'विश्व हमें तभी…' RSS चीफ मोहन भागवत ने बताया ‘विश्वगुरु’ बनने का फॉर्मूला

21 hours ago

Last Updated:August 08, 2025, 19:54 IST

RSS Chief Mohan Bhagwat News: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत तभी विश्वगुरु बनेगा जब आध्यात्मिकता और धर्म में प्रगति होगी. केवल आर्थिक ताकत से पहचान नहीं मिलेगी, भारत को निडर और आत्मिक रूप से मजबूत होना हो...और पढ़ें

'विश्व हमें तभी…' RSS चीफ मोहन भागवत ने बताया ‘विश्वगुरु’ बनने का फॉर्मूलाRSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत की असली पहचान आध्यात्मिकता और धर्म है. (फाइल फोटो PTI)

RSS Chief Mohan Bhagwat News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया भारत को तभी विश्वगुरु के रूप में मानेगी जब देश आध्यात्मिकता और धर्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करेगा. महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि दुनिया में कई देश आर्थिक रूप से समृद्ध हैं. लेकिन भारत की असली पहचान आध्यात्मिकता और धर्म में है, जिसकी आज पूरी दुनिया को जरूरत है.

RSS प्रमुख भागवत ने कहा, “भले ही हमारी अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर है, यह आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि कई देश अमीर हैं. लेकिन हमारे पास आध्यात्मिकता और धर्म है, जिसकी आज दुनिया को जरूरत है और जो केवल हमारे पास है. जब हम इन दोनों आयामों में प्रगति करेंगे, तब दुनिया हमें विश्वगुरु के रूप में मानेगी.”

VIDEO | Nagpur: RSS chief Mohan Bhagwat says, “Even if our economy is above $3 trillion, it is not surprising, because many countries are rich. But we have spirituality and dharma, which the world wants now, and only we have it. When we develop in these two dimensions, the world… pic.twitter.com/WJs4ZeBNCo

भारत को भगवान शिव की तरह निडर होना चाहिए
भागवत ने अपने संबोधन में भगवान शिव का उदाहरण देते हुए कहा कि निडर वही होता है जो शक्तिशाली हो. उन्होंने कहा कि भारत को भी निडर और आत्मविश्वासी बनना होगा, क्योंकि शक्ति के बिना निर्भीकता संभव नहीं है. उनका कहना था कि आत्मिक और नैतिक बल के साथ-साथ भौतिक सामर्थ्य भी जरूरी है.

धर्म से आती है अपनापन और एकता
इससे पहले बुधवार को एक अन्य कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था कि धर्म सत्य और पवित्र कर्तव्य है, और इसे जिम्मेदारी से निभाने से समाज में शांति कायम रहती है. उन्होंने कहा, “दुनिया को ऐसे धर्म की जरूरत है जो विविधता को अपनाए, जैसे हिंदू धर्म. धर्म हमें अपनापन सिखाता है और विभिन्नताओं को स्वीकार करना सिखाता है. हम बाहर से अलग दिख सकते हैं, लेकिन मूल रूप से हम एक हैं.”

‘विश्वगुरु’ बनने का सूत्र
भागवत के मुताबिक, भारत को विश्वगुरु का दर्जा तभी मिलेगा जब आर्थिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का भी उत्थान होगा. उन्होंने कहा कि भौतिक समृद्धि के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए आध्यात्मिकता और धर्म का मार्ग ही एकमात्र रास्ता है, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में शांति और समरसता ला सकता है.

भागवत के इस बयान को संघ की लंबे समय से चली आ रही विचारधारा का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें भारत की वैश्विक भूमिका को केवल आर्थिक ताकत से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नेतृत्व से जोड़कर देखा जाता है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...

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First Published :

August 08, 2025, 19:54 IST

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