Exclusive: 'मैं एक पल नहीं सोया', शुभांशु के मिशन पर ISRO चीफ का बड़ा खुलासा

8 hours ago

Last Updated:July 15, 2025, 16:50 IST

Shubhanshu Shukla Return Latest Update: शुभांशु शुक्‍ला और अन्‍य एस्‍टोनॉट जिस यान से पृथ्वी से अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन जा रहे थे, उसमें दरार थी, जिसे देखते हुए इसरो चीफ वी. नारायणन ने मिशन को एक दिन के ल...और पढ़ें

 'मैं एक पल नहीं सोया', शुभांशु के मिशन पर ISRO चीफ का बड़ा खुलासा

शुभांशु शुक्‍ला पृथ्‍वी पर लौट आए हैं. (News18)

हाइलाइट्स

शुभांशु शुक्‍ला जिस मिशन के तहत ISS गए शुरुआत में उसमें गड़बड़ी पाई गई.इसरो चीफ ने मिशन शुरू होते वक्‍त इन इस गड़बड़ को पकड़ लिया था.यही वजह है कि मिशन को इसरो चीफ के कहने पर डिले कर दिया गया था.

Shubhanshu Shukla Return Latest Update: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने CNN-NEWS18 से खास बातचीत की. उन्होंने भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर कई अहम खुलासे किए. उन्होंने बताया कि कैसे बगुज़ारीं, और क्यों ये अनुभव गगनयान मिशन के लिए एक मजबूत नींव साबित हो रहा है.

‘हम नहीं थे संतुष्ट, इसलिए लॉन्च रोका गया’
नारायणन ने बताया कि ISRO के दो प्रशिक्षित गगनयात्री – ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और विंग कमांडर प्रशांत नायर – Axiom-4 मिशन का हिस्सा थे. उन्होंने कहा, ‘हम लॉन्च ऑपरेशन के दौरान एक महीने तक वहीं थे. जब हमें पता चला कि वाहन में एक छोटी सी लीक है, तो हमने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इसे सुधारे बिना हम लॉन्च की अनुमति नहीं देंगे. हमारी बात मानकर लॉन्च टाल दिया गया और लीक ठीक किया गया. इसके बाद ही हम निश्चिंत हुए.’

‘सुरक्षा में कोई समझौता नहीं’
ISRO प्रमुख ने बताया कि उनके लिए ये फैसला आसान नहीं था, लेकिन सुरक्षा सर्वोपरि थी. उन्होंने कहा, ‘जब तक लीक ठीक नहीं हुआ, मैं एक पल को नहीं सोया. क्योंकि वहां हमारे देश के भाई और साथी थे. उनकी ज़िंदगी दांव पर थी.’

‘गगनयान की ओर एक बड़ी छलांग’
नारायणन ने मिशन की सफलता को ‘पीएम मोदी के दृष्टिकोण’ का परिणाम बताया. उन्होंने कहा, ‘मानव स्पेसफ्लाइट में भारत एक बड़ी छलांग लगा रहा है. गगनयान कार्यक्रम के लिए हमने अब तक 7,300 से ज़्यादा टेस्ट किए हैं और कुल 10,000 टेस्ट का लक्ष्य है, जिसमें क्रू मॉड्यूल, प्रणोदन प्रणाली, सिमुलेशन, पर्यावरणीय और विद्युत परीक्षण शामिल हैं.’

‘अंतरिक्ष यात्रियों को आत्मविश्वास मिलना चाहिए’
उन्होंने कहा कि एक अंतरिक्ष यात्री को ये भरोसा होना चाहिए कि उसके पीछे हजारों लोग उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगे हैं. Axiom मिशन के जरिए ISRO ने न सिर्फ अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण दिलाया, बल्कि अंतरिक्ष में सुरक्षित लॉन्चिंग, री-एंट्री और स्प्लैशडाउन जैसी प्रक्रियाओं में व्यावहारिक अनुभव भी हासिल किया.

‘गगनयान की नींव तैयार’
ISRO प्रमुख ने कहा, ‘यह Axiom मिशन हमारे गगनयान कार्यक्रम के लिए बीज बोने जैसा है. इससे हमने वो सीखा है जो आने वाले समय में हमारे अपने मानव मिशन को सफल बनाने में मदद करेगा.’

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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