Nepal GenZ Protest: नेपाल में हिंसा और आगजनी की स्थिति तब पैदा हुई तो जब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विरोध प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया. इसकी मुख्य वजह थी सरकार में फैला भ्रष्टाचार, राजनीतिक ठहराव और सोशल मीडिया पर लगी पाबंदी. बिगड़ते हालात को काबू करने के लिए काठमांडू समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया. पशुपतिनाथ मंदिर, जो इन विरोध प्रदर्शनों का एक केंद्र बन गया है अब सेना के अधीन है. मंदिर के पास पोस्ट को भी जला दिया गया था जहां अभी के लिए सेना की तैनाती की गई है. बता दें कि प्रदर्शनकारियों की सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने की मांग सबने मान ली लेकिन अब एक नए मुद्दे पर बातचीत अटक गई है.
क्यों प्रस्तावित था बालेन-सुशीला का नाम?
प्रदर्शनकारी युवाओं के नेता ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम पद का सबसे बेहतर उम्मीदवार बताया है. उनका कहना है कि कार्की अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं. काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी सुशीला कार्की का समर्थन किया है जिससे उनकी उम्मीदवारी को और ताकत मिली है. युवा नेता दिवाकर दंगल ने कहा, हम इस आंदोलन को भ्रष्टाचार के खिलाफ चला रहे हैं जो देश में बहुत फैल चुका है.
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सरकारों और विपक्ष के बीच मतभेद
वर्तमान समय में नेपाल में हाई-लेवल बैठक होने वाली है जिसमें सेना प्रमुख, मुख्य न्यायाधीश और CPM के नेता शामिल होंगे. इस बैठक में राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल भी हिस्सा लेंगे. हालांकि, संसद भंग करने के मुद्दे को लेकर बातचीत अटक गई है जिससे ये राजनितिक संकट और गहरा गया है. प्रदर्शनकारी नेताओं ने यह भी कहा कि उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था लेकिन कुछ राजनीतिक घुसपैठियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम दिया. उनका लक्ष्य संविधान बदलना नहीं बल्कि जरूरी संसोधन करना है और वो 6 महीने के अंदर चुनाव चाहते हैं.
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल
नेपाल में यह स्थिति तब पैदा हुई जब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया. इन प्रदर्शनों की मुख्य वजह सरकार में फैला भ्रष्टाचार, राजनीतिक ठहराव और सोशल मीडिया पर लगी पाबंदी थी. 8 सितंबर से शुरु हुए इन प्रदर्शनों में युवाओं ने Nepo Babies ट्रेंड के जरिए राजनेताओं के बच्चों की लैविश लाइफस्टाइल को सामने लाया जिससे आम जनता में गुस्सा और बढ़ गया.
भारतीयों की बस पर हमला
इसी बीच आंध्रप्रदेश के तीर्थयात्रियों को उस समय भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा जब गुरूवार की सुबह काठमांडू में बस पर हमला हुआ और उनका सामान लूट लिया गया. तीर्थयात्री काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन से लौट रहे थे तभी उत्तर प्रदेश के पंजीकरण नंबर वाली उनकी बस पर हमला हुआ था. हमलावरों ने बस पर पत्थर फेंके उसकी खिड़कियां तोड़ दीं और यात्रियों के बैग, नकदी और मोबाइल फोन लूट लिए.