मुंगेर में एनडीए की तिहरी जीत, सम्राट, प्रणय और नचिकेता ने लिख दिया नया इतिहास

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मुंगेर. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की उठी सुनामी ने कई जिलों के राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदलकर रख दिया. इसी लहर में मुंगेर जिला भी पूरी तरह एनडीएमय हो गया. जिले की तीनों विधानसभा सीटें तारापुर, मुंगेर और जमालपुर एनडीए गठबंधन की झोली में चली गईं. मतगणना की शुरुआत से लेकर अंतिम राउंड तक विपक्ष कहीं भी मुकाबले में नहीं दिखाई दिया. मुंगेर जिला की तीनों विधानसभा सीटें एनडीए के खाते में चली गईं. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी गृह विधानसभा तारापुर से अप्रत्याशित वोटों से जीत दर्ज की. जमालपुर विधानसभा में जनता ने विरासतों की लड़ाई में जदयू के नचिकेता मंडल को विधानसभा भेजने का काम किया. वहीं, इस बार बिहार के सबसे अमीर प्रत्याशी बीजेपी के कुमार प्रणय को भी मुंगेर विधानसभा की जनता ने जीत का ताज पहनाया.

सम्राट चौधरी ने रचा इतिहास, रिकॉर्ड तोड़ जीत

मुंगेर की सबसे चर्चित और हॉट सीट तारापुर इस बार राजनीतिक रूप से पूरे बिहार में चर्चा का केंद्र रही. यहां से पहली बार अपने पैतृक क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अप्रत्याशित बढ़त के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की. यह सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चौधरी परिवार की विरासत सीट मानी जाती है. सम्राट के पिता शकुनि चौधरी छह बार यहां से विधायक रहे, और उनकी माता भी एक बार चुनाव जीत चुकी हैं. लंबे अंतराल के बाद जब सम्राट ने मैदान संभाला तो पार्टी ने यह सीट जदयू से लेकर बीजेपी के खाते में स्थानांतरित कर उन्हें प्रत्याशी बनाया.

तारापुर सीट पर जनता का एकतरफा जनादेश

सम्राट चौधरी ने पूरे क्षेत्र में आक्रामक चुनाव प्रचार किया. डिप्टी सीएम होने के नाते वह जहां अपने क्षेत्र में वोट मांगते रहे, वहीं पूरे बिहार में एनडीए प्रत्याशियों की ओर से भी स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई. उनके सामने राजद ने पिछले चुनाव के उम्मीदवार अरुण साह को उतारा था. लेकिन, एनडीए की तेज लहर के आगे राजद प्रत्याशी टिक नहीं सके और सम्राट चौधरी ने 45,843 मतों के अंतर से शानदार जीत दर्ज की. सम्राट को 1,22,480 वोट, जबकि अरुण कुमार को 76,637 वोट मिले. परिवार और क्षेत्र के लिए यह जीत अभूतपूर्व रही-शकुनि चौधरी ने कहा, मैं 35 हजार वोटों से जीता था आज मेरे बेटे ने मुझे भी पीछे छोड़ दिया. तारापुर में जीत के बाद होली से पहले होली जैसा माहौल रहा-लोगों ने पटाखे फोड़े, रंग लगाया और खुशी मनाई.

