अब रूस-यूक्रेन में होने वाला है सीजफायर? पुतिन ने रख दिया सीधी वार्ता का प्रस्ताव

17 hours ago

Putin Peace Talks: अब रूस और यूक्रेन के बीच भी लंबे समय से जारी युद्ध में अब एक संभावित विराम की उम्मीद दिखने लगी है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को 15 मई को इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा है. क्रेमलिन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुतिन ने कहा कि बातचीत का मकसद दीर्घकालिक शांति कायम करना और युद्ध के मूल कारणों का समाधान करना होगा. यह प्रस्ताव उस समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुतिन पर युद्धविराम को लेकर दबाव बढ़ रहा है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी समर्थन..
असल में इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन में हाल ही में एक बड़ी बैठक हुई है. इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की. बैठक के बाद चारों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर 30 दिनों के बिना शर्त युद्धविराम की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि रूस की किसी भी शर्त को स्वीकार करना युद्ध को खींचने और कूटनीति को कमजोर करने के समान होगा. इस पहल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी समर्थन मिला है जिन्होंने फोन पर यूरोपीय नेताओं से इस बारे में जानकारी ली.

 विक्ट्री डे की 80वीं वर्षगांठ...
इससे पहले रूस ने विक्ट्री डे की 80वीं वर्षगांठ पर तीन दिवसीय एकतरफा युद्धविराम घोषित किया था जो शनिवार को खत्म हो गया. हालांकि यूक्रेन ने दावा किया कि रूस ने इस दौरान भी युद्धविराम का उल्लंघन किया. मार्च में अमेरिका ने भी 30 दिन के सीमित युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था जिसे यूक्रेन ने मंजूर किया लेकिन रूस ने उसे ठुकरा दिया था.

'पुतिन-जेलेंस्की मिलकर युद्ध खत्म करें'
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वे चाहते हैं कि राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की मिलकर इस युद्ध को खत्म करें. ट्रंप ने इसे एक बेवकूफाना युद्ध करार देते हुए दोनों देशों से शांति बहाल करने का आग्रह किया. दूसरी ओर रूसी रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि यूक्रेनी सैनिकों ने कुर्स्क और बेलगोरोड जैसे सीमावर्ती इलाकों में रूसी सीमा का उल्लंघन करने की कोशिशें तेज कर दी हैं. ऐसे में 15 मई को प्रस्तावित वार्ता पर सबकी निगाहें टिकी हैं. देखना है कि क्या होता है.

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