including ETV Bharat, Amar Ujala, a...और पढ़ें
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