Last Updated:June 10, 2025, 19:40 IST
PK Politics in Bihar: प्रशांत किशोर ने लालू यादव पर तंज कसते हुए उनके शासनकाल को एक बार फिर से 'जंगल राज' कहा है, जिससे आरजेडी में खलबली मच गई. पीके ने नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा, जबकि एनडीए ने पीके के बयान ...और पढ़ें

प्रशांत किशोर ने बिहार के लॉ एंड ऑर्डर पर किस पर बोला हमला?
हाइलाइट्स
प्रशांत किशोर ने लालू के शासन को 'जंगल राज' कहा.पीके के बयान से आरजेडी में खलबली मच गई.एनडीए ने पीके के बयान का स्वागत किया.पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी माहौल गर्म हो गया है. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर तीखा हमला बोला, जिससे लालू प्रसाद यादव के खेमे में खलबली मच गई. 10 जून 2025 को सारण में पीके ने लालू के एक एक्स पोस्ट पर तंज कसते हुए कहा, “लालू यादव अपराध के बारे में बात कर रहे हैं… ये तो ऐसा है कि जंगल में शेर शाकाहारी होने की बात करे.” इस बयान ने आरजेडी को मिर्ची की तरह चुभा, वहीं एनडीए ने इसे हाथों-हाथ लिया. पीके ने बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लालू के ‘जंगल राज’ से जोड़कर नीतीश कुमार और लालू, दोनों पर निशाना साधा. पीके के इस बयान से आरजेडी हमलावर हो गई है तो वहीं एनडीए ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है.
प्रशांत किशोर, जो कभी नीतीश कुमार और लालू यादव के रणनीतिकार रहे, अब जन सुराज के जरिए बिहार में तीसरे विकल्प के रूप में उभर रहे हैं. सारण में एक जनसभा में पीके ने लालू के उस एक्स पोस्ट पर निशाना साधा, जिसमें लालू ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए थे. पीके ने कहा, “लालू अगर कानून-व्यवस्था की बात करेंगे, तो ये वही है कि बूढ़ा शेर कहे मैं शाकाहारी हो जाऊंगा.” यह तंज लालू के 1990 के दशक के शासनकाल, जिसे ‘जंगल राज’ कहा जाता है, पर सीधा प्रहार था. उस दौर में बिहार में अपहरण, हत्या और रंगदारी की घटनाएं चरम पर थीं, जिसके लिए आरजेडी की आलोचना होती रही है.
बिहार में कानून व्यवस्था का हाल बिगड़ गया?
पीके ने बिहार की मौजूदा कानून-व्यवस्था को भी कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने हाल की घटनाओं, जैसे गया में पुलिस पर हमला और दरभंगा में व्यापारी की हत्या, का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार का शासन लालू के जंगल राज से भी बदतर हो चुका है. पीके ने दावा किया कि बिहार में हर दिन अपराध की 200 से ज्यादा घटनाएं दर्ज हो रही हैं, और पुलिस जनता की सुरक्षा में नाकाम है. उन्होंने नीतीश पर “थकान” और “मानसिक अस्वस्थता” का आरोप लगाया, जिससे जेडीयू और एनडीए तिलमिला गए.
आरजेडी को क्यों लगी मिर्ची?
लालू और तेजस्वी यादव ने पीके के बयान को “बचकाना” और “प्रायोजित” करार दिया. तेजस्वी ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि पीके “बीजेपी की बी-टीम” बनकर आरजेडी को बदनाम कर रहे हैं. आरजेडी का मानना है कि पीके का यह हमला उनकी मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक को कमजोर करने की साजिश है. लालू ने अपने एक्स पोस्ट में नीतीश सरकार पर बिहार को “अपराध का गढ़” बनाने का आरोप लगाया था, लेकिन पीके ने इसे पलटकर लालू के पुराने शासन से जोड़ दिया. यह तंज इसलिए भी चुभा, क्योंकि आरजेडी 2025 के चुनाव में कानून-व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाना चाहती थी, लेकिन पीके ने उसी हथियार को उनके खिलाफ मोड़ दिया.
पीके का बयान एनडीए, खासकर बीजेपी के लिए वरदान साबित हुआ. बीजेपी ने इसे लपकते हुए कहा कि पीके ने “लालू के जंगल राज की सच्चाई” उजागर की. जेडीयू ने भी पीके के नीतीश पर हमले का जवाब दिया, लेकिन लालू पर उनके तंज का स्वागत किया. बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा, “पीके ने वही कहा जो बिहार की जनता सालों से कह रही है. लालू का जंगल राज बिहार के लिए अभिशाप था.” यह बयान एनडीए की उस रणनीति का हिस्सा है, जो आरजेडी को भ्रष्टाचार और अपराध से जोड़कर बदनाम करती है.