मुंगेर विधानसभा सीट : कुमार प्रणय की बड़ी जीत

जिले की दूसरी सीट मुंगेर पर भी मुकाबला बीजेपी बनाम राजद का रहा. पिछले चुनाव में यहां बीजेपी ने बेहद मामूली अंतर- करीब 1,200 वोटों से जीत दर्ज की थी. इस बार पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए सीटिंग विधायक प्रणव यादव का टिकट काटकर अपने पुराने कार्यकर्ता कुमार प्रणय पर भरोसा जताया. नामांकन के अंतिम समय में टिकट मिलने के बाद भी प्रणय ने कम समय में अपना प्रभाव स्थापित किया. एनडीए की पूरी टीम उनके समर्थन में लगी और परिणाम के रूप में इस बार वोटों का अंतर कई गुना बढ़ गया. कुमार प्रणय ने 18,750 वोटों की शानदार बढ़त के साथ जीत दर्ज की. उन्हें 1,08,028 वोट मिले जबकि राजद के अविनाश कुमार विद्यार्थी को 89,278 वोट प्राप्त हुए. कुमार प्रणय पर एक और दिलचस्प तथ्य जुड़ गया है कि वे इस चुनाव के सबसे अमीर उम्मीदवार साबित हुए हैं. हलफनामे के अनुसार, उनके पास अरबों की संपत्ति है, जिसने भी जनता में जिज्ञासा और चर्चा का माहौल बनाया.

मुंगेर विधानसभा सीट पर विजय प्राप्त करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कुमार प्रणय.

जमालपुर: विरासत की लड़ाई में उभरे नचिकेता मंडल

जिले की तीसरी सीट जमालपुर इस बार सबसे अधिक बहुकोणीय और दिग्गजों की संघर्षभूमि रही. पिछले चुनाव में यह सीट कांग्रेस के अजय सिंह ने जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शैलेश कुमार को हराकर जीती थी. इसलिए जदयू के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गई थी. पार्टी ने इस बार बड़ी रणनीतिक चाल चलते हुए पूर्व मंत्री को टिकट न देकर जदयू जिलाध्यक्ष नचिकेता मंडल को प्रत्याशी बनाया जो स्वर्गीय मंत्री व सांसद ब्रह्मानंद मंडल के पुत्र हैं. नचिकेता के नाम पर पार्टी के भीतर कई बार स्थिति असमंजस की रही, लेकिन केंद्रीय मंत्री और मुंगेर सांसद ललन सिंह की पहल पर उनका नाम पक्का हुआ.

जमालपुर सीट से विजय के बाद जीत का प्रमाण पत्र लेते हुए नचिकेता मंडल.

नचिकेता ने लिखा नया इतिहास

टिकट कटने से नाराज शैलेश कुमार ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय मैदान में ताल ठोक दी. वहीं महागठबंधन ने कांग्रेस से सीट लेकर इंडिया इंक्लूसिव पार्टी के नरेंद्र तांती को मैदान में उतारा. पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे और जनसुराज के पूर्व आईएएस ललन यादव के उतरने से यह सीट दिग्गजों का अखाड़ा बन गई. लेकिन एनडीए की लहर इतनी तीव्र थी कि अनेक उम्मीदवार होने से वोट बिखरने के बजाय एकतरफा माहौल बन गया और नचिकेता मंडल ने 36,228 वोटों के भारी अंतर से अप्रत्याशित जीत दर्ज कर ली. नचिकेता मंडल को 96,683 वोट, राजद के नरेंद्र तांती को 60,455, पूर्व मंत्री शैलेश कुमार को 14,218, शिवदीप लांडे को 15,655 और जनसुराज के ललन यादव को 3,863 वोट मिले.

मुंगेर की तिहरी जीत ने जमाया एनडीए का दबदबा

मुंगेर जिले की तीनों सीटों पर एनडीए की जीत यह संकेत है कि बिहार की चुनावी हवा किस दिशा में बह रही थी. मतगणना के पहले राउंड से ही बढ़त बनाना, विपक्ष का कहीं मुकाबले में न दिखना और हर सीट पर रिकॉर्ड अंतर से जीत… यह बताता है कि मुंगेर ने इस बार एकतरफा जनादेश दिया. यह चुनाव जहां बिहार के बड़े राजनीतिक समीकरणों को बदलने वाला साबित हुआ, वहीं मुंगेर जिले में तीन नेताओं- सम्राट चौधरी, कुमार प्रणय और नचिकेता मंडल ने अपने-अपने क्षेत्र में नई राजनीतिक कहानी लिखी है.

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