सावधान! नाक के रास्ते घुसा और खा गया पूरा दिमाग, नल के पानी में ऐसा क्या था, जिससे मर गई महिला

1 day ago

Brain-Eating Amoeba: टेक्सास से एक बेहद ही हैरान वाली घटना सामने आई है. यहां एक 71 साल की महिला की मौत एक दुर्लभ और घातक संक्रमण Naegleria fowleri की वजह से हो गई, जिसे आमतौर पर 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा' कहा जाता है. यह इनफेक्शन तब हुआ जब महिला ने एक कैंपग्राउंड में लगे रिक्रिएशनल व्हीकल (RV) के नल के पानी से अपनी नाक की सफाई की थी. इसके बाद उसकी मौत हो गई.

इस पानी में अमीबा मौजूद था, जो नाक के रास्ते ब्रेन में पहुंच गया. घटना की जानकारी हाल ही में CDC की Morbidity and Mortality Weekly Report में छपी थी. रिपोर्ट में बताया गया कि नाक की सफाई के चार दिन बाद महिला को बुखार, सिरदर्द और कंफ्यूजन होने लगी. 
 
आकार बदलने में माहिर
MMWR की रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टरों को फौरन शक हुआ कि यह गंभीर दिमागी इंफेक्शन या प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (PAM) का मामला था. यह बीमारी एन. फाउलेरी नामक एक आकार बदलने वाले अमीबा की वजह से होती है, जो नाक के जरिए से ब्रेन में एंट्री कर सकता है. यह ब्रेन की कोशिकाओं को खाना शुरू कर देता है और भारी सूजन को ट्रिगर करता है.

ब्रेन इंफेक्शन से 8 दिनों के भीतर महिला की मौत 
डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन लक्षण दिखने के आठ दिनों के भीतर ही उसकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद, टेक्सास डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट हेल्थ सर्विसेज और सीडीसी ने जांच शुरू की.
 
जांच में नहीं हुई पुष्टि
महिला द्वारा अपनी नाक की सफाई के लिए सिंचाई में इस्तेमाल किए गए पानी में अमीबा होने का शक था जो आमतौर पर मिट्टी और गर्म ताजे पानी में पाया जाता है. अफसरों ने आर.वी. के पोर्टेबल वॉटर टैंक और म्युनिसिपल वाटर सिस्टम के पानी का परीक्षण किया. हालांकि, उन्हें अमीबा का कोई निशान नहीं मिला. चूंकि परीक्षण महिला द्वारा इसका इस्तेमाल करने के 23 दिन बाद हुआ था, इसलिए अफसरों को लगता है कि तब तक पर्यावरण की स्थिति बदल गई होगी. लेकिन उन्होंने पाया कि आर.वी. की वाटर सिस्टम को ठीक से कीटाणुरहित नहीं किया गया था, जिससे अमीबा पानी में एंट्री कर सकता था.

अब तक सिर्फ 150 मामले 
अमीबा, नेगलेरिया फाउलेरी की खोज 1960 के दशक में हुई थी. तब से अब तक ब्रेन इंफेक्शन के केवल 150 मामले ही सामने आए हैं. लेकिन, यह लगभग हर बार घातक साबित हुआ है. अमीबा आम तौर पर गर्म झीलों में तैरते वक्त शरीर में एंट्री करता है. हालांकि, किसी भी प्रकार का Non-Sterile पानी भी इसके लिए मेजबान बन सकता है. एक्सपर्ट्स इस दुर्लभ इंफेक्शन से बचने के लिए नाक की सफाई के लिए केवल Distilled वाटर या जीवाणुरहित पानी का इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं.

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