Goa Fire: पत्नी को बाहर ले आए थे विनोद, फिर 3 सालियों को बचाने आग में कूद गए

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Last Updated:December 08, 2025, 06:41 IST

Goa Night Club Fire: गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में लगी आग में 25 लोगों की मौत हो गई. इनमें दिल्ली के रहने वाले विनोद कुमार और उनकी तीन बहनें भी शामिल हैं. विनोद ने पत्नी को बचाने के बाद तीन बहनों को बचाने की कोशिश की, लेकिन आग में फंस गए.

 पत्नी को बाहर ले आए थे विनोद, फिर 3 सालियों को बचाने आग में कूद गएगोवा के अरपोरा में स्थित मशहूर नाइटक्लब 'बर्च बाय रोमियो लेन' में लगी भीषण आग ने 25 जिंदगियां छीन ली.

गोवा के अरपोरा इलाके में स्थित मशहूर नाइटक्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में लगी भीषण आग ने एक खुशहाल परिवार की जिंदगी को महज पंद्रह मिनट में राख में बदल दिया. गाजियाबाद और दिल्ली से छुट्टियां मनाने आए एक ही परिवार के चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि परिवार की एकमात्र बची सदस्य भावना जोशी आज जिंदा तो हैं, लेकिन अपने पूरे संसार को खो चुकी हैं.

शनिवार देर रात भावना अपने पति विनोद कुमार और तीन बहनों अनिता, सरोज और कमला के साथ नाइटक्लब में दाखिल हुई थीं. यह गोवा यात्रा उनके लिए खुशियों, संगीत और सुकून से भरे पलों का तोहफा थी. परिवार बागा के एक होटल में ठहरा हुआ था और यह शाम उनके छुट्टियों के सबसे खास पलों में से एक होने वाली थी. लेकिन क्लब में कदम रखने के कुछ ही मिनट बाद अचानक आग भड़क उठी. चारों तरफ अफरातफरी मच गई, धुआं और लपटें तेजी से फैलने लगीं.

वापस क्लब के अंदर क्यों गए विनोद?

पुलिस के मुताबिक जैसे ही हालात बिगड़े, विनोद कुमार ने बिना देर किए अपनी पत्नी भावना को मेन एंट्री गेट की ओर धकेल दिया. दमघोंटू धुएं और जलन भरी आंखों के साथ भावना किसी तरह बाहर गिर पड़ीं और बेहोशी जैसी हालत में जमीन पर बैठ गईं. लेकिन विनोद वहां नहीं रुके. क्लब के अंदर उनकी तीन साली थीं, जो आग के बीच फंसी हुई थीं. पत्नी को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद विनोद वापस आग की लपटों में लौट गए, ताकि बाकी लोगों को बचा सकें. लेकिन किस्मत ने उन्हें दूसरा मौका नहीं दिया. आग ने विनोद और तीनों बहनों को निगल लिया.

बाहर खड़ी भावना कुछ समझ नहीं पा रही थीं. वह बार-बार अपने पति का फोन मिलाती रहीं. घंटी जाती रही, बार-बार जाती रही. जब विनोद का शव बाहर लाया गया तो उसका मोबाइल फोन अब भी उसके हाथ में था और भावना का आखिरी कॉल उसमें लगातार जा रहा था. उस पल के बाद से भावना के जीवन में बस सन्नाटा बचा है.

किस हाल में विनोद और भावना का परिवार?

जिस छुट्टी की शुरुआत हंसी, उम्मीद और परिवार के साथ बिताए सुकून भरे समय से हुई थी, उसका अंत एक जले हुए क्लब के बाहर पुलिस की बैरिकेडिंग और विलाप में बदल गया. होटल के कर्मचारी भावना को संभालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह अब अकेली थीं. उनका पति, उनकी तीनों बहनें… सब उन्हें छोड़ चुके थे.

घटना की सूचना मिलते ही परिजन रातोंरात गोवा के लिए रवाना हो गए. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक रिश्तेदार ने रोते हुए बताया कि घर पर उनके बच्चे इंतजार कर रहे हैं. सभी रिश्तेदार बेसब्री से उनके लौटने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि बच्चों को सच्चाई बताई जा सके. परिजनों ने अभी तक बच्चों को सिर्फ इतना बताया है कि दो मौसियों की मौत हो गई है और दो लोग लापता हैं. उनका इरादा शवों को गांव वापस ले जाने का है.

रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य रिश्तेदार ने कांपते हाथों से मोबाइल फोन पर जली हुई तस्वीर दिखाते हुए कहा, ‘मेरी भाभी पूरी तरह झुलस चुकी है. शरीर पर कोई चमड़ी नहीं बची.’ यह कहते हुए उसकी आवाज भर्रा गई.

भावना के लिए यह यात्रा अब हमेशा के लिए एक दर्दनाक याद बन चुकी है. वह एक ऐसे पति की बदौलत जिंदा हैं, जिसने दूसरों की जान बचाने के लिए खुद को आग के हवाले कर दिया. आज वह अकेली हैं, और उन मासूम बच्चों को यह बताने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर आ गई है कि उनके मां-बाप और मौसियों की आखिरी रात कैसे कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई और कैसे एक इंसान ने अपनों को बचाने के लिए आग को गले लगा लिया.

यह हादसा सिर्फ एक आग की घटना नहीं, बल्कि उस साहस, प्रेम और बलिदान की कहानी भी है, जिसमें एक आदमी ने अपनी जान देकर अपनी पत्नी को नई जिंदगी दे दी, लेकिन खुद अपने परिवार के साथ हमेशा के लिए राख हो गया.

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Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

Location :

Panaji,North Goa,Goa

First Published :

December 08, 2025, 06:41 IST

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