Last Updated:July 01, 2025, 12:59 IST
Jaipur News : अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व के भजनलाल सरकार के नए प्लान को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत भड़क गए हैं. उन्होंने इस प्लान को लेकर कई सवाल उठाए हैं. गहलोत ने इस प्लानिंग को रद्द करने की मां...और पढ़ें

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि इस मुद्दे पर अधिक संवेदनशील होने की जरुरत है. (Photo credit : : x.com/ashokgehlot51)
हाइलाइट्स
गहलोत ने सरिस्का टाइगर रिजर्व प्लान पर आपत्ति जताई.सरकार की योजना से बाघों की सुरक्षा पर खतरा.गहलोत ने योजना को रद्द करने की मांग की.जयपुर. राजस्थान के प्रसिद्ध सरिस्का टाइगर रिजर्व के नए प्लान को लेकर अब सियासत भी गरमाने लगी है. सूबे के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार के प्रस्तावित प्लान को लेकर भारी आपत्ति दर्ज कराई है. गहलोत ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा है कि सरिस्का टाइगर रिजर्व बाघों के संरक्षण और पुनर्वास का एक अद्वितीय उदाहरण है. करीब 20 साल पहले यहां बाघों की संख्या शून्य हो गई थी. तब तत्कालीन यूपीए सरकार ने बाघों के लिए विशेष अभियान चलाया और सरिस्का अभयारण्य के वन क्षेत्र की सीमा तथा सुरक्षा को बढ़ाया. इसके कारण कारण वर्तमान में यहां लगभग 50 बाघ आबाद हो चुके हैं.
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मीडिया में आए समाचारों से पता लगा है कि राज्य सरकार सरिस्का वन क्षेत्र के दायरे को कम करना चाहती है जिससे करीब 50 खदानें पुन: शुरू हो सकें. जंगल के निकट इन खदानों को शुरू करने का नुकसान यहां के वन्यजीवों को उठाना पड़ेगा. गहलोत ने कहा कि केन्द्र और राजस्थान दोनों सरकारों में वन एवं पर्यावरण मंत्री अलवर से ही हैं. इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है.
गहलोत की एंट्री होने से अब यह विवाद तूल पकड़ सकता है
गहलोत ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में भाजपा सरकार आने के बाद से ही पर्यावरण एवं वन्यजीवों के प्रतिकूल कई प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा रही है. यह प्रदेश के भविष्य के लिए उचित नहीं है. उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए मांग की है कि ऐसी योजना को अविलंब रद्द करना चाहिए. इस पूरे मामले में पूर्व सीएम गहलोत की एंट्री होने से अब यह विवाद तूल पकड़ सकता है.
यह है सरकार की प्लानिंग
दरअसल बताया जा रहा है कि राजस्थान सरकार की प्लानिंग प्रस्तावित है कि सरिस्का की क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (CTH) की सीमाएं बदली जाए. सीटीएच यानी वह कोर जोन जिसे बाघों की सुरक्षा के लिए बेहद खास माना जाता है. जानकारों के मुताबिक अगर सरकार का यह प्रस्ताव कानूनी रूप से अधिसूचित हो जाता है तो सरिस्का की सीमाएं विभिन्न स्थानों पर पीछे हट जाएंगी. इस सीमा में अभी करीब 50 से ज्यादा ऐसी खाने हैं जिनमें खनन पर रोक लगी हुई है. इस प्रस्ताव के अमल में आने पर ये खदानें रोक के दायरे से बाहर आ जाएगी और उनमें खनन हो सकेगा. इसके पीछे सरकार का तर्क है कि इससे स्थानीय लोगों और टाइगर रिजर्व प्रशासन के बीच तालमेल पहले से ज्यादा अच्छा हो जाएगा.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan