समंदर में बह रहा है हजारों टन वजनी जहाज, ब्लास्ट के बाद शिप कंट्रोल से बाहर

3 hours ago

Last Updated:June 09, 2025, 21:18 IST

COAST GUARD RESCUE OPS: भारतीय एक्सक्लूसिव जोन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना की है. तट से 16 किलोमीटर ICG के कार्य क्षेत्र में आता है. किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने, समुद्र में आई किसी भी तरह...और पढ़ें

समंदर में बह रहा है हजारों टन वजनी जहाज, ब्लास्ट के बाद शिप कंट्रोल से बाहर

केरल के पास अरब सागर में बड़ा हादसा

हाइलाइट्स

केरल तट के पास कंटेनर शिप पर ब्लास्ट हुआ.कोस्ट गार्ड ने 18 क्रू को बचाया, 4 की तलाश जारी.शिप का इंजन बंद, कंट्रोल में नहीं है.

INDIAN COAST GUARD NEWS: “वयं रक्षामह” (हम रक्षा करते हैं) के आदर्श वाक्य के साथ कोस्ट गार्ड भारतीय समुद्री सीमा की रक्षा में जुटी है. सोमवार को फिर से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए कोच्चि के पास राहत बचाव के काम में जुट गई. इस बार फिर से एक घटना कंटेनर शिप के साथ घटी. सुबह तकरीबन 9:30 बजे कोस्टगार्ड को एक डिस्ट्रेस कॉल आई. डिस्ट्रेस कॉल सिंगापुर फ्लैग्ड कंटेनर वेसेल वॉन हाई 503 (WAN HAI 503) से की गई. इस वेसेल में एक जोरदार ब्लास्ट के बाद आग लग गई थी. यह वेसेल अझिक्कल से तकरीबन 44 नॉटिकल मील दूर और कोच्चि से 130 नॉटिकल मील उत्तर पश्चिम दूर है. यह कंटेनर शिप 22 क्रू के साथ कोलंबो पोर्ट से मुंबई पोर्ट की तरफ निकला था. कोस्ट गार्ड के असेट को तुरंत घटना वाली जगह पर भेजा गया. शिप पर लगी आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी गई. कोस्ट गार्ड मेरिटाइम रेस्क्यू कॉर्डिनेशन सेंटर की मदद से 18 क्रू को बचा लिया गया जबकि 4 की तलाश अभी जारी है.

इंजन बंद, कंट्रोल में नहीं शिप
ब्लास्ट के बाद से शिप का इंजन फिलहाल बंद है. इसे ऑपरेट करने वाला कोई शिप पर मौजूद नहीं है. तेज हवा और समंदर की लहरों के हिसाब से शिप बह रहा है. शिप फिलहाल कंट्रोल से बाहर है. ब्लास्ट के बाद 10 से 15 कंटेनर समंदर में भी गिर गए हैं. डीजी शिपिंग ने शिप के मालिक को तुरंत जहाज को रिकवर करने और आग बुझाने के एक्सपर्ट को निर्देश दिए हैं. केरल के पास पिछले 15 दिन में यह दूसरा बड़ा हादसा है. 25 मई को लाइबेरिया फ्लैग वाला कंटेनर जहाज MV MSC ELSA 3 डूब गया था. इस डूबे जहाज से तेल और कंटेनर धीरे-धीरे तट की तरफ बह रहे थे. यह जहाज केरल के अलप्पुझा तट के पास लगभग 15 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में डूबा था. कोस्ट गार्ड जहाज से रिस रहे तेल को अलप्पुझा तट तक पहुंचने से रोकने में जुटी.

हर वक्त होती है निगरानी
अंतर्राष्ट्रीय नियम के मुताबिक तट से लेकर 200 नॉटिकल मील दूर तक का पूरा इलाका एक्सक्लूसिव जोन माना जाता है. भारतीय EEZ की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना की है. ICG भारत के 4.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर के इलाके में 24 घंटे निगरानी बनाए रखता है. हर दिन 55 से 60 समुद्री प्लेटफार्मों और 10 से 12 विमानों के जरिए निगरानी की जाती है ताकि भारत के विशाल समुद्री क्षेत्र की रक्षा की जा सके. कोस्ट गार्ड ने तकरीबन पांच दशक पहले अपनी शुरुआत केवल 7 समुद्री प्लेटफार्मों से की थी. चुनौतियों के बढ़ने के साथ उनसे निपटने के लिए उनकी ताकत में भी इजाफा किया गया. इस वक्त कोस्ट गार्ड के पास 151 जहाज और 76 एयरक्राफ्ट मौजूद हैं. कोस्ट गार्ड का लक्ष्य है, साल 2030 तक अपने बेड़े की ताकत को 200 समुद्री प्लेटफार्म और 100 विमानों तक पहुंचाना.

कोस्ट गार्ड ने औसत के हिसाब से हर 2 दिन बचाई 1 जान
समुद्र में होने वाले हादसों में सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाली फोर्स में कोस्ट गार्ड है. अपने गठन के बाद से अब तक कोस्ट गार्ड ने 11,730 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है. पिछले साल कुल 169 लोगों की जान की रक्षा कोस्ट गार्ड ने की. अगर इसका औसत निकाला जाए तो हर दूसरे दिन एक जान बचाई गई है. समंदर में तलाशी और बचाव अभियानों के अलावा, ICG समुद्र में अवैध गतिविधियों को रोकने और उनसे निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. चाहे समंदर में आया कोई चक्रवाती तूफान हो या फिर बाढ़ में राहत बचाव, या फिर कोई हादसा. हर जगह कोस्ट गार्ड नजर आती है. ICG की सक्रिय भूमिका समुद्री पर्यावरण सुरक्षा में भी दिखाई देती है. भारतीय समुद्री क्षेत्र में तेल रिसाव जैसी घटनाओं के दौरान पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए तुरंत एक्टिव हो जाती है.

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