मुर्शिदाबाद में कितने हिन्दू-कितने मुसलमान? ममता के सॉफ्ट कॉर्नर की समझें वजह

3 weeks ago

Last Updated:April 15, 2025, 14:21 IST

Waqf Protest Violence: पश्चिम बंगाल के कई इलाके वक्फ कानून के विरोध के नाम पर हिंसा की आग झुलस गए. मुर्शिदाबाद जिले से भड़की हिंसा की चिंगारी ने साउथ 24 परगना के भांगड़ को भी चपेट में ले लिया. आइए, समझते हैं मु...और पढ़ें

मुर्शिदाबाद में कितने हिन्दू-कितने मुसलमान? ममता के सॉफ्ट कॉर्नर की समझें वजह

मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ भड़की हिंसा के पीड़ितों ने अपना दर्द बयां किया है. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

पश्चिम बंगाल के कई इलाके वक्फ कानून के विरोध के नाम पर हिंसा की आग झुलस गए.मुर्शिदाबाद से भड़की हिंसा की चिंगारी ने पड़ोस के भांगड़ को भी चपेट में ले लिया.यह जिला मुस्लिम बहुल है, जहां लगभग 70% आबादी मुस्लिम समुदाय की है.

पश्चिम बंगाल इन दिनों वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हिंसा की आग में जल रहा है. 11 अप्रैल को जिस मुर्शिदाबाद जिले से वक्फ कानून के विरोध के नाम पर हिंसा की चिंगारी उठी थी, वहां फिलहाल हालात काबू में हैं. लेकिन मुर्शिदाबाद की फिजाओं में अभी भी तनाव महसूस किया जा सकता है. सड़कें सूनी पड़ी हैं, दुकानें बंद हैं और हर तरफ सुरक्षा बल तैनात नजर आ रहे हैं. यहां रोज़मर्रा की ज़िंदगी जैसे थम सी गई है. स्थानीय लोगों के जेहन में हिंसा का वो मंजर अब भी तैर रहा है.

इस हिंसा ने न केवल सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है, बल्कि सियासी हलकों में भी हलचल मचा दी है. बीजेपी यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया रही है. बीजेपी का आरोप है कि यहां बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी का वोट टीएमसी के पाले में बनाए रखने के लिए सीएम ममता उपद्रवियों के खिलाफ नरम रुख अपना रही हैं.

तो आइए समझते हैं मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं और मुस्लिमों की आबादी कितनी है? ममता बनर्जी सरकार पर बीजेपी के इन आरोपों के पीछे की हकीकत क्या है?

मुर्शिदाबाद में नए वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे. यहां धुलियां, शमशेरगंज, सूती, जंगीपुर और निमतिता जिला 11 अप्रैल को अचानक हिंसा की चिंगारी भड़क उठी. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक पिता-पुत्र और एक नाबालिग शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों पर पथराव, बसों में आगजनी और राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को जाम किया. पुलिस ने 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और बीएसएफ की तैनाती की गई है. बीजेपी ने इसे सुनियोजित हिंसा करार दिया, जिसमें हिंदुओं को निशाना बनाया गया.

मुर्शिदाबाद में कितने हिंदू-कितने मुस्लिम?
2011 की जनगणना के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले की कुल आबादी 71,03,807 है. यह जिला मुस्लिम बहुल है, जहां लगभग 70% आबादी मुस्लिम समुदाय की है. यानी करीब 49.7 लाख मुस्लिम और 21.3 लाख हिंदू हैं. साक्षरता दर 62.59% और लिंगानुपात 958 है. इस जनसंख्या संरचना के कारण मुर्शिदाबाद में सामाजिक और राजनीतिक समीकरण हमेशा संवेदनशील रहे हैं. हाल की हिंसा में हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आई हैं, जिसके बाद कई हिंदू परिवार मालदा जिले में शरण लेने को मजबूर हुए.

कैसे पड़ा यह नाम?
मुर्शिदाबाद का नाम मुगल काल से जुड़ा है. इस शहर का नाम नवाब मुर्शिद कुली खान के नाम पर पड़ा, जिन्होंने 18वीं सदी में इसे बंगाल की राजधानी बनाया. उस समय यह शहर समृद्धि का प्रतीक था और बंगाल, बिहार, ओडिशा तक इसकी सत्ता फैली थी. 1757 में प्लासी की लड़ाई में नवाब सिराज-उद-दौला की हार के बाद अंग्रेजों ने राजधानी कोलकाता स्थानांतरित कर दी. आज भी मुर्शिदाबाद अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है.

ममता का सॉफ्ट कॉर्नर क्यों?
ममता बनर्जी ने हिंसा के बाद कहा कि वह वक्फ कानून को बंगाल में लागू नहीं होने देंगी और मुस्लिम समुदाय की संपत्ति की रक्षा करेंगी. उन्होंने शांति की अपील की, लेकिन बीजेपी ने इसे तुष्टीकरण की नीति करार दिया. ममता का यह रुख मुर्शिदाबाद की जनसंख्या संरचना से समझा जा सकता है. 70% मुस्लिम आबादी वाला यह जिला टीएमसी का मजबूत वोटबैंक है.

ममता का सॉफ्ट कॉर्नर इस वोटबैंक को नाराज करने से बचने की रणनीति है, क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय का समर्थन उनकी सत्ता की कुंजी है. बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने इसे ममता की विफलता बताया, जबकि टीएमसी का कहना है कि हिंसा के पीछे बाहरी साजिश है.

बंगाल हिंसा के दो पहलू हैं. एक वो, जिन्होंने हिंसा का दर्द झेला है, जिनके मकान दुकान उजड़ गए, उपद्रवियों ने जिन्हें रातों रात सड़क पर ला दिया. और एक पहलू वो है, जो वक्फ कानून के विरोध में हुई इस हिंसा और हिंसा करने वाले उपद्रवियों पर पर्दादारी कर रहे हैं. वैसे बंगाल हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है और अब इस मामले में इंसाफ के लिए पीड़ित सुप्रीम कोर्ट की ओर बड़ी उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं.

Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

April 15, 2025, 14:21 IST

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