यूपी हो या बिहार, जल्‍द ही कम किराए में सोते हुए सफर को हो जाएं तैयार...

21 hours ago

Last Updated:July 31, 2025, 11:17 IST

Non AC Coach Increase-भारतीय रेलवे ने आम लोगों को ट्रेन में सुविधाजनक सफर कराने के लिए खास प्‍लान बनाया है. इसके तहत हर साल 3400 नॉन ऐसी कोच बनाए जाएंगे. यानी स्‍लीपर और जनरल कोच में सफर करने वालों को राहत मि...और पढ़ें

यूपी हो या बिहार, जल्‍द ही कम किराए में सोते हुए सफर को हो जाएं तैयार...दो कोच फैक्ट्रियों में तैयार हो रहे हैं कोच.

हाइलाइट्स

रेलवे ने स्‍लीपर और जनरल कोच बनाएगाहर साल के लिए संख्‍या तय की गयीअगले साल से होगी यात्रियों को राहत

नई दिल्‍ली. मौजूदा समय भारतीय रेलवे के नेटवर्क में 12000 से अधिक ट्रेनें दौड़ रही हैं. इसके बावजूद कुछ राज्‍यों को जाने वाली ट्रेनों में हमेशा मारामारी रहती है. कई बार बुकिंग खुलते ही कंफर्म सीटें खत्‍म हो जाती हैं. ऐसे में यात्रियों के पास दो विकल्‍प ही होते हैं या तो वे धक्‍का मुक्‍की करते हुए या फिर महंगे किराए ( डायनेमिक या प्रीमियम ट्रेनों) में सफर करें. लेकिन जल्‍द ही भारतीय रेलवे आम लोगों को राहत देने जा रहा है. जिसके बाद महंगे किराए में सफर करने की मजबूरी नहीं होती है. कम किराए में ट्रेनों में चादर तानकर सोते हुए सफर कर सकेंगे.

रेलवे मंत्रालय के एग्‍जक्‍यूटिव डायरेक्‍टर इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी दिलीप कुमार बताते हैं कि भारतीय रेलवे ने आम लोगों को सुविधाजनक सफर कराने के लिए नॉन एसी कोचों का खासी संख्‍या में प्रोडक्‍शन कर रहा है. जिसमें स्‍लीपर और जनरल क्‍लास के कोच शामिल होंगे. अगले पांच सालों का टारगेट तय कर दिया गया है. कुल 17000 हजार कोचों का निर्माण किया जाएगा. इस तरह हर साल करीब 3400 कोच तैयार किए जाएंगे. रेलवे मंत्रालय के अनुसार अगले साल से इन कोचों का प्रोडक्‍शन तय संख्‍या के अनुसार शुरू हो जाएगा.

केवल 5 फीसदी एसी क्‍लास में करते हैं सफर

भारतीय रेलवे के अनुसार ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों में सबसे ज्‍यादा नॉन एसी में सफर करने वाले होते हैं. इसमें स्‍लीपर और जनरल क्‍लास के या‍त्री शामिल होते हैं. आंकड़ों के अनुसार करीब 95 फीसदी लोग नॉन एसी से सफर करते हैं जबकि केवल पांच फीसदी यात्री एसी क्‍लास से सफर करने वाले होते हैं.

ट्रेनों में दो तिहाई नॉन एसी कोच

ट्रेनों में नॉन एसी कोचों की संख्‍या खूब है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार प्रीमियम ट्रेनों के अलावा मेल, एक्‍सप्रेस और पैसेंजर में कुल कोचों की संख्‍या 70000 के करीब है. इसमें नॉन एसी यानी स्‍लीपर और जनरल कोच 37 फीसदी हैं, जबकि एसी कोचों की संख्‍या केवल 33 फीसदी ही हैं. स्‍लीपर और जनरल की संख्‍या बढ़ाई जा रही है.

यहां बनाए जा रहे हैं नए कोच

नॉन एसी कोच दो फैक्ट्रियों में बनाए जा रहे हैं. इंट्रीग्रल कोच फैक्‍ट्री (आईसीएफ) चेन्‍नई और रायबरेली कोच फैक्‍ट्री (आरसीएफ)में इनका निर्माण किया है. इस साल के अंत तक बनाए जा रहे नए कोचों में यात्री सफर कर सकेंगे.

Location :

New Delhi,Delhi

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