Last Updated:September 30, 2025, 22:35 IST
भारत में फिलिस्तीन के राजदूत का संदेश साफ है कि ट्रंप की शांति योजना को एक मौके की तरह देखा जाना चाहिए. इससे युद्ध तुरंत रुक सकता है और लोगों को राहत मिल सकती है. लेकिन असली शांति तभी संभव होगी जब दो-राष्ट्र समाधान को लागू किया जाएगा. और इसमें भारत की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है.

गाजा में पिछले दो साल से जारी युद्ध और खूनखराबे को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 प्वाइंट वाली शांति योजना पेश की है. उन्होंने ये भी कहा है कि हमास के पास इसे मानने के लिए सिर्फ 3 से 4 दिन का वक्त है. इस पर भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश ने कहा कि अगर यह योजना युद्ध रोकने और लोगों को भूख से बचाने में मदद करती है, तो इसे जरूर अपनाया जाना चाहिए. उन्होंने साफ कहा– हर वक्त सही समय होता है, अगर उससे जानें बचाई जा सकती हैं. फिलिस्तीनी राजदूत ने मदद के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की. कहा, आज भारत की आवाज दुनिया सुनती है.
राजदूत शावेश ने कहा कि फिलिस्तीनी नेशनल अथॉरिटी ने इस योजना पर अपना आधिकारिक बयान पहले ही जारी कर दिया है.
हम इसका स्वागत करते हैं. अगर इससे गाजा में युद्ध रुकता है, अगर बच्चे भूख और कुपोषण से मरने से बच जाते हैं, तो यह हमारे लिए खुशी की बात होगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शांति प्रक्रिया सिर्फ ट्रंप की योजना तक सीमित नहीं है. यह प्रस्ताव अहम है, लेकिन शांति उससे कहीं बड़ी चीज है. हमें लंबी दूरी तक सोचना होगा. फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (PLO) के पास भविष्य के लिए साफ दृष्टि है और हमें उसी दिशा में बढ़ना है.
हमास की भूमिका पर
जब उनसे पूछा गया कि अगर हमास इस योजना को मान ले तो क्या होगा, उन्होंने कहा, हर वक्त सही वक्त है. अगर इससे 725 दिनों से चल रहा नरसंहार रुक सकता है तो यही सबसे अच्छा समय है. उन्होंने जोर देकर कहा कि गाजा की त्रासदी को किसी एक राजनीतिक पार्टी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, यह पूरी फिलिस्तीनी जनता का मुद्दा है.
भारत की अहमियत
राजदूत शावेश ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर भी बात की. उन्होंने कहा कि मोदी जी ने हाल ही में तीन भाषाओं अरबी, अंग्रेजी और हिब्रू में पोस्ट कर दिखाया है कि भारत इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है. भारत उन पहले देशों में था जिसने फिलिस्तीन को मान्यता दी. भारत हमारे साथ कल था, आज है और कल भी रहेगा. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत की भूमिका बहुत अहम है.
दो-राष्ट्र समाधान की जरूरत
राजदूत ने माना कि मौजूदा योजना युद्ध रोक सकती है, लेकिन असली समाधान इससे बड़ा होगा. इजराइल ने खुद कहा है कि इस प्रस्ताव में टू-स्टेट सॉल्यूशन (दो-राष्ट्र समाधान) शामिल नहीं है. लेकिन खूनखराबा रोकना पहला कदम है. असली शांति तभी आएगी जब दो अलग-अलग देशों इजराइल और फिलिस्तीन की व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलेगी. इसके लिए नया राष्ट्रीय क़ानून चाहिए और भारत इस विचार का समर्थन करता है.
गाजा की हालत बेहद खराब
राजदूत शावेश ने गाज़ा की मानवीय स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि लोगों के पास खाने को नहीं है, दवाइयां नहीं हैं. बच्चे भूख और कुपोषण से मर रहे हैं. लोग हर दिन डर में जी रहे हैं. इस हालात में अगर कोई योजना राहत देती है तो हमें उसका समर्थन करना ही चाहिए. राजदूत ने साफ कहा कि यह मामला सिर्फ राजनीतिक नहीं है, बल्कि इंसानियत का है. हमारी प्राथमिकता यही है कि गाज़ा में लोग चैन से जी सकें. यह बच्चों की जिंदगी और आम जनता की सुरक्षा का सवाल है.”
भारत से उम्मीदें
राजदूत शावेश ने कहा कि भारत की आवाज पूरी दुनिया सुनती है. जब भारत हमारे साथ खड़ा होता है तो यह संदेश पूरे मध्य पूर्व में जाता है. हमें भरोसा है कि भारत भविष्य में भी शांति प्रक्रिया में योगदान देगा. राजदूत ने बातचीत खत्म करते हुए दोहराया, अगर शांति का मौका है तो हर वक्त सही वक्त है. अब हमें और इंतजार नहीं करना चाहिए. गाज़ा की जनता बहुत दुख झेल चुकी है. अब समय आ गया है कि सब मिलकर आगे बढ़ें और खूनखराबा खत्म करें.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 30, 2025, 22:29 IST