S-400 या आयरन डोम नहीं, अब 'कैपिटल डोम' की ताकत देखेगी दुनिया

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Last Updated:December 22, 2025, 07:52 IST

India Capital Dome: एरियल थ्रेट या अटैक से कारगर तरीके से निपटना 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि दुनिया के तमाम देश एयर डिफेंस सिस्‍टम या तो डेवलप कर रहे हैं या फिर इंपोर्ट कर रहे हैं. भारत भी इसमें पीछे नहीं है. एक तरफ S-400 का रूस से आयात किया जा रहा है तो दूसरी तरफ देसी टेक्‍नोलॉजी के जरिये एयर डिफेंस शील्‍ड विकसित किया जा रहा है. भारत का मिशन सुदर्शन चक्र हजारों-लाखों करोड़ रुपये का एयर डिफेंस शील्‍ड प्रोजेक्‍ट है.

S-400 या आयरन डोम नहीं, अब 'कैपिटल डोम' की ताकत देखेगी दुनियाIndia Capital Dome: देश की राजधानी दिल्‍ली को किसी भी तरह के हवाई हमले से बचाने के लिए 'कैपिटल डोम' डेवलप कर रहा है. पहली बार सकी विस्‍तृत जानकारी सामने आई है. (फाइल फोटो/PTI)

India Capital Dome: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने भारत की ताकत देखी. ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का प्रचंड प्रहार और राफेल जेट की दहाड़ ने दुश्‍मनों को दहला दिया. डींगे हांकने वाला पाकिस्‍तान अपने मित्र देश चीन और तुर्की से मदद की गुहार लगाने लगा. जब किसी ने इस सशस्‍त्र संघर्ष में डायरेक्‍टली इंटरफेयर या हेल्‍प करने से इनकार कर दिया तब पड़ोसी देश घुटनों पर आते हुए भारत से संघर्ष विराम की भीख मांगने लगा. सटीक एरियल अटैक में सामरिक रूप से महत्‍वपूर्ण पाकिस्‍तान के नूर खान एयरबेस को तगड़ा नुकसान हुआ था. बता दें कि इसी एयरबेस के पास ही पड़ोसी देश के परमाणु हथियारों का भंडार है. ब्रह्मोस के अटैक से इस्‍लामाबाद के पैर कांपने लगे. वह इंटरनेशनल कम्‍यूनिटी से भारत को रोकने की मांग करने लगा. बाद में भारत अपनी शर्तों पर सीजफायर पर सहमत हुआ था. इस दौरान भारत के नीति-निर्माताओं ने एक चीज की जरूरत महसूस की- एक अदद, मजबूत और सिक्‍योर एयर डिफेंस सिस्‍टम. संघर्ष विराम के बाद भारत की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियां अब एयर डिफेंस शील्‍ड पर गंभीरता और तेज से काम करने लगा है. राजधानी दिल्‍ली को किसी भी तरह के हवाई हमले (फाइटर जेट, मिसाइल या फिर ड्रोन अटैक) से बचाने के लिए स्‍पेशल प्रोजेक्‍ट पर काम शुरू हो चुका है. इसके लिए पूरी तरह से सिक्‍योर डिफेंस सिस्‍टम डेवलप किया जा रहा है, जिसे लोकप्रिय तौर पर ‘कैपिटल डोम’ कहा जा रहा है. दुनिया ने अभी तक S-400, आयरन डोम और THAAD की ताकत देखी है. अब कैपिटल डोम का जौहर भी देखेगी. बताया जा रहा है कि कैपिटल डोम फाइटर जेट और ड्रोन के साथ ही क्रूज मिसाइल को भी नाकाम करने में सक्षम होगा.

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को हवाई खतरों से सुरक्षित रखने के लिए भारत एक विशेष बहुस्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम विकसित करने की योजना बना रहा है, जिसे अनौपचारिक रूप से ‘कैपिटल डोम’ नाम दिया गया है. इस प्रणाली का उद्देश्य मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और दुश्मन ड्रोन जैसे हर तरह के हवाई खतरों से राजधानी की चौबीसों घंटे सुरक्षा करना है. सूत्रों के अनुसार, कैपिटल डोम पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगा और इसमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित कई एयर डिफेंस सिस्टम को जोड़ा जाएगा. यह एक परतदार (लेयर्ड) सुरक्षा कवच होगा, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के ऊपर एक मजबूत सुरक्षा घेरा बनाएगा.

India Capital Dome: कैपिटल डोम फाइटर जेट, मिसाइल और ड्रोन को नाकाम करने में सक्षम होगा. (फाइल फोटो/PTI)

क्‍यों खास होगा कैपिटल डोम?

‘इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग’ की रिपोर्ट के अनुसार, कैपिटल डोम एयर डिफेंस ढांचे का अहम हिस्सा क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) और वर्टिकली लॉन्च्ड शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VLSRSAM) सिस्टम होंगे. QRSAM कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों, हेलीकॉप्टरों और क्रूज मिसाइलों को तेजी से निशाना बनाने में सक्षम है. यह मोबाइल प्लेटफॉर्म पर तैनात होगा, जिससे खतरे के अनुसार इसे जल्दी तैनात किया जा सकेगा. वहीं, VLSRSAM की खासियत इसकी वर्टिकल लॉन्च क्षमता है, जिससे यह बिना लॉन्चर को घुमाए 360 डिग्री में किसी भी दिशा से आने वाले लक्ष्य को भेद सकता है. घनी आबादी और जटिल शहरी माहौल वाली दिल्ली के लिए यह क्षमता बेहद अहम मानी जा रही है.

क्‍या है DEW?

कैपिटल डोम की एक बड़ी और खास विशेषता इसमें डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स (DEW) को शामिल किया जाना है. ये आधुनिक हथियार मुख्य रूप से दुश्मन ड्रोन को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे, खासकर उन ड्रोन को जो बाहरी मिसाइल रक्षा परतों को पार कर लें या फिर राजधानी के भीतर से ही लॉन्च किए जाएं. डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स की खासियत यह है कि ये लगभग तुरंत लक्ष्य को निशाना बनाते हैं, इनके इस्तेमाल में गोला-बारूद की सीमा नहीं होती और इन्हें चलाने से आसपास के इलाकों को कम नुकसान पहुंचता है. आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में ड्रोन खतरों से निपटने के लिए इन्हें बेहद प्रभावी माना जा रहा है.

हर पल, हर जगह नजर

इस पूरे सिस्टम में आधुनिक रडार, सेंसर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम और कमांड एंड कंट्रोल नेटवर्क को जोड़ा जाएगा, ताकि राजधानी के ऊपर हर समय इंटीग्रेटेड हवाई तस्वीर उपलब्ध रहे. इससे किसी भी खतरे को सही समय पर, सही दूरी से और सही हथियार प्रणाली से नष्ट किया जा सकेगा. कैपिटल डोम के पूरी तरह लागू होने के बाद नई दिल्ली देश के सबसे ज्यादा सुरक्षित शहरों में शामिल हो जाएगी. स्वदेशी तकनीक और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा यह प्रोजेक्ट भारत की हवाई रक्षा क्षमता को नई मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 22, 2025, 07:52 IST

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