Last Updated:July 24, 2025, 11:33 IST
CEC Gyanesh Kumar On SIR: CEC ज्ञानेश कुमार ने SIR विवाद पर विपक्ष को चुनौती दी कि क्या मृत मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति दी जानी चाहिए. उनके इस बयान से विपक्ष की बोलती बंद हो गई है, जो इस एसआईआर को लेकर बवाल...और पढ़ें

CEC Gyanesh Kumar On SIR: बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. अपने बयान में उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर करारा जवाब देते हुए एक ऐसा सवाल उठाया, जिसने विपक्ष की बोलती बंद कर दी. SIR को लेकर चुनाव आयोग पर पक्षपात और असंवैधानिकता के आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों को ज्ञानेश कुमार ने चुनौती दी कि क्या मृत मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति दी जानी चाहिए. यह बयान बिहार में चुनावी रोल की तैयारी और SIR की प्रक्रिया को लेकर उठे विवादों के बीच आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
SIR विवाद
बिहार में SIR की शुरुआत इस साल जून में चुनाव आयोग ने की है. इसका मकसद मतदाता सूची को अपडेट करना और उसकी सत्यता सुनिश्चित करना था. हालांकि, विपक्षी दलों खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ NDA के हित में एक साजिश करार दिया. उनका आरोप है कि SIR के जरिए मतदाता सूची में हेराफेरी की जा रही है, जिससे विपक्षी वोटरों को नुकसान पहुंचेगा. इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गई हैं. याचिककर्ताओं ने SIR को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है. लेकिन CEC का ताजा बयान इस विवाद को नई दिशा दे सकता है.
CEC का करारा जवाब
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि क्या चुनाव आयोग को मृत मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति देनी चाहिए? अगर मतदाता सूची में गड़बड़ी नहीं हटाई गई, तो क्या यह लोकतंत्र के लिए सही होगा? उन्होंने स्पष्ट किया कि SIR का मकसद मतदाता सूची की शुद्धता बनाए रखना है, जिसमें मृत, स्थानांतरित या दोहरा नामांकन को हटाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से पहले सभी राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा किया गया था. यह बयान विपक्ष के उन आरोपों को चुनौती देता है, जिसमें कहा जा रहा था कि SIR बिना सहमति के लागू किया गया.
विपक्ष की चुप्पी
CEC के इस सवाल के बाद विपक्षी नेताओं की ओर से कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है, जो इस बात का संकेत है कि उनके पास इसका जवाब नहीं है. RJD नेता तेजस्वी यादव ने पहले SIR को लोकतंत्र की हत्या बताया था, लेकिन अब वह इस मुद्दे पर खामोश हैं. कांग्रेस ने भी आलोचना के स्वर को कम कर दिया है, शायद इसलिए क्योंकि मृत मतदाताओं का मुद्दा उनके लिए असहज सवाल खड़ा करता है. चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट किया कि SIR पुराने आदेश के अनुसार चल रहा है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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