Last Updated:December 31, 2025, 10:46 IST
Telanaga News: मौत से किसको डर नहीं लगता. मौत के बारे में सोचकर भी लोगों की रूह कांप उठती है. बुढ़ापे में भी परिवार वाले नहीं चाहते हैं कि उनका प्रियजन उनको छोड़ कर जाएं. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मौत की जश्न मनाते हैं. इसी में शामिल हैं तेलंगाना के इंद्रैया. उन्होंने मौत से ही पहले ही सारी तैयारियां कर ली हैं. उन्होंने मरने के बाद यहीं दफनाने की तैयारी कर रहे हैं.
तेलंगाना के शख्स ने खुद बनाई अपनी कब्र, रोज करते हैं साफ सफाई. (सांकेतिक तस्वीर)Telanaga News: आमतौर पर लोग मौत के नाम से ही डर जाते हैं और अपने अंतिम समय की बात करने से भी कतराते हैं. लेकिन तेलंगाना के जगित्याल जिले में एक 80 साल के बुजुर्ग ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. यहां 80 वर्षीय नक्का इंद्रैया (Nakka Indrayya) ने अपनी मौत का इंतजार किसी लाचारी में नहीं, बल्कि पूरी तैयारी और शान के साथ कर रहे हैं. उन्होंने जीते-जी अपनी कब्र खुद खोद ली है और उसे किसी आलीशान घर की तरह तैयार करवाया है.
जगित्याल जिले के लक्ष्मीपुर गाँव के रहने वाले इंद्रैया की दिनचर्या बेहद अजीबोगरीब है. हर सुबह वे उठते हैं और अपने घर से कुछ दूर उस जगह पर जाते हैं, जहां उन्होंने अपनी कब्र बनवाई है. वे वहां लगे पौधों को पानी देते हैं, ग्रेनाइट के पत्थरों को साफ करते हैं और फिर कुछ देर शांति से अपनी ही कब्र के किनारे बैठते हैं. उनके लिए यह कोई डरावनी जगह नहीं, बल्कि उनका आने वाला घर है. इंद्रैया कहते हैं, ‘यह मेरा घर है जिसे मैंने खुद अपने लिए खोदा है. मेरी मौत के बाद मुझे यहीं लेटाया जाएगा, इसलिए मैंने इसे वैसा ही बनवाया है जैसा मैं चाहता था.’
12 लाख का ‘ग्रेनाइट महल’
इंद्रैया ने अपनी इस अंतिम विश्राम स्थली को बनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने इसे अपनी पत्नी की कब्र के ठीक पास बनवाया है. उन्होंने बताया कि इस कब्र को बनवाने में करीब 12 लाख रुपये खर्च हुए हैं. यह 5 फीट गहरी और 6 फीट से ज्यादा लंबी है. इसे पूरी तरह से ग्रेनाइट से बनवाया गया है ताकि यह कभी खराब न हो (Decay). इसके निर्माण के लिए उन्होंने तमिलनाडु से एक विशेष राजमिस्त्री (Mason) को बुलाया था. इसकी डिजाइन भी खास है. इंद्रैया बताते हैं कि जब उनकी मौत होगी, तो बस एक सब्बल (Crowbar) से ऊपर के ग्रेनाइट को हटाना होगा और दफनाने के बाद उसे वापस धकेल कर सील कर दिया जाएगा.
45 साल तक दुबई में कमाई
इंद्रैया का यह फैसला उनके जीवन के संघर्षों और स्वाभिमान से जुड़ा है. जब वे सिर्फ 10 साल के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया था. बचपन से ही उन्होंने मेहनत की और बाद में 45 साल तक दुबई के कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम किया. कुछ साल पहले उनकी पत्नी का भी निधन हो गया. दुबई से लौटने के बाद उनके पास जमा पूंजी तो थी, लेकिन साथ में अकेलापन भी था. उनके चार बच्चे हैं, लेकिन इंद्रैया ने अपनी मौत की तैयारी के लिए उन पर निर्भर रहना सही नहीं समझा.
किसी पर बोझ नहीं बनना
इंद्रैय का कहना है कि, ‘मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहता था. मौत से डरने की कोई जरूरत नहीं है. सबको मरना है, मुझे भी मरना है. कम से कम मुझे यह तो पता है कि मुझे कहां दफनाया जाएगा.’
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दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
Location :
Hyderabad,Telangana
First Published :
December 31, 2025, 10:46 IST

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