Who is New NSA of Mauritius IPS Rahul Rasgotra: आईटीबीपी के पूर्व डीजी और मणिपुर कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राहुल रसगोत्रा को द्वीपीय देश मॉरीशस का नया राष्ट्रीय सलाहकार नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति को पीएम मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट कमेटी ने अपनी मंजूरी दी. रसगोत्रा की इस नियुक्ति के साथ ही भारत ने चीन, अमेरिका समेत वैश्विक शक्तियों को एक बड़ा संकेत भी दिया है, जिसे डिफेंस एक्सपर्ट डीकोड करने की कोशिश कर रहे हैं.
कौन हैं आईपीएस अधिकारी राहुल रसगोत्रा?
राहुल रसगोत्रा एक अनुभवी आईपीएस अधिकारी रहे हैं. वे 1989 बैच के मणिपुर कैडर के आईपीएस थे. वे इस साल 30 सितंबर को आईटीबीपी के डीजी पद से रिटायर हुए हैं. उन्होंने लंबे वक्त तक आईबी में भी काम किया है. हाल में में दिल्ली में संपन्न हुए कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (सीएससी) में वे भारत की ओर से शामिल हुए थे.
बताते चलें कि मॉरीशस की सुरक्षा का जिम्मा भारत के पास है. इसके लिए दोनों देशों में 1974 में रक्षा समझौता हुआ था, जिसने भारत को मॉरीशस का प्रमुख सुरक्षा साझेदार बना दिया. इससे पहले मॉरीशस की सिक्योरिटी का जिम्मा ब्रिटेन के पास था. लेकिन भारत से समझौता होने के बाद ब्रिटेन का यह दर्जा खत्म हो गया.
भारत ने क्यों की मॉरीशस के लिए नियुक्ति?
मॉरीशस के लिए भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त करने की शुरुआत 1980 के दशक से हुई थी. उस वक्त मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में राजनीतिक अस्थिरता का दौर था. अशांति और तख्तापलट की आशंका का सामना कर रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जुगनाथ ने भारत से समर्थन मांगा.
इसके बाद भारत ने मॉरीशस की मदद के लिए ऑपरेशन लाल डोरा शुरू किया. जिसने न केवल अनिरुद्ध जुगनाथ की सत्ता बचा ली बल्कि अराजक तत्वों का भी सफाया कर दिया. इसके बाद से मॉरीशस में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शुरू करने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी जारी है.
चीन समेत दुनिया को भारत का सीधा संदेश!
डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक, मॉरीशस के एनएसए के लिए अब तक RA&W, IB और सेना से जुड़े खुफिया पृष्ठभूमि वाले अफसरों को प्राथमिकता दी जाती रही है. जो दूसरे देश में जाकर ऑपरेशन करने में निपुण रहते हैं. लेकिन रसगोत्रा की नियुक्ति इस नीति में बदलाव लाती नजर आ रही है. इसकी वजह ये है कि उनका करियर मुख्य रूप से आईबी और आईटीबीपी में बीता है. जिसमें देश की घरेलू सुरक्षा और सीमा प्रबंधन पर जोर रहता है.
माना जा रहा है कि रसगोत्रा की नियुक्ति करके भारत अपने मित्र देश मॉरीशस में कानून-व्यवस्था, घरेलू सुरक्षा, साइबर अपराध और कट्टरपंथ विरोधी प्रयासों को मजबूत करना चाहता है. चूंकि चीन भी इस द्वीपीय राष्ट्र में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में रसगोत्रा की यह नियुक्ति ड्रैगन समेत दुनिया को स्पष्ट संकेत देती है कि मॉरीशस की सिक्योरिटी के लिए भारत पूरी तरह सजग है और वह किसी भी खतरे को हल्के में नहीं लेगा.

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