Last Updated:June 03, 2025, 19:08 IST
China Debt on Countries : चीन ने दुनिया के कई देशों को कर्ज बांटा है, जिन पर जोखिम बढ़ता जा रहा है. इनमें से कई देश तो अब तक लोन डिफॉल्ट भी कर चुके हैं. चीन का मकसद इन देशों की मदद करना नहीं, बल्कि इनके संसाधन...और पढ़ें

भारत और यूरोपीय संघ जल्द एफटीए पर समझौता कर सकते हैं.
हाइलाइट्स
चीन ने दुनिया में 94 लाख करोड़ के कर्ज बांटे हैं.श्रीलंका चीन का 70 हजार करोड़ डिफॉल्ट हो चुका है.कर्ज देकर चीन इन देशों का संसाधन कब्जा कर लेता है.नई दिल्ली. चीन कितना बड़ा चालबाज है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लग सकते हैं कि उसने दुनिया के 94 गरीब और विकासशील देशों को कर्ज बांट रखा है. इन देशों से वसूली के नाम पर वह संपत्तियां गिरवी रख लेता है और वसूली के नाम पर तमाम तरह की रियायतें भी लेता है. ऑस्ट्रलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने पाकिस्तान समेत तमाम खस्ताहाल देशों को अपने कर्ज तले दबा रखा है.
चीन ने यह पैसे किसी मदद के एवज में नहीं दिए हैं, बल्कि किसी साहूकार की तरह कर्ज के रूप में बांटे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन साल 2025 में ही इन देशों से 3 लाख करोड़ रुपये की वसूली करेगा, जिसमें से 1.90 लाख करोड़ तो दुनिया के 70 सबसे गरीब देशों से वसूले जाएंगे. चीन की वसूली के इस दबाव में इन देशों का स्वास्थ्य और शिक्षा का बजट भी गड़बड़ाने का अंदेशा है, जिसकी वजह से अगली पीढ़ी भी खराब होने की आशंका जताई जा रही है. चीन की चालबाजी का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि साल 2023 में इनमें से 40 गरीब देशों ने अपना 20 फीसदी बजट सिर्फ कर्ज चुकाने में लगा दिया है.
2013 से शुरू हुआ है खेल
चीन के कर्ज बांटने का यह खेल साल 2013 में शुरू हुआ, जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीआरआई प्रोजेक्ट शुरू किया. इस प्रोजेक्ट से दुनिया के 150 देश जुड़े हैं, जो वैश्विक जीडीपी में 40 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं. इनमें से 42 देशों पर चीन का कर्ज लदा है, जो उनकी जीडीपी के 10 फीसदी से भी ज्यादा हैं. आपको यकीन नहीं होगा कि साल 2017 में चीन आईएमएफ और विश्व बैंक को भी पीछे छोड़कर सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया है.
डराने वाले हैं इसके आंकड़े
रिपोर्ट में जो आंकड़े दिए गए हैं, वे ग्लोबल इकनॉमी को भी डराने वाले हैं. दुनिया के 52 देश चीन के सबसे बड़े कर्जदार हैं. चीन की ओर से बांटे गए 33 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विश्व बैंक की नजरों से भी छिपा हुआ है. चीन ने साल 2022 तक अपने कुल कर्ज का 60 फीसदी हिस्सा वित्तीय संकट से घिरे देशों को दिया गया, जो बताता है कि चीन की निगाह अपना पैसा वापस पाने पर नहीं, बल्कि इन देशों की संपत्तियों पर कब्जा जमाने की है.
कर्ज के पीछे खतरनाक मंशा
चीन के इस कर्ज बांटने के पीछे की मंशा इन देशों की मदद करना नहीं, बल्कि इनकी संपत्तियों पर कब्जा करना है. आर्थिक संकट से जूझ रहे वेनेजुएला और अंगोला जैसे देशों को चीन ने पैसे दिए लेकिन उनके प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा कर लिया. पाकिस्तान की हालत किसी से छिपी नहीं, जिसे पैसे देकर वह अपने कठपुतली की तरह इस्तेमाल करता है. श्रीलंका भी साल 2022 में पाकिस्तान का कर्ज डिफॉल्ट कर चुका है और बदले में उसे हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर देना पड़ा.
किस देश को सबसे ज्यादा कर्ज
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
और पढ़ें
भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
Location :
New Delhi,Delhi