जर्मनी के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल लाइपज़िग (UKL) एक बड़े विवाद में फंस गया है. वजह इंस्टाग्राम पर हॉस्पिटल ने नवजात बच्चों के बोर्ड की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें इजरायल में हुए 7 अक्टूबर के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और हमास नेता याह्या सिनवार का नाम लिखा था. हॉस्पिटल के कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने न तो इस नाम पर ध्यान दिया और न ही इसके पोपुलर रिफ्रेंसेस के बारे में जानकारी थी.
तस्वीर सामने आते ही सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा है. दबाव बढ़ने पर हॉस्पिटल ने पोस्ट डिलीट कर माफी मांगी. स्क्रीनशॉट में देखा गया कि ‘सिनवार’ के ‘i’ पर दिल का निशान भी बनाया गया था.
आतकियों के नाम पर बच्चे का नाम, क्या कहता है जर्मनी का कानून?
जर्मनी में माता-पिता को अपने बच्चों का नाम अपने हिसाब से रखने की पूरी छूट है. हालांकि, वहां के कानून में कुछ ऐसे नामों पर पाबंदी हैं जिनसे सामाजिक कलंक या हिंसक संकेत मिल सकते हैं. लीपज़िग के नागरिक रजिस्ट्री ऑफिस ने संकेत दिया है कि वे 'याह्या सिनवार' नाम को मंज़ूरी देने से इनकार कर सकते हैं. हालांकि, अगर माता-पिता इसका मुखालफत करते हैं, तो वे इसे अदालत में ले जा सकते हैं.
याह्या सिनवार: जॉन द बैपटिस्ट
याह्या नाम अरबी भाषा में जॉन द बैपटिस्ट के लिए इस्तेमाल होता है और मुस्लिम मजहब में बहुत मशहूर है. 2023 में ब्रिटेन में कुल 583 बच्चों को यह नाम दिया गया. जर्मन मीडिया आउटलेट बिल्ड के मुताबिक, एक यहूदी जर्मन रैपर बेन सलामो ने पूछा, 'क्या जर्मनी में अपने बच्चे का नाम किसी दहशतगर्द और सामूहिक हत्यारे के नाम पर रखने की इजाजत होनी चाहिए?'
हॉस्पिटल ने किया ये दावा
वहीं, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि बच्चे के माता-पिता ने सिनवार के सम्मान में यह नाम चुना था या नहीं. लेकिन इस पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आ रही है. हॉस्पिटल का दावा है कि उसकी गलती उसके बारे जानकारी नहीं होने की वजह से हुई है. लेकिन अफसर एक नैतिक दुविधा में हैं, जहां स्वतंत्रता और सामाजिक कलंक एक साथ मौजूद हैं.