'हम बदलते नहीं है...', अमेरिका के H1B वीजा को लेकर इस देश ने कसा तंज; भारतीयों को दिया आमंत्रण

3 weeks ago

अमेरिका ने हाल ही में H-1B वीजा पर सालाना 1 लाख डॉलर की भारी-भरकम फीस लगाने के फैसले ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है. इस बीच जर्मनी ने अप्रत्यक्ष तौर पर इस मुद्दे पर चुटकी लेते हुए भारतीय स्किल्ड प्रोफेशनल्स को अपने यहां अवसर तलाशने का निमंत्रण दिया है.भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा हम बदलते नहीं है...  जर्मनी भारतीयों के लिए काम करने का एक भरोसेमंद और स्थिर विकल्प है. 

जर्मन राजदूत ने जोर देकर कहा कि यहां कुशल पेशेवरों के लिए बेहतरीन अवसर मौजूद हैं और जर्मनी की नीतियां पारदर्शी और दीर्घकालिक स्थिरता देने वाली हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की नई नीति से जहां भारतीय आईटी पेशेवरों को बड़ा झटका लग सकता है, वहीं जर्मनी और अन्य यूरोपीय देश इस मौके का फायदा उठाकर भारतीय प्रतिभा को आकर्षित करने की कोशिश कर सकते हैं. अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों के लिए हालात और कठिन होते जा रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत लगातार वीज़ा नियम सख्त कर रहे हैं. 

अमेरिका ने 1 लाख डॉलर किया H-1B वीज़ा का शुल्क 
हाल ही में उन्होंने H-1B वीज़ा का शुल्क बढ़ाकर 100,000 डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दिया है. इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों में अफरा-तफरी मच गई है, क्योंकि इसका सीधा असर भारतीय आईटी और अन्य पेशेवरों पर पड़ेगा. इसी बीच भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने भारतीय कुशल पेशेवरों से जर्मनी में अवसर तलाशने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जर्मनी भारतीय टैलेंट का स्वागत करता है और यहां काम करने के लिए स्थिर और भरोसेमंद माहौल उपलब्ध है. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की नई नीति भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौती साबित होगी, वहीं जर्मनी और अन्य यूरोपीय देश इस मौके का फायदा उठाकर भारतीय प्रतिभा को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे.

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जर्मन कारों का उदाहरण देकर अमेरिका की ली चुटकी
जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने अमेरिका की पॉलिसी पर चुटकी लेते हुए कहा ‘जर्मनी की प्रवासन नीति जर्मन कार की तरह ही है पूरी तरह से भरोसेमंद, आधुनिक और अनुमानित. हमारे यहां अमेरिका की तरह से रातों-रात नियम नहीं बदले जाते हैं. हम अपनी बात पर रहते हैं और हम बदलते नहीं है.  हम अमेरिका की तरह रातों-रात नियम नहीं बदलते.’ उन्होंने कहा कि आईटी, मैनेजमेंट, विज्ञान और तकनीक जैसे क्षेत्रों में जर्मनी भारतीयों का स्वागत करता है और यहां उन्हें स्थिर माहौल मिलता है.

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