Last Updated:July 25, 2025, 18:16 IST
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ नारा दिया था, लेकिन पीएम मोदी के दौरे पर रिश्तों में गर्मजोशी दिखी. भारत ने मालदीव को ₹4,850 करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट दी और 8 समझौते किए.

हाइलाइट्स
भारत ने मालदीव को ₹4,850 करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट दी.भारत और मालदीव के बीच 8 अहम समझौते हुए.PM मोदी ने मालदीव की यात्रा के दौरान रिश्तों में गर्मजोशी दिखाई.माले/नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जब सत्ता में आए थे, तब उनका नारा था ‘इंडिया आउट’. भारत के खिलाफ खुलेआम बोलने वाले मुइज्जू ने चीन को गले लगाया था. लेकिन अब हालात पलट गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे के दौरान सब कुछ बदला-बदला नजर आया. रिश्तों में ठंडापन नहीं, गर्मजोशी थी. मालदीव की सड़कों पर मोदी की तस्वीरें थीं और उनकी झोली में भारत से ढेर सारे तोहफे. भारत ने मालदीव को सीधे 4,850 करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट देने का समझौता किया. इसके साथ LoC पर मालदीव की कर्ज भुगतान शर्तें आसान की गईं.
8 बड़े समझौते, चीन को मिला करारा जवाब
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू की मुलाकात के दौरान भारत और मालदीव के बीच कुल 8 अहम समझौते हुए.
PM मोदी का बयान, ‘हम सिर्फ पड़ोसी नहीं, सहयात्री हैं’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मालदीव के स्वतंत्रता दिवस के 60 साल पूरे होने पर भारत की ओर से शुभकामनाएं. इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने के लिए मैं राष्ट्रपति मुइज्जू का आभार प्रकट करता हूं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारत और मालदीव के संबंध 60 साल के नहीं, सदियों पुराने हैं. आज जो डाक टिकट जारी हुआ, वो बताता है कि हम केवल पड़ोसी नहीं, एक-दूसरे के सहयात्री हैं.’
#WATCH | Malé, Maldives: “…For us it is always friendship first,” says PM Narendra Modi as he speaks on India-Maldives ties.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, ‘मुझे भारत और मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू होने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. यह ऐतिहासिक पहल हमारी आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है…’
भारत-मालदीव की दोस्ती, चीन की धड़कनें तेज
मुइज्जू को अब यह बात समझ आ चुकी है कि भारत को किनारे कर के वह टिक नहीं सकते. उन्होंने चीन के साथ डील की लेकिन वह जमीन पर फेल रही. अब भारत से दोस्ती के बदले उन्हें वह सब कुछ मिल रहा है जो चीन वादे तो करता था लेकिन निभाता नहीं था: सॉफ्ट लोन, तकनीकी मदद, डिजिटल एक्सेस और सार्वजनिक सपोर्ट. मोदी की इस यात्रा ने दिखा दिया कि भारत की डिप्लोमैसी सिर्फ रणनीतिक नहीं, हार्दिक भी है. और मुइज्जू ने वक्त रहते वह गलती सुधार ली जो उन्हें महंगी पड़ सकती थी.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
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