DU में गोल्ड मेडलिस्ट, UPSC में टॉपर, टीचर की बेटी इस सक्सेस मंत्र से बनी अफसर

1 month ago

Last Updated:October 04, 2025, 08:48 IST

UPSC ISS Topper Kashish Kasana Success Story: यूपीएससी आईएसएस टॉपर कशिश कसाना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्टैटिस्टिक्स में एमएससी की डिग्री हासिल की. वह यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं.

DU में गोल्ड मेडलिस्ट, UPSC में टॉपर, टीचर की बेटी इस सक्सेस मंत्र से बनी अफसरKashish Kasana ISS: कशिश कसाना ने सेल्फ स्टडी के दम पर सफलता हासिल की

नई दिल्ली (UPSC ISS Topper Kashish Kasana Success Story). मेरठ की कशिश कसाना चर्चा में हैं. उन्होंने यूपीएससी आईएसएस 2025 परीक्षा में टॉप किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडलिस्ट कशिश कसाना की कहानी सिर्फ एक परीक्षा पास करने की नहीं है, बल्कि कॉन्फिडेंस और जुनून की भी है. उनकी बचपन से ही गणित और सांख्यिकी यानी स्टैटिस्टिक्स में काफी रुचि थी. कशिश ने यूपीएससी आईएसएस परीक्षा की तैयारी सेल्फ स्टडी के दम पर की थी. इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन स्टडी मटीरियल की मदद ली थी.

कशिश कसाना के पिता जितेंद्र कसाना रजपुरा विकासखंड में एडीओ कोऑपरेटिव के पद पर तैनात हैं और मां रेखा प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं. कशिश के माता-पिता ने उन्हें हमेशा पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन सफलता का रोडमैप उन्होंने खुद तैयार किया. कशिश ने एमएससी की पढ़ाई के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने दोनों परीक्षाओं में टॉप करके साबित कर दिया कि अगर टाइम मैनेजमेंट सही हो तो 2 बड़े लक्ष्य एक साथ साधे जा सकते हैं. पढ़िए यूपीएससी टॉपर की सक्सेस स्टोरी.

दिल्ली यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई

यूपीएससी आईएसएस 2025 टॉपर कशिश कसाना ने अपनी स्कूली शिक्षा मेरठ के केएल इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की थी. फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से सांख्यिकी (Statistics) ऑनर्स की डिग्री हासिल की. इस विषय में उनकी इतनी रुचि थी कि उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी इसी विषय से किया. कशिश कसाना ने सांख्यिकी विषय में एमएससी किया, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल मिला था. अपने पूरे एकेडमिक करियर में कशिश ने हमेशा गणित और सांख्यिकी में गहरी रुचि दिखाई.

थ्री डी फॉर्म्यूले से मिली सक्सेस

कशिश कसाना को स्कूली दिनों में ही यूपीएससी आईएसएस परीक्षा की जानकारी मिल गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें इस परीक्षा में टॉप करने की उम्मीद नहीं थी. हालांकि, उन्हें इस बात पर भरोसा था कि वह पास हो जाएंगी. उन्होंने बताया कि गणित में उनकी हमेशा से ही रुचि थी. वे थ्री डी फॉर्म्यूला को अपनी सफलता का मंत्र बताती हैं. थ्री थी यानी डिसीजन, डिवोशन और डिसिप्लिन. कशिश ने बिना किसी कोचिंग के सफलता हासिल की. उनका मानना है कि भले आप दिन में 1 घंटे पढ़ें, लेकिन मन लगाकर पढ़ें.

Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें

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First Published :

October 04, 2025, 08:48 IST

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