DNA: कौन है मोसाद की लेडी किलर? इजरायल- ईरान युद्ध के बीच क्यों उठी चर्चा?

4 hours ago

DNA Analysis: ईरान और इजरायल आसमान से हमले करके एक दूसरे की हवाई ताकत तौल रहे हैं लेकिन जमीन पर भी एक युद्ध चल रहा है. एक ऐसा युद्ध जिसमें ईरान की खुफिया एजेंसियां और इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद आमने-सामने है और इस युद्ध में सबसे ज्यादा चर्चा पिछले 24 घंटे से जिस चेहरे की है वो मोसाद की एक महिला एजेंट है. जिसे ईरान में LADY KILLER कहा जा रहा है. कौन है वो और तेहरान की तबाही में कैसे वो LADY KILLER इजरायल के लिए तुरुप का पत्ता साबित हुई. इसे जानने के लिए आपको हमारी ये स्पेशल रिपोर्ट देखनी चाहिए.

ईरान के आर्मी चीफ से लेकर ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर तक पिछले 8 दिनों के अंदर इजरायल ने ईरान के 9 बड़े सैन्य कमांडर ढेर कर दिए. हर बार तरीका एक ही था इजरायली वायुसेना उसी इमारत पर मिसाइल दागती जहां कमांडर मौजूद था और एक धमाके में टारगेट का खात्मा हो जाता था. अपने वरिष्ठ कमांडरों की लगातार मौत होते देख ईरान की खुफिया एजेंसियां अलर्ट हुईं और जब हर इजरायली स्ट्राइक के तार जोड़े गए तो सामने आया एक नाम आया.

ईरान की खुफिया एजेंसियों को पता चला कि मोसाद ने कैथरीन नाम की एक महिला जासूस को तेहरान में प्लांट कर दिया था और इसी जासूस के जरिए. मोसाद को ईरानी फौज के टॉप कमांडर्स की जानकारी और पिन प्वाइंट लोकेशन मिल रही थी. हालांकि ईरान की एजेंसियां कैथरीन को पकड़ नहीं पाईं लेकिन जो कैथरीन ने किया उसे सुनकर सबके होश उड़ गए. ईरान की खुफिया एजेंसी VAJA ने जो जानकारी साझा की है. 

उसके मुताबिक कैथरीन एक फ्रेंच मूल की नागरिक है जिसे मोसाद ने जासूसी के लिए ट्रेन किया था.ट्रेनिंग के बाद कैथरीन ईरान आई...औऱ उसने इस्लाम के शिया पंथ में दिलचस्पी दिखानी शुरु कर दी. कैथरीन ने इस्लाम भी अपना लिया था जिसके बाद वो ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों की पत्नियों के संपर्क में आई और उनके घरों में आना जाना शुरु कर दिया. यही से कैथरीन ने ईरानी फौज के वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी जुटानी शुरु कर दी थी.

कैथरीन पेरेज ये जानकारी लगातार मोसाद को भेजती थी और जानकारियों के आधार पर इजरायली वायुसेना को वो लोकेशन बताई जाती थी. जहां ईरान के वरिष्ठ मिलिट्री कमांडर मौजूद रहते थे. पहले ईरान के अंदर से ड्रोन अटैक फिर कार बमों के जरिए धमाके और अब महिला जासूस के जरिए चौंकाने वाला ऑपरेशन. ये मिशन साबित करते हैं कि ईरान के लिए मोसाद के वार से बचना मुश्किल हीं नहीं नामुमकिन है. सिर्फ मोसाद ही नहीं बल्कि दुनिया भर की जासूसी एजेंसियां. अपने अभियानों में महिला जासूसों का इस्तेमाल करती हैं.जासूसी का इतिहास ऐसी महिलाओं के कारनामों से भरा पड़ा है अब हम आपको उन महिला जासूसों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनकी बहादुरी की मिसाल आज भी दी जाती है आप चाहे तो इस जानकारी को नोट भी कर सकते हैं. 

 | मोसाद की 'लेडी किलर' का 'ऑपरेशन ईरान'. ईरान की बर्बादी में किस 'औरत' का हाथ?

मोसाद की एक महिला जासूस के बड़े खेल का खुलासा हुआ है, जिसने ईरान में घुसपैठ की.... इसके बाद शिया इस्लाम कबूल किया और देश के बड़े अफसरों के घरों तक पहुंच बना ली...और ईरान की बर्बादी… pic.twitter.com/3ZW5fzd7Dm

— Zee News (@ZeeNews) June 20, 2025

इस लिस्ट में पहला नाम आता है भारतीय मूल की नूर इनायत खान का दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान नूर ब्रिटिश सेना में शामिल हुई थीं और फिर सेना के इंटेलिजेंस विभाग SOE की सदस्य बन गईं. जिसके बाद उन्हें पेरिस भेज दिया गया जहां उन्हें नाजी जर्मनी से लड़ रही फ्रेंच मिलिशिया से जुड़ी जानकारियां भेजनी थीं. जून 1943 से लेकर सितंबर 1943 तक नूर लगातार अपना काम करती रहीं लेकिन अक्टूबर 1943 में उन्हें जर्मनी की खुफिया एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया और वर्ष 1944 में उन्हें मौत की सजा सुना दी गई थी.

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका और रूस के शीतयुद्ध में एक महिला जासूस का नाम सुर्खियों में आया था ये जासूस थीं योना मोंटेज. जिन्हें अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने भर्ती किया था. योना एक बैंक कर्मचारी थीं CIA से जुड़ने के बाद उन्होंने पूर्वी यूरोप के कई बैंक्स में काम किया. उस दौर में पूर्वी यूरोप के अधिकतर देश कम्युनिस्ट थे और रूस का समर्थन करते थे. योना ने तकरीबन 15 साल तक इन देशों में नौकरी की और CIA के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाईं. योना कभी पकड़ी नहीं गईं और 1993 में उन्होंने CIA से रिटायरमेंट ले लिया था.

साल 1973 के अरब-इजरायल युद्ध की कहानियों में एक कहानी हेबा सलीम की भी है हेबा मिस्र की नागरिक थी लेकिन उन्हें मोसाद ने भर्ती कर लिया था. जिसके बाद हेबा ने मिस्र के एक फौजी अफसर से शादी की और युद्ध के दौरान मिस्र के एयर डिफेंस सिस्टम से लेकर फाइटर जेट की लोकेशन मोसाद को भेजी. इस जानकारी के आधार पर इजरायल ने मिस्र को काफी सैन्य नुकसान पहुंचाया था. वर्ष 1974 में हेबा को मिस्र की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद हेबा और उनके पति की हत्या कर दी गई थी. 

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