Jaishankar meets Sultan Ahmed Bin Sulayem: वैश्विक चुनौतियों के बीच देश की जीडीपी को मजबूत बनाने और आर्थिक विकास की रफ्तार मेंटेन रखने के लिए भारत के मंत्री और अधिकारी अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ ताबड़तोड़ बैठके कर रहे हैं. इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में डीपी वर्ल्ड के ग्रुप चेयरमैन और सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम से मुलाकात करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था पर चर्चा की. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखी एक पोस्ट में कहा, '@DP_World के ग्रुप चेयरमैन और सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम से मिलकर खुशी हुई. अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में वर्तमान विकास और कनेक्टिविटी व लॉजिस्टिक्स पर उनके प्रभावों पर अच्छी चर्चा हुई.
क्या है डीपी वर्ल्ड?
डीपी वर्ल्ड एक प्रमुख वैश्विक लॉजिस्टिक्स और पोर्ट ऑपरेटर है. अमीरात की बहुराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स कंपनी डीपी वर्ल्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुल्तान अहमद बिन सुलेयाम हैं. जयशंकर की डीपी वर्ल्ड चीफ से बातचीत का फोकस इस बात पर रहा कि कैसे बदलती वैश्विक गतिशीलता व्यापार मार्गों, आपूर्ति श्रृंखलाओं और आर्थिक संबंधों को आकार दे रही है.
आपको बताते चलें इससे पहले, जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) से इतर यूरोपीय संघ (EU) के विदेश मंत्रियों की एक विशेष अनौपचारिक बैठक में भी भाग लिया, जिसे यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि काजा कल्लास ने बुलाया था. सोमवार को हुई यह बैठक यूएनजीए से इतर हुई और इसमें भारत, ब्राज़ील और मेक्सिको के मंत्री शामिल हुए.
भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी
50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ और H-1बी वीजा पर ट्रंप के हालिया रुख से इतर भारतीय हितों को ध्यान में रखते हुए दुनिया के अहम देशों के साथ भारत सरकार कनेक्ट कर रही है. मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स हो या फिर एमईए केंद्र सरकार के कई मंत्रालय एक साथ काम कर रहे हैं.
एक ओर अमेरिका के साथ डील पर काम जारी है. दूसरी ओर भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच की साझेदारी का रोडमैप बन रहा है. यूएनजीए 2025 के दौरान न्यूयॉर्क में EU के विदेश मंत्रियों की विशेष अनौपचारिक बैठक एचआर वीपी काजा कल्लास ने बुलाई, जिसमें 3 अहम स्टेक होल्डर्स भारत, ब्राजील, मैक्सिको ने साझा हितों के मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान ईयू डेलिगेशन ने कहा, 'यूरोपीय संघ एक विश्वसनीय पक्ष है. हम बहुपक्षवाद, मुक्त व्यापार और यूएन चार्टर पर आधारित विश्व का समर्थन करते हैं.'