Sheikh Hasina Death Penalty: 'जिस शासन को जनता ने नहीं चुना, वो कर रहा दिखावा', शेख हसीना को मौत की सजा मिलने पर बोले सजीब

2 hours ago

 Sheikh Hasina Son: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी बताते हुए आईसीटी ने सजा ए मौत का ऐलान किया. 17 नवंबर को ही वर्षों पहले शेख हसीना का निकाह हुआ था. जीवन के खास दिन पर ही उन्हें सबसे बुरी खबर मिली. मौत के आदेश पर शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद भड़क उठे. उन्होंने इसकी निंदा करते हुए इसे अनिर्वाचित और अलोकतांत्रिक शासन का रचा गया दिखाया बताया है. अमेरिका में रहने वाले सजीब ने हमारे सहयोगी चैनल WION के संवाददाता सिद्धांत सिब्बल से बातचीत में कहा कि संसदीय अनुमोदन के बिना कानूनों में संशोधन किए जाने के बाद 100 दिनों से भी कम समय में मुकदमा जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया.

शेख हसीना अब तक पांच बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं. उन्होंने पहली बार 1996 से 2001 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला. इसके बाद 2009 से 2014 तक दूसरी बार, 2014 से 2019 तक तीसरी बार, 2019 से 2024 तक चौथी बार और 2024 में पांचवीं बार प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गईं. हालांकि, छात्र विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को सत्ता छोड़नी पड़ी.

2024 में हुआ छात्र आरक्षण सुधार आंदोलन एक जन विद्रोह में बदल गया. उसी साल जुलाई-अगस्त में, छात्र आंदोलन पर पुलिस ने हमला किया और उन पर गोलियां चलाईं, साथ ही अवामी लीग के विभिन्न स्तरों के नेताओं और कार्यकर्ताओं और पार्टी के सहयोगी संगठनों, छात्र लीग और जुबली लीग के कार्यकर्ताओं पर भी हमला किया. नतीजतन, आरक्षण सुधार आंदोलन सरकार के पतन का कारण बन गया.

Add Zee News as a Preferred Source

हसीना के अलावा इस मामले में पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून भी आरोपी थे. हसीना और खान देश में नहीं हैं, तो पूर्व आईजीपी पुलिस के गवाह बन गए. उन्होंने माफी मांगी, जिस पर गौर करते हुए कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा सुना दी.
अपने बयान में ममून ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्र आंदोलन को दबाने के लिए सीधे तौर पर 'घातक हथियारों' के इस्तेमाल का आदेश दिया था. उन्हें यह निर्देश पिछले साल 18 जुलाई को तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमा खान के माध्यम से शेख हसीना से मिला था.

23 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होने के बाद, पहले फैसला और सजा सुनाने की तारीख 14 नवंबर तय की गई थी. बाद में, 13 नवंबर को, आईसीटी ने घोषणा की कि वह हसीना और उनके दो शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ मामले में 17 नवंबर को फैसला सुनाएगा, और आखिरकार हुआ भी यही.

Read Full Article at Source