DNA: हादी के जनाजे में पहुंचे जसीमुद्दीन रहमानी और अताउर रहमान बिक्रमपुरी, जानिए इनकी कुंडली

2 hours ago

DNA: एक घोर कट्टरपंथी को अपना आदर्श घोषित करने वालों ने ये ट्रेलर दिखा दिया है कि भविष्य का बांग्लादेश कैसा होगा? शेख मुजीबुर्रहमान का मुल्क अतिवादियों का अड्डा बन चुका है. हादी की मौत के बाद अतिवादियों और आतंकवादियों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया. अतिवादियों की ख़ूनी टोली ने एक निर्दोष हिंदू के लहू से भविष्य के बांग्लादेश की प्रस्तावना लिखी तो आतंकियों ने अपनी तकरीर में बताया कि आगे ढाका में क्या होगा? ऐसे आतंकी जिन पर बांग्लादेश में ही कई हत्याओं के आरोप हैं. जो बरसों तक काल कोठरी में बंद रहे हैं. जो मोहम्मद यूनुस के मौन समर्थन से रिहा हुए थे. जिनका एकमात्र एजेंडा किसी भी कीमत पर कट्टरवाद की विचारधारा का विस्तार करना है, ऐसे खूंखार आतंकी हादी के लिए न्याय मांगने धरने पर बैठे थे. 

एक अतिवादी की हत्या के बाद कुछ आतंकी न्याय के लिए धरने पर बैठे थे. इससे बड़ी अतिश्योक्ति कुछ हो नहीं सकती. लेकिन मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश में ऐसा ही हो रहा है. इसलिए आज हम, हादी की मौत पर आतंकियों के जमावड़े का विश्लेषण करेंगे. शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका के शाहबाग इलाके में एक जमावड़ा लगा था. इसमें एक से बढ़कर छंटे हुए आतंकी शामिल हुए. इनमें दो नाम सबसे प्रमुख थे. एक जसीमुद्दीन रहमानी और दूसरा नाम है अताउर रहमान बिक्रमपुरी. ये दोनों बांग्लादेश के बड़े आंतकी हैं. ये अंसारुल्लाह बांग्ला टीम जैसे घोषित आतंकियों के सदस्य रहे हैं. हम सबसे पहले आपको जसीमुद्दीन रहमानी के आतंक के बारे में बताना चाहेंगे.

जामा मस्जिद का इमाम भी रह चुका है रहमानी 
रहमानी देवबंदी विचारधारा का कथित इस्लामी विद्वान और मुफ्ती है. वह ढाका के हातेमबाग जामा मस्जिद का इमाम भी रह चुका है. लेकिन रहमानी की असली पहचान ये है कि वो अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का मेन्टॉर रहा है. अंसारुल्लाह बांग्ला टीम एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का आतंकी संगठन है. जिसका मकसद गैर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करना और करवाना है. जो बांग्लादेश में हिंदुओं का सबसे बड़ा दुश्मन है. जो कट्टर विचारधारा का प्रचार करता रहा है. जिसका अल-कायदा और ऐसे दूसरे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के साथ संबंध रहे हैं. अंसारुल्लाह बांग्ला टीम जैसे खतरनाक संगठन के आंतकी रहमानी पर कई तरह के आरोप हैं.

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लोगों को उकसाता था आतंकी जसीमुद्दीन रहमानी 
आतंकी जसीमुद्दीन रहमानी बांग्लादेश के कई सेक्युलर ब्लॉगर्स और लेखकों के खिलाफ हिंसा का आरोपी है. ये उनकी हत्या के लिए लोगों को उकसाता था. हत्या का समर्थन करता था. ये भारत के खिलाफ अक्सर ज़हर उगलता रहता है. 2013 में रहमानी को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन जब मोहम्मद यूनुस के हाथ में बांग्लादेश की सत्ता आई. यूनुस के अंदर का कट्टरवाद जागा तो उन्होंने रहमानी की रिहाई का आदेश दे दिया. यही आतंकी रहमानी अब खुले में घूम रहा है. भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है. कल जब वो हादी के लिए ढाका में बैठा था, तब भी वहां भारत विरोधी तकरीरें दी गई थी. रहमानी के साथ जो दूसरा कुख्यात चेहरा वहां मौजूद था, उसके बारे में भी जान लीजिए.

अताउर रहमान सोशल मीडिया पर देता है नफरती भाषण
अताउर रहमान बिक्रमपुरी कहने के लिए तो तौहीदी जनता नाम के कट्टरवादी ग्रुप का संयोजक है. लेकिन असल में ये भी उसी अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का सदस्य है, जिसका मेन्टॉर रहमानी है. ये बिक्रमपुरी सोशल मीडिया पर नफरती भाषण देता है. सार्वजनिक सभाओं में हिंदुओं, नास्तिकों और लोकतांत्रिक विचारधाराओं के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करता है. उकसाने वाला भाषण देता है. शरिया कानून का बहुत बड़ा समर्थक है. बिक्रमपुरी बांग्लादेश की जेल में बंद आतंकियों और अतिवादियों की रिहाई के लिए आंदोलन करता रहा है. 2021 में इसे गिरफ्तार किया गया था. लेकिन रहमानी की तरह इसे भी यूनुस सरकार ने रिहा कर दिया था.

बांग्लादेश बना अतिवाद का पर्याय
अब ये दोनों आतंकी फिर से आज़ाद हैं. जब अतिवाद, बांग्लादेश का पर्याय बन चुका है. जब कट्टरपंथी विचारधारा का बेहिसाब विस्तार हो रहा है. जब बांग्लादेश में कट्टरवाद का वायरस नए-नए लड़कों को संक्रमित कर चुका है. तब रहमानी और बिक्रमपुरी जैसे छंटे हुए आतंकी अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में जुटे हैं. अतिवादी शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने रहमानी जैसे आतंकियों को अपने कट्टर विचार को नए सिरे से आकार देने का मौका दे दिया है.

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