World News In Hindi: युद्धग्रस्त गाजा पट्टी से 150 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों को लेकर एक चार्टर्ड फ्लाइट गुरुवार 13 नवंबर 2025 की सुबह साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग स्थित ओआर तांबो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा, जिससे अधिकारियों में खलबली मच गई. बता दें कि इन यात्रियों के पास उचित दस्तावेज नहीं थे, जिसके चलते उन्हें लगभग 12 घंटे तक फ्लाइट से उतरने की अनुमति नहीं दी गई.
विमान से नहीं उतरने दिया नीचे
साउथ अफ्रीकी इमिग्रेशन अथॉरिटी के मुताबिक विमान में सवार फिलिस्तीनी यात्रियों को देर रात कत विमान से इसलिए नहीं उतरने दिया गया क्योंकि वे अपनी यात्रा का मकसद और देश में अपने प्रवास की अवधि स्पष्ट नहीं कर पाए. इसके अलावा यात्रियों के पास एग्जिट टिकट या पर्चियां भी मौजूद नहीं थी, जिसे आमतौर पर इजरायली अधिकारी गाजा पट्टी छोड़ने वाले लोगों को जारी करते हैं. साउथ अफ्रीका के इस एक्शन पर कई मानवाधिकार समूहों ने आपत्ति जताई है.
फिलीस्तीनियों का उठाया फायदा
मानवाधिकार समूहों का कहना है कि विमान में 153 फिलीस्तीनियों, जिनमें परिवार, बच्चे और 1 नौ महीने की गर्भवती महिला शामिल थी. उन्हें बेहद गर्मी और बिना भोजन-पानी के विमान के अंदर दयनीय स्थिति में रखा गया. इस बीच साउथ अफ्रीका में फिलिस्तीनी दूतावास ने कहा कि चार्टर्ड फ्लाइट की व्यवस्था फेक थी, जिसे एक अनरजिस्टर्ड ऑर्गनाइजेशन की ओर से की गई थी. संगठन ने गाजा के लोगों की दयनीय स्थिति का गलत फायदा उठाया और उनसे पैसें ऐंठकर गलत तरीके से यात्रा की सुविधा प्रदान की.
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
घटना को लेकर साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि इस बात की जांच चल रही है कि केन्या के नैरोबी में रुकने के बाद फिलिस्तीनी साउथ अफ्रीका कैसे पहुंचे. रामफोसा ने कहा,'ये गाजा के लोग हैं, जिन्हें रहस्यमय तरीके से नैरोबी से गुजर रहे एक विमान में बिठाया गया और वे यहां आ गए.' बता दें कि यह घटना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हमास-इजरायल की ओर से युद्धविराम और प्रिजनर एक्सचेंज समझौते पर हस्ताक्षर करने के एक महीने बाद हुई है.

3 hours ago
