SC ने दवे की दलील सुनते ही ल‍िया एक्‍शन, CJI बोले, नोट‍िस जारी करें, इस बीच...

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सुप्रीम कोर्ट ने दवे की दलील सुनते ही ल‍िया एक्‍शन, CJI चंद्रचूड़ बोले, नोट‍िस जारी करें, इस बीच... आरोपी को दी अंतर‍िम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने राजेंद्र बिहारी लाल को अंतरिम जमानत दे दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने राजेंद्र बिहारी लाल को अंतरिम जमानत दे दी है.

Religious Conversion Case: लाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्टग्‍ के आदेश ...अधिक पढ़ें

पीटीआईLast Updated : March 4, 2024, 14:22 ISTEditor picture

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथित अवैध धर्म पर‍िवर्तन के एक मामले में उत्तर प्रदेश के सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (SHUATS) के कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल को अंतरिम जमानत दे दी है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में लाल द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है, जो पिछले साल 31 दिसंबर से हिरासत में है. पीठ ने कहा क‍ि नोटिस जारी करें, इस बीच, अंतरिम आदेश के माध्यम से हम याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जमानत बांड की मात्रा 25000 रुपये से अधिक नहीं होगी.

लाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्टग्‍ के आदेश के बावजूद गिरफ्तार किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि लाल और अन्य आरोपी सामूहिक धर्म परिवर्तन कार्यक्रम के ‘मुख्य अपराधी’ हैं, जिसमें लगभग 20 देशों से पैसा आया था. पुलिस ने कहा था कि मामले के अन्य आरोपियों में विनोद बिहारी लाल वास्तव में एक ‘कुख्यात अपराधी’ था, जो पिछले दो दशकों में राज्य भर में धोखाधड़ी और हत्या सहित विभिन्न प्रकृति के 38 मामलों में शामिल था.

लाल और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि लगभग 90 हिंदू ईसाई धर्म में धर्मांतरण के उद्देश्य से हरिहरगंज, फतेहपुर में इवेंजेलिकल चर्च ऑफ इंडिया में एकत्र हुए थे और उन्हें अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती और धोखाधड़ी के माध्यम से लालच दिया गया था और आसान पैसे का वादा किया गया था.

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Tags: CJI, Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

March 4, 2024, 14:22 IST

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